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पूर्वोत्तर के तीसरे राज्य में पूर्व कांग्रेसी भाजपाई CM, अरुणाचल-मणिपुर के बाद अब असम का नंबर

हिमंत बिस्वा सरमा के मुख्यमंत्री बनने के बाद असम पूर्वोत्तर का ऐसा तीसरा राज्य होगा जहां पूर्व कांग्रेसी भाजपा की सरकार में मुख्यमंत्री बनेगा।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Dharmendra Singh
Published on: 9 May 2021 3:57 PM GMT
Himanta Biswa Sarma
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एक रैली के दौरान हिमंत बिस्वा सरमा (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: असम (Assam) में हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है। वह सोमवार को असम के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। असम में मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा ऊहापोह में फंसी हुई थी मगर आखिरकार हिमंत के नाम पर ही मुहर लगी।

हिमंत बिस्वा सरमा के मुख्यमंत्री बनने के बाद असम पूर्वोत्तर का ऐसा तीसरा राज्य होगा जहां पूर्व कांग्रेसी भाजपा की सरकार में मुख्यमंत्री बनेगा। सरमा भी काफी दिनों तक कांग्रेस में रहे हैं और उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा का दामन थामा था। असम के अलावा अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में भी भाजपा ने ऐसे नेताओं को मुख्यमंत्री बनाया है जो पूर्व कांग्रेसी रहे हैं।

असम में ऊहापोह में फंसी थी भाजपा

असम के विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने के बाद भी भाजपा मुख्यमंत्री पद को लेकर उलझी गुत्थी को नहीं सुलझा पा रही थी। असम के नए मुख्यमंत्री को लेकर भाजपा में काफी मंथन किया गया और शनिवार को हिमंत और सर्बानंद सोनोवाल दोनों को दिल्ली बुलाया गया था। पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने दोनों नेताओं से अलग-अलग बात की और आखिरकार हिमंत के नाम पर ही मुहर लगी।
रविवार को गुवाहाटी में भाजपा विधायक दल की बैठक में हिमंत को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुन लिया गया। पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि हिमंत सोमवार को सीएम पद की शपथ लेंगे।

हिमंत ने राहुल पर लगाया था यह आरोप

हिमंत पूर्व कांग्रेसी रहे हैं और उन्होंने 2015 में कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। इसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। उन्होंने पार्टी छोड़ते समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर अनदेखी करने का गंभीर आरोप लगाया था। उनका कहना था कि राहुल गांधी नेताओं से ज्यादा अपने कुत्ते को तरजीह देते हैं।
उनका दावा था कि एक बार जब राहुल गांधी से असम की राजनीति पर बातचीत करने के लिए मिलने गए थे तब राहुल गांधी उनकी बातों को सुनने के बजाय अपने कुत्ते को बिस्किट खिलाने में मशगूल थे। हिमंत ने कांग्रेस छोड़ने का एक प्रमुख कारण इसे भी बताया था।

पूर्वोत्तर के राज्यों पर भी मजबूत पकड़

असम के नए मुख्यमंत्री चुने गए हिमंत असम के अलावा पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों पर भी मजबूत पकड़ रखते हैं। उन्हें असम में काफी लोकप्रिय माना जाता है और यही कारण है कि इस बार भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के रूप में किसी चेहरे का एलान नहीं किया था। इसके बाद से ही ऐसी अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि पार्टी राज्य की कमान सोनोवाल की जगह इस बार हिमंत को ही सौंप सकती है।

पेमा खांडू और एन.बीरेन सिंह (काॅन्सेप्ट फोटो: सोशल मीडिया)

मणिपुर के बीरेन सिंह भी पूर्व कांग्रेसी
हिमंत बिस्वा सरमा के अलावा अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू और मणिपुर में एन.बीरेन सिंह भी पूर्व कांग्रेसी रहे हैं। मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने 2016 में भाजपा का दामन थामा था। इससे पहले वे कांग्रेस के ही सदस्य थे। फुटबॉलर और पत्रकार रहे बीरेन सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 2002 में डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी से की थी।
इसके दो साल बाद इस पार्टी का विलय 2004 में कांग्रेस में हो गया था। बाद में उन्हें राज्य में मंत्री भी बनाया गया था। 2012 में इबोबी सिंह से रिश्ते खराब होने के बाद बीरेन सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने 2016 में भाजपा की सदस्यता ले ली। 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें भाजपा की ओर से मणिपुर का मुख्यमंत्री बनाया गया।

अरुणाचल के पेमा खांडू की भी यही कहानी

इसी तरह अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू भी पूर्व कांग्रेसी रहे हैं मगर अब भाजपाई मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे हैं। पेमा खंडू ने 2016 में पहले 43 विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर पीपीए की सदस्यता ली और बाद में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया।
बाद में 2019 में हुए अरुणाचल विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस को काफी पीछे छोड़ दिया। भाजपा ने 60 में से 41 सीटों पर जीत हासिल की जबकि कांग्रेस सिर्फ 4 सीटें ही जीत सकी। चुनाव के बाद मुख्यमंत्री के रूप में पेमा खांडू को ही चुना गया। इस तरह मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के बाद असम पूर्वोत्तर का ऐसा तीसरा राज्य होगा जहां पूर्व कांग्रेसी भाजपाई सीएम के रूप में कमान संभालेगा।


Dharmendra Singh

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