TRENDING TAGS :
Assam: हिमंत ने फिर राहुल के कुत्ते को किया याद, कहा-उसकी जूठी प्लेट तक खा गए वरिष्ठ कांग्रेस नेता
Assam: असम के मुख्यमंत्री ने राहुल के साथ हुई इस मीटिंग का पहली बार विस्तार से खुलासा किया है।
Assam: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का एक बयान इन दिनों काफी चर्चाओं में है। उन्होंने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का आभार जताते हुए कहा कि मुझे मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने में उनका बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने राहुल गांधी की मीटिंग में उस कुत्ते को एक बार फिर याद किया है जिसकी वजह से उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामा और असम के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक जा पहुंचे। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पहली बार राहुल के उस कुत्ते का नाम पीडी बताया है।
असम के मुख्यमंत्री ने राहुल के साथ हुई इस मीटिंग का पहली बार विस्तार से खुलासा किया है। उनका कहना है कि उस मीटिंग में असम में भाजपा को हराने पर चर्चा हो रही थी और इस मीटिंग में राहुल और उनके अलावा पार्टी के अन्य प्रमुख नेता भी मौजूद थे। सभी नेता अपने-अपने तर्क दे रहे थे मगर किसी की बातों में दिलचस्पी न लेते हुए राहुल गांधी अपने कुत्ते पीडी के साथ खेलने में मशगूल थे।
इन नेताओं ने खाई कुत्ते की जूठी प्लेट
मुख्यमंत्री हिमंत ने पहली बार इस मीटिंग का एक दिलचस्प वाकया भी बताया है। उन्होंने कहा कि मीटिंग में मौजूद नेताओं के लिए चाय-कॉफी और बिस्किट का भी इंतजाम था। सबकुछ टेबल पर रखा हुआ था। तभी राहुल का कुत्ता टेबल पर रखी प्लेट से एक बिस्किट निकालकर खाने लगा। इस पर राहुल गांधी उन्हें देखकर हंसने लगे। सरमा ने कहा कि उनके दिमाग में यही बात चल रही थी कि आखिर राहुल उन्हें देखकर हंस क्यों रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे हाथ में कप लेकर कुत्ते की जूठी प्लेट के बदले दूसरी प्लेट लाए जाने का इंतजार कर रहे थे मगर यह इंतजार पूरा नहीं हो सका। मुझे यह देखकर बहुत आश्चर्य हुआ कि कांग्रेस के तरुण गोगोई और सीपी जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं ने राहुल के कुत्ते की जूठी प्लेट से ही बिस्कुट उठाकर खूब मन से खाया। मैं तो अचरज में डूब गया मगर वहां के माहौल से मुझे लगा कि यहां यह सबकुछ काफी नॉर्मल बात है।
सीएम की कुर्सी तक पहुंचाने में राहुल का योगदान
असम के सीएम ने कहा कि इस घटना से उन्हें काफी धक्का लगा और राहुल गांधी के बारे में उनकी धारणा बिल्कुल बदल गई। उन्हें लगा कि राहुल गांधी की बैठकें ऐसी ही हुआ करती होंगी। हिमंत ने कहा कि मैंने उसी दिन अपने मन में यह बात सोच ली कि मैं ऐसे नेता के साथ कभी काम नहीं कर सकता। इस घटना में मेरे दिलो-दिमाग पर काफी असर डाला मैंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।
इस बार के चुनाव में भाजपा के बहुमत में आने पर पार्टी ने मुझे असम के मुख्यमंत्री के रूप में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है और इस पद तक पहुंचाने के लिए मैं राहुल गांधी का शुक्रगुजार हूं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की मीटिंग में अगर कुत्ते वाली वह घटना न हुई होती है तो शायद मैं राजनीति में इस ऊंचाई तक नहीं पहुंच पाता।
काफी मंथन के बाद सीएम बने हिमंत
असम के विधानसभा चुनाव में इस बार राहुल और प्रियंका ताकत तो लगाई थी मगर कांग्रेस को अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी। भाजपा ने लगातार दूसरी बार राज्य में सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की है।
भाजपा के विजयी होने पर काफी दिनों तक सर्वानंद सोनोवाल और हिमंत दोनों के नाम चर्चा में रहे। बाद में हाईकमान ने दोनों को दिल्ली बुलाया और दोनों नेताओं से बातचीत के बाद हिमंत के नाम पर मुहर लगा दी गई। भाजपा को चुनाव जिताने में हिमंत की बड़ी भूमिका मानी जाती है।
Next Story