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आंध्र प्रदेश पुलिस ने पेश की इंसानियत की मिसाल, जानकर आप भी करेंगे सलाम

प्रकाशम पुलिस की मानवता हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। पुलिस की दरियादिली की आजकल खबरों में आ रहे हैं जो प्रशंसनीय है।

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Newstrack Network Newstrack - NetworkPublished By Suman Mishra
Published on: 30 April 2021 2:38 PM IST
आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले की पुलिस
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 तस्वीर( साभार-सोशल मीडिया) 

प्रकाशम : कोरोना काल (Corona Period) में जहां लोग एक दूसरे से दूर भाग रहे हैं वहीं कुछ लोग सबकुछ भूलकर इंसानियत (Humanity) की मिसाल भी कायम कर रहे हैं। ऐसा ही मामला आंध्र प्रदेश(Andhra Pradesh) से आया है।

यहां पुलिस का एक मानवीय चेहरा देखने को मिला है। जब आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले की पुलिस ने एक भिखारी(Beggar) के शव को दफनाने के लिए लगभग 2 किलोमीटर तक अपना कंधा दिया है और सरकारी अस्पताल से दूर जंगल में ले जाकर उसका अंतिम संस्कार किया है।

पुलिस ने किया अंतिम संस्कार

बता दें कि डीजीपी गौतम सवांग ने पुलिस द्वारा किए गए इस काम की सराहना की है। पुलिस घने जंगल से 2 किलोमीटर दूर अपने कंधों पर एक भिखारी की लाश को ले जाने के लिए पास के एक सरकारी अस्पताल में पहुँचे। उनकी मानवता हम सभी के लिए प्रेरणा बनकर खड़ी है। पुलिस की दरियादिली के कई मामले आजकल खबरों में आ रहे हैं जो प्रशंसनीय है।


ही राज्य में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 10,84,336 तक पहुंच गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 57 मरीजों की मौत के साथ ही इस घातक वायरस के कारण जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 7928 हो गई। साथ ही 8,188 मरीज संक्रमणमुक्त हुए जिसके साथ ही अब तक 9,62,250 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 1,14,158 मरीज उपचाराधीन हैं। राज्य में पिछले 24 घंटे में 86,000 से अधिक नमूनों की जांच की गई. उधर, गोवा में गुरुवार को संक्रमण के 3,019 नए मामले सामने आने के साथ ही अब तक राज्य में 88,028 लोग वायरस की चपेट में आ चुके हैं।

Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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