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Andhra Pradesh : दुनिया की सबसे ऊँची डॉ भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति का आज आंध्र प्रदेश में अनावरण, जानिए क्या है खास
Andhra Pradesh : :आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में आज, भारतीय संविधान के निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण होने जा रहा है।
Andhra Pradesh :आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में आज, भारतीय संविधान के निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण होने जा रहा है। इस अद्वितीय प्रतिमा का अनावरण करने का सौभाग्य आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी को प्राप्त हुआ है। इस सार्वजनिक घड़ी में, नगर के लोग इस ऐतिहासिक क्षण को साझा करने के लिए उत्सुक हैं, जब संविधान से जुड़े इस महान व्यक्ति की प्रतिमा का आधुनिक भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धाराओं के बीच महत्वपूर्ण रूप से सजीव किया जायेगा।
स्टैच्यू ऑफ सोशल जस्टिस
इस मूर्ति को स्टैच्यू ऑफ सोशल जस्टिस नाम दिया गया है। जब 'स्टैच्यू ऑफ सोशल जस्टिस' की प्रतिमा 206 फीट की ऊंचाई पर उभरेगी, तब यह दुनिया की शीर्ष 50 सबसे ऊंची मूर्तियों की लिस्ट में शुमार होगी। इस सूची में सरदार वल्लभाई पटेल की 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' भी शामिल है। अंबेडकर की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा 175 फीट की है, जो कि तेलंगाना राज्य में स्थित है।
जानिए प्रतिमा की खासियत
दुनिया की सबसे ऊंची अम्बेडकर प्रतिमा जो कि 125 फीट ऊंची है, और 81 फीट ऊंचे पैडस्टल पर खड़ी है। विश्व की श्रेष्ठतम मूर्तियों में गिनी जाएगी। इस प्रतिमा के निर्माण की खर्च राशि 404.35 करोड़ रुपये है, और यह एक हरे-भरे पार्क के 18.81 एकड़ के परिसर में स्थित है। इस मूर्ति का निर्माण पूरी तरह से ‘मेड इन इंडिया’ प्रोजेक्ट के तहत किया गया है, जिसमें लगभग 400 टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है। मूर्ति को बनाने के लिए स्वराज मैदान समेत मूर्ति के आसपास के क्षेत्र को पुनः विकसित किया गया है, जिसमें जल निकाय और अन्य सुविधाएं शामिल हैं। इसके साथ ही, एक म्यूजिकल वॉटर फाउंटेन भी बनाया गया है। अम्बेडकर के जीवन को दर्शाने के लिए इस मूर्ति पर एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई है। सम्मेलन केंद्र, एक फूड कोर्ट, और बच्चों के लिए खेलने का क्षेत्र जैसी सुविधाएं इस स्थल को और भी आकर्षक बनाती हैं।
कौन थे डॉ. भीमराव अम्बेडकर?
डॉ. भीमराव अम्बेडकर, जिन्हें बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संविधान के प्रमुख रचनाकार और सोशल रिफॉर्मर थे। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के महू गाँव में हुआ था। डॉ. अम्बेडकर ने भारतीय समाज में जातिवाद और असमानता के खिलाफ सशक्त आवाज उठायी थी। उन्होंने अनेक समाजसेवी कार्यों का नेतृत्व किया और दलितों के हक की रक्षा की। उन्होंने भारतीय संविधान का निर्माण किया, जो 26 जनवरी 1950 को पूर्णतः प्रभावी हुआ। डॉ. अम्बेडकर का योगदान सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपार समाजसेवा और सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए विख्यात हैं और उन्हें "भारतीय संविधान के पिता" के रूप में भी जाना जाता है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर की मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को हुई थी।
देश के गौरव की बात
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने एक ट्वीट में लिखा है कि विजयवाड़ा में हमारी सरकार द्वारा बनाए गए 206 फीट का अंबेडकर महाशिल्पम न केवल राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है।