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असम में बोले अमित शाह- राज्य में लैंड जिहाद कर रहे हैं बदरुद्दीन अजमल
अमित शाह ने एआईएयूडीएफ के नेता बदरुद्दीन अजमल पर हमला बोलते हुए कहा है कि वह असम में 'लैंड जिहाद' कर रहे हैं
नई दिल्ली: असम में विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होना है, जिसके लिए प्रचार गुरुवार शाम से थम चुका है। लेकिन दूसरे व तीसरे चरण के लिए प्रचार अभियान जोरशोर से जारी है। इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने असम के मोरीगांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और एआईएयूडीएफ के गठबंधन को आड़े हाथों लिया।
प्रदेश में लैंड जिहाद
गृह मंत्री अमित शाह ने एआईयूडीएफ के नेता बदरुद्दीन अजमल पर हमला बोलते हुए कहा है कि वह प्रदेश में 'लैंड जिहाद' कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं आप लोगों को गारंटी देता हूं कि 5 साल बाद असम में कोई भी व्यक्ति लैंड जिहाद करता नहीं दिखेगा। रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने बदरुद्दीन अजमल को आधुनिक काला पहाड़ करार दिया।
राहुल गांधी पर हमला
गृह मंत्री ने पूछा कि क्या राहुल गांधी और बदरुद्दीन अजमल असम को सुरक्षित रख पाएंगे? पिछले सप्ताह ही सरायघाट के युद्ध की जयंती थी। यह युद्ध असम के योद्धा लाचित बडफुकन के नेतृत्व में लड़ा गया था। उन्होंने सालों तक असम की भूमि को मुगलों से बचाने का काम किया था। गृह मंत्री अमित शाह ने असम की अस्मिता का सवाल उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी यहां आते हैं और कहते हैं कि बदरुद्दीन अजमल असम की पहचान हैं, लेकिन असल में शंकरदेव, महादेव और लाचित बडफुकन असम की पहचान हैं।
उन्होंने असम में रैली के दौरान बदरुद्दीन अजमल की तुलना काला पहाड़ से की और कहा कि वह आधुनिक काला पहाड़ हैं। दरअसल काला पहाड़ एक जनरल था, जिसने उड़ीसा और असम के बड़े इलाके में हमला किया था। कहा जाता है कि काला पहाड़ एक ब्राह्मण परिवार में पैदा हुआ था, लेकिन बाद में इस्लाम अपना लिया था।
कौन था काला पहाड़
काला पहाड़ बंगाल के 'सुलेमान कर्रानी' का सेनापति था। उसने ओडिशा के जगन्नाथ पुरी मंदिर में हमला किया था और भारी लूटपाट मचाई थी। यहां तक कि उसने मंदिर में पूजा भी बंद करा दी थी। इसके बाद काला पहाड़ ने असम के तेजपुर में हमला बोला और फिर कामाख्या मंदिर पर भी हमला किया था। इतना ही नहीं काला पहाड़ को असम में एक आक्रांता और हिंदू पर अत्याचार करने वाले शख्स के तौर पर जाना जाता है।