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असम में हेमन्त बिस्व सरमा की मजबूत दावेदारी रहेगी

असम में फिर कमल खिलना तय है और भाजपा स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने की तरफ अग्रसर है। यह पहले से ही माना जा रहा था कि राज्य में भाजपा की सत्ता में वापसी तय है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Roshni Khan
Published on: 2 May 2021 8:49 AM GMT (Updated on: 2 May 2021 8:49 AM GMT)
Himanta Biswa Sarma may be new cm of assam
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हेमन्त बिस्व सरमा (सोशल मीडिया)

लखनऊ: असम में फिर कमल खिलना तय है और भाजपा स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने की तरफ अग्रसर है। यह पहले से ही माना जा रहा था कि राज्य में भाजपा की सत्ता में वापसी तय है।

भाजपा ने असम के ऊपरी इलाके, मध्य क्षेत्र और उत्तर क्षेत्र में अपनी राजनीतिक पकड़ को मजबूत बनाए रखा है। वहीं, बराक घाटी और निचले असम के मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों में कांग्रेस एआईयूडीएफ गठबंधन को सीटें मिल रही हैं। असम के ऊपरी हिस्से में बीजेपी का जीतना यह बता रहा है कि सीएए का कोई सियासी असर नहीं रहा है।

असम में इस बार भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के चेहरे के साथ चुनाव नहीं लड़ा। सर्वानंद सोनोवाल अभी मुख्यमंत्री हैं, लेकिन इस बार भाजपा ने सीएम के लिए कोई चेहरा नहीं रखा। भाजपा ने सर्वानंद सोनोवाल और हेमंत बिस्वसरमा की जोड़ी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा। माना जा रहा है कि इस बार हेमन्त बिस्व सरमा को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

दरअसल, सोनोवाल को लेकर पार्टी में नाराजगी है। कुछ नेताओं की शिकायत रही है कि सोनोवाल का विधायकों और क्षेत्रीय नेताओं के साथ कोई समन्वय नहीं है। यही वजह रही कि किसी कंट्रोवर्सी से बचने के लिए पार्टी आलाकमान ने चुनाव से पहले किसी को सीएम के रूप में पेश नहीं किया। जबकि 2016 के असम चुनाव से पहले भाजपा ने सोनोवाल को सीएम का चेहरा घोषित किया था। इससे साफ है कि सोनोवाल को लेकर भाजपा आलाकमान की सोच में बदलाव आया है। जबकि उनके मुख्यमंत्री रहते हुए भाजपा ने इस बार फिर बेहतरीन प्रदर्शन किया है।

असम में हेमन्त बिस्व सरमा की मजबूत उपस्थिति है। उन्होंने कांग्रेस भी इसलिए छोड़ी थी क्योंकि वहां वे मुख्यमंत्री नहीं बन पाए थे। हेमंत बिस्वा सरमा ने खुद को भाजपा में न केवल स्थापित किया है बल्कि आलाकमान तक यह संदेश पहुंचा दिया है कि पूर्वोत्तर राज्यों में भाजपा की मजबूती के लिए पार्टी को उनकी जरूरत होगी। भाजपा के पक्ष में मतदाताओं के बीच ध्रुवीकरण करने में बिस्व सरमा की बड़ी भूमिका रही है।

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Roshni Khan

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