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Assam-Mizoram Border Violence: सीमा विवाद के बीच असम सरकार ने मिजोरम की यात्रा न करने की दी सलाह
Assam-Mizoram Border Violence: इस नई एडवाइजरी में मिजोरम की यात्रा ना करने की सलाह दी गई है। ऐसा पहली बार है जब किसी राज्य ने दूसरे राज्य को लेकर ऐसी एडवाइजरी जारी की है।
Assam-Mizoram Border Violence: असम और मिजोरम सीमा विवाद (Assam and Mizoram border dispute) के बीच असम सरकार (Assam government) ने नई एडवाइजरी (new advisory) जारी की है। इस नई एडवाइजरी में मिजोरम की यात्रा ना करने की सलाह दी गई है। ऐसा पहली बार है जब किसी राज्य ने दूसरे राज्य को लेकर ऐसी एडवाइजरी जारी की है। सरकार का कहना है कि लोगों की सुरक्षा के लिए ऐसा करना ज़रूरी है। इसी के साथ जो लोग काम के लिए मिजोरम में हैं, उनको ज्यादा सावधान रहने की सलाह दी गई है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, असम पुलिस के पांच जवानों की 26 जुलाई को मौत हो गई। दशकों से चल रहे असम और मिजोरम सीमा विवाद के चलते इन पांच जवानों की जान गई। दोनों सीमा के बीच पिछले साल भी विवाद हुआ था। जिसकी वजह से दोनों राज्यों के लोग आपस में भिड़े थे। इस हिंसा में करीब 8 लोगों की मौत हुई थी। इस दौरान कुछ घरों के साथ दुकानों को भी जला कर नुकसान पहुंचाया गया।
विवाद की जड़
मिजोरम के लोगों का मानना है कि सन् 1875 में सीमा को रेखांकित करना था। इस जारी की गई नोटिफिकेशन को बंगाल ईस्टलर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (BEFR) एक्टो, 1873 के आधार पर तय किया था। उनका कहना है कि उनसे बिना पूछे सीमा का निर्धारण कर दिया गया, बिना किसी सलाह मशवरा के।
भाजपा ने कांग्रेस को दोषी ठहराया
वही इस विवाद में भाजपा ने लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद के पीछे कांग्रेस सरकारों को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहां कि पुरानी पार्टी ने विवादों से बचने के लिए पलायनवादी रवैया अपनाया था। सीमावर्ती राज्यों ने असम के कई क्षेत्र पर सालों से कब्ज़ा जमाया हुआ है। नेताओं ने इन मुद्दों से बचने के लिए पलायनवादी रवैया अपनाया था।
वहीं भाजपा के इस वार पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए सवाल किया कि भाजपा सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाए।