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Coronavirus: ससुर को पीठ पर उठाकर कई किमी चलकर अस्पताल पहुंची बहू, चारों तरफ हो रही तारीफ

निहारिका दास ने दो किलोमीटर पैदल चलकर अपने कोरोना पॉजिटिव ससुर को पीठ पर उठाकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया है। इस दौरान किसी ने उसकी मदद नहीं की केवल फोटो ही खींचते रहे।

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Reporter NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 10 Jun 2021 9:11 AM GMT
Daughter-in-law reached hospital by lifting corona infected father-in-law on her back
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निहारिका दास अपने कोरोना पॉजिटिव ससुर को अस्पताल ले जाती हुई: डिजाईन फोटो-सोशल मीडिया

Assam News: कोरोना महामारी ने समाज में छुपी कई ऐसी तस्वीरों को भी उजागर किया है जिसको देखकर लोग अपने दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं और तारीफ़ करते हैं। एक ऐसी ही तस्वीर असम के नगांव में नजर आई है। निहारिका दास ने समाज के लिए एक मिसाल पेश की। बेटे का फर्ज निभाकर वह आदर्श बहू बन गई हैं। जिसकी तारीफ़ सोशल मीडिया पर खूब हो रही है और लोग कह रहे हैं कि बहू हो तो निहारिका दास जैसी। निहारिका दास ने दो किलोमीटर पैदल चलकर अपने कोरोना पॉजिटिव ससुर को पीठ पर उठाकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया है। इस दौरान किसी ने उसकी मदद नहीं की केवल फोटो ही खींचते रहे।

दरअसल, निहारिका दास की जो फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इसमें वे अपने कोरोना पॉजिटिव ससुर को पीठ पर उठाए दिख रही हैं। निहारिका ससुर को पीठ पर उठाकर करीब 2 किलोमीटर पैदल चलीं । इस दौरान लोगों ने फोटो खींची, लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया।

निहारिका अपने ससुर को नहीं बचा सकीं

तस्वीर वायरल होने के बाद अब लोग निहारिका को आदर्श बहू कह रहे हैं। हालांकि इतनी मेहनत के बाद भी निहारिका अपने ससुर को नहीं बचा सकीं और खुद भी कोरोना पॉजिटिव हो गई।

मदद के लिए कोई नहीं आया आगे

बता दें कि निहारिका के ससुर थुलेश्वर दास राहा क्षेत्र के भाटिगांव में सुपारी विक्रेता थे। 2 जून को थुलेश्वर दास में कोरोना के लक्षण दिखे थे। तबीयत खराब होने पर उन्हें 2 किमी दूर राहा के स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के लिए बहू निहारिका ने रिक्शे का इंतजाम किया, लेकिन उनके घर तक ऑटो रिक्शा नहीं आ सकता था और ससुर की हालत बिगड़ती जा रही थी। उस वक्त घर में कोई और मौजूद नहीं था।

पीठ पर ले जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था

निहारिका के पति सिलीगुड़ी में काम करते हैं। ऐसे में उनके पास ससुर को पीठ पर ले जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। निहारिका ने ससुर को पीठ पर लादकर ऑटो स्टैंड तक ले गई और फिर स्वास्थ्य केंद्र पर वाहन से निकालकर अस्पताल के अंदर ले गई। इस दौरान किसी ने मदद नहीं की। निहारिका के एक 6 साल का बेटा भी है।

Shashi kant gautam

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