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Kaziranga Night Safari Row: काजीरंगा में नाईट सफारी पर घिरे CM हिमंत और सद्गुरु, कानून तोड़ने का लगा आरोप

CM हिमंत-सद्गुरु की नाईट सफारी पर शिकायतकर्ताओं का कहना है कि, जानवरों की सुरक्षा और उनके निवास स्थल की सुरक्षा के लिए निर्धारित समय के बाद नेशनल पार्क में सफारी नहीं की जा सकती।

Krishna Chaudhary
Published on: 26 Sep 2022 8:14 AM GMT
controversy over assam sadhguru jaggi vasudev and cm himanta biswa over kaziranga night safari
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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और सद्गुरू जग्गी वासुदेव

Kaziranga Night Safari Row : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam CM Himanta Biswa Sarma) और सद्गुरू जग्गी वासुदेव (Sadhguru Jaggi Vasudev) को गिरफ्तार करने की मांग हो रही है। उन पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के उल्लंघन का आरोप लगा है। दरअसल, शनिवार को मुख्यमंत्री सरमा और जग्गी वासुदेव देर शाम सूर्यास्त के बाद काजीरंगा नेशनल पार्क (Kaziranga National Park) और टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) के अंदर नाइट सफारी (Night Safari) करने गए थे। जिस पर अब विवाद खड़ा हो गया है।

राज्य के दो पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। मुख्यमंत्री के साथ राज्य के टूरिज्म मंत्री जयंत मल्ला बरूआ (Assam Tourism Minister Jayanta Malla Baruah) भी थे। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि, जानवरों की सुरक्षा और उनके निवास स्थल की सुरक्षा के लिए एक निर्धारित समय के बाद नेशनल पार्क के अंदर सफारी नहीं की जा सकती। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 में इसका उल्लेख है। बता दें कि काजीरंगा नेशनल पार्क में एक सींग वाले गैंडे पाए जाते हैं, जो कि एक दुर्लभ प्राणी है। काजीरंगा यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज साइटों में भी शुमार है।

CM सरमा की सफाई

मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने कोई भी कानून नहीं तोड़ा है। उन्होंने कहा कि वन्यजीव कानून के मुताबिक वार्डन रात में भी संरक्षित एरिया में प्रवेश की अनुमति दे सकता है। कोई भी कानून रात में प्रवेश करने से नहीं रोकता। वहीं, विवाद सामने आने के बाद सद्गुरू के ईशा फाउंडेशन ने भी बयान जारी किया है। उनके तरफ से जारी बयान में कहा गया कि उन्हें सरकार ने आमंत्रित किया था। हमारा मानना है कि इस विशेष मौके के लिए सरकार की ओर से सारी अनुमतियां ली गई थीं।

सीएम और सद्गुरू को वन विभाग ने आमंत्रित किया था

असम के मुख्य वन संरक्षक एमके यादव ने कहा कि ये कहना गलत है कि मुख्यमंत्री और सद्गुरू ने रात में पार्क में प्रवेश किया था। वे वन विभाग के न्यौते पर ही आए थे। हम उनके कार्यक्रम को केवल अंधेरे के लिए रद्द नहीं करना चाहते थे।

शिकायतकर्ताओं का क्या है आरोप

शिकायतकर्ता सोनेश्वर नारा और प्रवीण पेगू ने अपनी लिखित शिकायत में गोलाघाट जिला पुलिस से वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि शाम चार बजे के बाद काजीरंगा नेशनल पार्क में सफारी करने की अनुमति नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री 6 बजे के बाद पार्क में सफारी के लिए दाखिल हुए। ऐसे में सीएम सरमा, टूरिज्म मंत्री बरूआ और सद्गुरू जग्गी वासुदेव के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। कानून सब के लिए समान है। वहीं, इस विवाद पर पुलिस का कहना है कि अभी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। शिकायत की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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