Yogesh Mishra Y-Factor: मजबूत गण का तंत्र भारत

Written By :  Yogesh Mishra
Update:2021-08-10 18:01 IST

Yogesh Mishra Y-Factor: आज हम इस सवाल पर बात करेंगे कि गणराज्य होता क्या है? कोई देश कैसे बनता है गणराज्य? भारत कब गणराज्य बना? भारत क्यों है गणराज्य? गणराज्य या गणतंत्र को लैटिन भाषा में रेस पब्लिका कहते हैं। यह सरकार का एक ऐसा रूप है जिसमें राज्य का प्रमुख राजा नहीं होता। जिसमें देश को एक सार्वजनिक मामला माना जाता है। शासकों की निजी संस्था या सम्पत्ति नहीं। इस तरह के शासनतन्त्र को गणतन्त्र कहा जाता है।

गणराज्य की परिभाषा का विशेष रूप से सन्दर्भ सरकार के एक ऐसे रूप से है जिसमें व्यक्ति नागरिक निकाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। किसी संविधान के तहत विधि के नियम के अनुसार शक्ति का प्रयोग करते हैं। जिसमें निर्वाचित राज्य के प्रमुख के साथ शक्तियों का पृथक्करण शामिल होता हैं। जिस राज्य का सन्दर्भ संवैधानिक गणराज्य या प्रतिनिधि लोकतंत्र से होता है।

जब अंग्रेजों ने देश को 15 अगस्त, 1947 को आजादी दी। तो उस समय भारत छोटी-छोटी 565 देशी रियासतों में बंटा हुआ था। भारत को राष्ट्र का स्वरूप देने का काम सरदार वल्लभभाई पटेल के जिम्मे था। इस काम में उनकी मदद वी.पी. मेनन कर रहे थे। इन लोगों की कोशिश से 561 देशी रियासतों ने स्वेच्छा से भारत में विलय के घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किया।

दरअसल, लार्ड माउण्टबैटन ने भारत की आजादी को लेकर जो प्रस्ताव जवाहरलाल नेहरू के सामने रखा था। उसमें यह प्रावधान था कि इस क्षेत्र के 565 रजवाड़े भारत या पाकिस्तान में किसी एक में विलय का विकल्प चुन सकते हैं। प्रस्ताव में यह भी था कि वे चाहें तो दोनों के साथ न जाकर अपने को स्वतंत्र भी रख सकते हैं। इन 565 रजवाड़ों जिनमें से अधिकांश पिं्रसली स्टेट यानी ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य का हिस्सा थे।

जूनागढ़, हैदराबाद, कश्मीर और भोपाल ऐसी रियासतें थीं जिन्होंने संधिपत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया था। इनमें भी तीन रियासतों जूनागढ़, हैदराबाद और कश्मीर का सैनिक हस्तक्षेप के बाद विलय हो गया। इसके बाद बची भोपाल रियासत जिसका विलय कराने में सबसे ज्यादा समय लगा। 1 जून, 1949 को भोपाल रियासत का भारत में विलय के साथ भारत के गणराज्य बनाने का कार्य पूरा हुआ।

26 जनवरी, 1950 को सुबह 10.18 बजे भारत एक गणतंत्र या गणराज्य बना। इस के मात्र छह मिनट बाद 10.24 बजे राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। सबसे अंत में चीन सीमा पर स्थित सिक्किम राज्य का भारत में विलय हुआ। उसे 1972 में भारत में विलय कराकर २२वाँ भारतीय राज्य बनाया गया।

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