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Assam Government : असम में अब स्टेटस सिम्बल वाली सरकारी सुरक्षा ख़त्म होगी
Aasam Government : सरमा सरकार (Sarma government) ने फैसला किया है कि अब से कोई मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद आजीवन सरकारी आवास और सुरक्षा कवर का हकदार नहीं होगा।
Assam Government : नए साल में असम की हेमंत बिस्वसरमा (Assam cm Hemant Biswasarma) सरकार ने वीआईपी कल्चर (VIP culture) को कम करने के लिए एक नया कदम उठाया है जिसके तहत स्टेटस सिम्बल (Status symbol) के रूप में बांटी जाने वाली सरकारी सुरक्षा खत्म होगी। सरमा सरकार (Sarma government) ने फैसला किया है कि अब से कोई मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद आजीवन सरकारी आवास और सुरक्षा कवर का हकदार नहीं होगा। यह नीति वर्तमान तिथि से लागू होगी यानी बिस्वासरमा और उनके बाद सभी होने वाले मुख्यमंत्री इसके दायरे में आएंगे। यह नीति पूर्व मुख्यमंत्रियों प्रफुल्ल कुमार महंत (Former Chief Ministers Prafulla Kumar Mahant), (दिवंगत) तरुण गोगोई (Tarun Gogoi) या सर्बानंद सोनोवाल को दिए जाने वाले लाभों में कटौती नहीं करेगी। सरमा सरकार नेताओं, नौकरशाहों, चाय बगान प्रबंधकों और व्यापारियों को प्रदान किए जाने वाले व्यक्तिगत सुरक्षा कवर को भी कम करेगी। सरमा का इरादा असम में वीआईपी कल्चर को कम करने का है।
ख़तरा होने पर सुरक्षा कवर प्रदान किया जाएगा
असम सरकार (Assam Government) का कहना है कि कोई वास्तविक ख़तरा होने पर सुरक्षा कवर प्रदान किया जाएगा लेकिन सुरक्षा कवर प्रदान करने के लिए गठित बोर्ड द्वारा मूल्यांकन के बाद ही ऐसा होगा। 2015 में तरुण गोगोई कैबिनेट द्वारा मुख्यमंत्रियों को पद से हटने के बाद आजीवन सरकारी आवास और समान सुरक्षा कवर देने का फैसला किया गया था। असम में प्रफुल्ल कुमार महंत और सर्बानंद सोनोवाल गुवाहाटी में सरकारी आवास का लाभ उठाते हैं। दिवंगत मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के परिवार को भी यही सुविधा मिलती है। महंत को भी जेड प्लस सुरक्षा मिलती रहेगी।
पहले 22 वाहन हुआ करते थे अब सात-आठ
मुख्यमंत्री सरमा का कहना है - हमें वीआईपी सुरक्षा के लिए 4,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात करना पड़ता है। मैं इसे घटाकर आधा करना चाहता हूं। सुरक्षा आवश्यकता आधारित होगी और डीजीपी की अध्यक्षता वाले बोर्ड द्वारा उचित मूल्यांकन के बाद ही होगी। अधिकांश लोगों के लिए, व्यक्तिगत सुरक्षा कवर वास्तविक खतरे की तुलना में एक स्टेटस सिम्बल मात्र है। सरमा ने राज्य में अच्छी तरह से स्थापित वीआईपी संस्कृति को समाप्त करने के लिए एक स्पष्ट कदम में कहा। जो सुरक्षाकर्मी वीआईपी ड्यूटी से हटाए जायेंगे, उनको पब्लिक पुलिसिंग को बढ़ावा देने के लिए तैनात किया जा सकता है। सरमा ने कहा कि उनके काफिले में वाहनों की संख्या के साथ-साथ सुरक्षा कर्मियों की संख्या में कटौती करने के लिए एक सुरक्षा समीक्षा जारी है। वैसे, मुखंत्रियों के काफिले में पहले 22 वाहन हुआ करते थे लेकिन सरमा लगभग सात-आठ वाहनों के साथ ही गुवाहाटी में चलते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएसओ स्टेटस सिंबल नहीं हो सकता है। सुरक्षा जरूरतों को श्रेणबद्ध किये जाने की जरूरत है और आवश्यकता के अनुरूप इसका आवंटन किया जायेगा।
'2022 को आशा के वर्ष के रूप में देख रहा'
सरमा का कहना है कि राज्य में आदिवासी उग्रवाद का युग समाप्त हो गया है क्योंकि सभी आदिवासी समूह बातचीत के लिए आगे आए हैं। उल्फा की संप्रभुता की मांग एक बाधा है लेकिन सकारात्मक पक्ष यह है कि संगठन और सरकार दोनों ही बातचीत से समझौता चाहते हैं। उन्होंने कहा - मैं 2022 को आशा के वर्ष के रूप में देख रहा हूं। राज्य में सशस्त्र बल (विशेष शक्ति) अधिनियम, 1958 के मोर्चे पर कुछ सकारात्मक होगा। राज्य में ये इस कानून की समीक्षा फरवरी में होगी।