UP Election: यूपी की इन सीटों का क्या है गणित, देखें Y-Factor...
UP Election: दूसरे चरण में यूपी की पश्चिमी क्षेत्र की आठ सीटों नगीना (सु.), अमरोहा, बुलंदशहर (सु.), अलीगढ़, हाथरस (सु.), मथुरा, आगरा (सु.) एवं फतेहपुर सीकरी में चुनाव होना है। 2014 चुनाव में भाजपा ने सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी एवं भाजपा को अपनी प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती है। सपा-बसपा-रालोद गठबंधन से भाजपा को कड़ी चुनौती मिलने के आसार हैं।
नगीना (सु.) लोकसभा- मुस्लिम (43 प्रतिशत) एवं दलित (26 प्रतिशत), जाट, सैनी एवं अन्य जातियां बाहुल्य नगीना विधानसभा में भाजपा एवं बसपा के मध्य मुकाबला प्रतीत हो रहा है। 2004 में भाजपा के यशवंत सिंह ने नगीना लोकसभा में 92091 मतों से जीत दर्ज की थी। 2004 में भाजपा को 39 प्रतिशत मत मिला था एवं सपा ़ बसपा को 55 प्रतिशत मत मिला था। नगीना लोकसभा में भाजपा सांसद यशवंत सिंह के खिलाफ मतदाताओं में काफी नाराजगी थी। इसको देखते हुए भाजपा ने सपा के पूर्व सांसद डॉ. यशवीर को शामिल किया था, पर भाजपा ने एक बार फिर यशवंत सिंह पर विश्वास जताते हुए टिकट दिया है। बसपा की ओर से पूर्व विधायक गिरीश चंद्रा चुनाव लड़ रहे हैं एवं कांग्रेस ने नगीना विधानसभा के पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री ओमवती को टिकट दिया है।
ओमवती भाजपा से टिकट की प्रबल दावेदार थीं पर ये नामीनेशन के कुछ दिन पहले ही कांग्रेस में शामिल हो गईं। अगर कांग्रेस की उम्मीदवार ओमवती बहुतायत मुस्लिम मतों को अपने ओर करने में सक्षम होती हैं तो भाजपा की जीतने की संभावना है। अगर बहुतायत मुस्लिम और दलित मत बसपा के पाले में जाता है तो भाजपा की हारने की संभावना है। कुल मिलाकर नगीना लोकसभा में सपा़बसपा गठबंधन का पलड़ा भारी है।
अमरोहा लोकसभा- इस लोकसभा में मुस्लिम (39 प्रतिशत), दलित (19 प्रतिशत), राजपूत (8 प्रतिशत), जाट (8 प्रतिशत), सैनी, गुज्जर एवं अन्य जातियां बाहुल्य अमरोहा लोकसभा में मुस्लिम बनाम हिंदू चुनाव होने की संभावना है। 2014 चुनाव में भाजपा के कंवर सिंह तंवर ने 158214 मतों से जीत दर्ज की थी एवं भाजपा ने इनको फिर से टिकट दिया है। बसपा के टिकट पर जनता दल सेक्युलर पार्टी से राजनीति करने वाले दानिश अली एवं कांग्रेस के टिकट पर युवा जाट नेता सचिन चैधरी चुनाव लड़ रहे हैं। अगर बसपा के दानिश अली को एकतरफा मुस्लिम एवं जाटव मत मिलता है तो भाजपा को मुश्किल चुनाव का सामना करना पड़ सकता है।
इस लोकसभा में भाजपा एवं बसपा में कौन जीतेगा, इसका फैसला इस बात पर निर्भर है कि कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे सचिन चैधरी किसका वोट काटते हैं। इस लोकसभा में 1952 से 1971 तक मुस्लिम उम्मीदवार ही चुनाव जीते थे। पर 1977 से अभी तक केवल एक बार 1999 में बसपा के टिकट पर मुस्लिम उम्मीदवार राशिद अल्वी चुनाव जीते हैं।
बुलंदशहर (सु.) लोकसभा- ये लोकसभा भाजपा का गढ़ रहा है। भाजपा ने बुलंदशहर लोकसभा में 1999 के बाद 2009 को छोड़ लगातार जीत दर्ज किया है। इस लोकसभा का सामाजिक समीकरण भाजपा के अनुकूल है एवं 2019 में भी भाजपा के जीतने की संभावना है।
