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Baby Birth on Train: गर्भवती महिला ने ट्रेन में बच्चे को दिया जन्म, मेडिकल स्टूडेंट की मदद से बची दो जानें
Baby Birth on Train: अपने घर जा रही मेडिकल छात्रा स्वाति रेड्डी गीताम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (जीआईएमएस) में एमबीबीएस की ट्रेनिंग ले रही हैं। स्वाति ने ट्रेन में यात्रा के दौरान 28 वर्षीय गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा से कराहते सुना।
Baby Birth on Train: आंध्र प्रदेश से एक बेहद हैरानी की मगर इंसानियत की जिंदा मिसाल देने वाली खबर सामने आई है। यहां फाइनल ईयर के एक मेडिकल छात्रा ने मंगलवार को एक्सप्रेस ट्रेन में एक गर्भवती महिला को बच्चे को जन्म देने में मदद की। गर्भवती महिला सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम दुरंतो एक्सप्रेस में यात्री कर रही थी, इस ट्रेन में मेडिकल का छात्रा भी थी। अचानक से जब गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई। तभी नरसरावपेट की मेडिकल छात्रा स्वाति रेड्डी जोकि आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले की रहने वाली हैं गर्भवती महिला के प्रसव पीड़ा के बारे में पता चला।
बता दें, मेडिकल छात्रा स्वाति रेड्डी गीताम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (जीआईएमएस) में एमबीबीएस की ट्रेनिंग ले रही हैं। स्वाति ने ट्रेन में यात्रा के दौरान 28 वर्षीय गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा से कराहते सुना। गर्भवती महिला अपने पति के साथ अपने पैतृक घर श्रीकाकुलम में जा रही थी। तो स्वाति ने अपनी सूझ-बूझ से गर्भवती महिला की डिलीवरी ट्रेन में ही की।
ट्रेनिंग कर रही छात्रा ने की मदद
मेडिकल छात्रा स्वाति ने बताया कि गर्भवती महिला को सुबह करीब साढ़े तीन बजे प्रसव पीड़ा होने लगी। ऐसे में स्वाति ने उस महिला की मदद करने की सोची। शुरू में स्वाति बहुत चिंतित थी क्योंकि उसने पहले खुद से एक डिलीवरी नहीं की थी और केवल अपने प्रोफेसरों के साथ ट्रेनिंग में रही थी। उसे यही लग रहा कि क्या वह सही डिलीवरी करा पाएगी।
स्वाति ने कहा, "मैं चिंतित थी और डर भी रही थी क्योंकि 45 मिनट तक प्लेसेंटा बाहर नहीं आया था, लेकिन जब बच्चा बाहर आया तो मुझे राहत मिली।"
आखिरकार सुबह 5:35 बजे जब ट्रेन अन्नावरम के पास थी, तो बच्ची को जन्म दिया गया। स्वाति ने बताया कि नवजात शिशुओं को गर्माहट में रखा जाना चाहिए, लेकिन वे जिस कोच में यात्रा कर रहे थे वह वातानुकूलित था। लेकिन बच्चे को गर्माहट देने के लिए यात्रियों ने मदद करते हुए अपने-अपने कंबल महिला को दिए। ताकी बच्चे को लपेटकर गर्माहट दी जा सके।
स्वाति ने कहा कि कई यात्रियों ने भी डिलीवरी में उनकी सहायता की और डिब्बे को "अस्थायी डिलीवरी रूम" में बदल दिया।
बच्चे के जन्म के डेढ़ घंटे के बाद ही अस्पताल ले जाया जा सका क्योंकि ट्रेन का विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम के बीच कोई स्टॉप नहीं था। एक बार जब वे अनाकापल्ली स्टेशन पहुंचे, तो मां और नवजात को एक एम्बुलेंस में एनटीआर सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जिसे तैयार रखा गया था। स्वाति उनके साथ अस्पताल गई और डॉक्टरों को बच्चे के समय से पहले प्रसव के बारे में जानकारी दी। फिलहाल बच्चा ठीक है और उसे इनक्यूबेटर में रखा गया था।