अलीगढ़ लोकसभा- इस लोकसभा में भाजपा एवं बसपा के मध्य कांटे का मुकाबला है। इस लोकसभा में कांग्रेस एवं बसपा ने जाट उम्मीदवार को टिकट दिया है। भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद सतीश गौतम को टिकट दिया है। भाजपा सांसद सतीश गौतम के खिलाफ लोगों में काफी नाराजगी है एवं अगर मोदी लहर के कारण इनसे लोग नहीं जुड़ते हैं तो ये चुनाव हार सकते हैं। बसपा के टिकट पर लड़ रहे अजीत बालियान को जाट के अलावा जाटव एवं मुस्लिम मत मिल रहा है। अगर ये अन्य जातीयों में पैठ बनाने में सफल रहते हैं तो भाजपा को हार का सामना करना पड़ सकता है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि मोदी लहर के कारण भाजपा का पलड़ा थोड़ा भारी है।
हाथरस (सु.) लोकसभा- इस लोकसभा में जाटव, जाट, ब्राह्मण, राजपूत एवं मुस्लिम बाहुल्य हाथरस लोकसभा में भाजपा मतों का प्रभाव ठीक है एवं सपा एवं भाजपा के मुकाबले में भाजपा की जीत प्रतीत हो रही है। इस लोकसभा में सपा़बसपा गठबंधन का सामाजिक समीकरण कमजोर है एवं सपा-बसपा गठबंधन मुकाबले में तभी आ सकती है जब जाटों का एकतरफा मत मिले जो संभव नहीं दिख रहा है।
मथुरा लोकसभा- इस लोकसभा में भाजपा एवं रालोद के बीच कांटे का मुकाबला है। 2014 में भाजपा के टिकट पर चर्चित अभिनेत्री हेमा मालिनी ने 330743 मतों से जीत दर्ज की थीं। इनके खिलाफ लोगों में नाराजगी के बावजूद भाजपा ने इनको टिकट दिया। देखना दिलचस्प होगा कि ये ग्लैमर के सहारे लोगों की नाराजगी कितना कम कर पाती हैं। रालोद ने मथुरा लोकसभा में स्थानीय राजपूत नेता कुंवर नरेंद्र सिंह को टिकट दिया है। ये राजपूत, जाट, मुस्लिम, जाटव एवं यादव सामाजिक समीकरण के सहारे चुनाव लड़ रहे हैं। इनके भाई मानवेंद्र सिंह 1984, 1989 एवं 2004 में मथुरा लोकसभा में जीत दर्ज किये थे। कांग्रेस ने उद्योगपति महेश पाठक को टिकट दिया है। अगर ये अच्छा चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा को नुकसान हो सकता है।
आगरा (सु.) लोकसभा- वैश्य, ब्राह्मण, जाटव, मुस्लिम, राजपूत, यादव, गड़ेरिया, कुशवाहा एवं अन्य जातियां बाहुल्य आगरा (सु.) लोकसभा में भाजपा एवं बसपा के मुकाबले में भाजपा की जीत प्रतीत हो रही है। इस लोकसभा के वर्तमान सांसद राम शंकर कठेरिया को भाजपा ने इटावा लोकसभा से टिकट दिया है। राम शंकर कठेरिया के खिलाफ लोगों में काफी नाराजगी को देखते हुए भाजपा ने इनके बदले मंत्री सतपाल सिंह बघेल को टिकट दिया। इनको टिकट देते हुए भाजपा ने लोकसभा में बघेल जाति की संख्या को भी ध्यान में रखा। ये मूलतरू पिछड़ी जाति में आते हैं पर अनुसूचित जाति का सार्टिफिकेट बनाते हुए 2017 में पहले विधानसभा लड़े और अब लोकसभा लड़ रहे हैं।
फतेहपुर सीकरी लोकसभा- इस लोकसभा में भाजपा एवं बसपा के बीच मुख्य मुकाबले में भाजपा का पलड़ा भारी था। पर राज बब्बर के मैदान में आने के बाद जीत किसकी होगी इस बात पर निर्भर है कि राज बब्बर किस पार्टी का कितना मत काटते हैं। भाजपा ने फतेहपुर सीकरी लोकसभा में तत्कालिक सांसद चैधरी बाबूलाल का टिकट काट कर राजकुमार चहर को चुनाव लडने का मौका दिया है। ये अभी तक जितने चुनाव लड़े हैं, सब में दूसरे स्थान पर रहे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार ये पहले स्थान पर आएंगे या कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर इनका खेल बिगाड़ देंगे। बसपा ने फतेहपुर सीकरी लोकसभा में पूर्व विधायक एवं दबंग ब्राह्मण नेता श्रीभगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित को टिकट दिया है।