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Ashadha-Amavasya 2022 Shubh Muhurat: कब है आषाढ़ मास की अमावस्या, जानिए मुहूर्त-महत्व और क्या करें काम

Ashadha-Amavasya 2022 Shubh Muhurat:: आषाढ़ अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा , पितरों को जल और दान देना चाहिए । इससे हर दोष और कुंडली पितृ दोष का भी निवारण होता है।मान-सम्मान मिलता है और घर में खुशहाली आती है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 28 Jun 2022 8:00 AM IST (Updated on: 28 Jun 2022 8:25 AM IST)
2022-Ashadha-Amavasya Kab Kai Date
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सांकेतिक तस्वीर,सौ.से सोशल मीडिया

Ashadha-Amavasya 2022 Shubh Muhurat:

आषाढ़ अमावस्या 2022 शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में दो पक्ष कृष्ण और शुक्ल पक्ष पड़ते हैं। शुक्ल पक्ष की 15 वी तिथि को पूर्णिमा औरकृष्ण पक्ष की 30 वीं तिथि को अमावस्या पड़ता है। अमावस्या तिथि का अपना खास महत्व होता है। इस दिन को पितरों की याद में पूजा, जप-तप और दान दिया जाता है। अमावस्या का मंगलवार और बुधवार को पड़ने वाली अमावस्या का महत्व और बढ़ जाता है।इस बार आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि 28-29 जून मंगलवार के दिन पड़ रही है।

आषाढ़ माह की अमावस्या तिथि व समय

अमावस्या तिथि – चतुर्दशी 05:52 AM तक उसके बाद अमावस्या मंगलवार, 28-29 जून , 2022,मॄगशिरा 07:05 PM तक उसके बाद आर्द्रा नक्षत्र में

अमावस्या तिथि आरंभ –मंगलवार 28 जून को सुबह 05:53 बजे से

अमावस्या तिथि समाप्त – बुधवार 29 जून सुबह 08:23 तक

आषाढ़ माह की अमावस्या के दिन शुभ मुहूर्त और योग

अभिजीत मुहूर्त- 12:03 PM से 12:56 PM

अमृत काल-09:10 AM से 10:58AM

ब्रह्म मुहूर्त-04:11 AM से 04:59 AM

विजय मुहूर्त- 02:18 PM से 03:13 PM

अमावस्या की उदयातिथि

29 जून 2022 को अमावस्या 08:21 AM तक उसके बाद प्रतिपदा, नक्षत्र आर्द्रा 10:09 PM तक उसके बाद पुनर्वसु, अभिजीत मुुहूर्त इस दिन नहीं है।
अमृत काल- 10:52 AM से 12:40 PM

विजय मुहूर्त-02:18 PM से 03:13 PM

सांकेतिक तस्वीर,सौ.से सोशल मीडिया

आषाढ़ माह में अमावस्या का महत्व

अमावस्या के दिन स्नान दान कर पितरों को प्रसन्न किया जाता है। इस बार मंगलवार को अमावस्या के साथ उदयतिथि होने की वजह से बुधवार को भी अमावस्या मनाया जाएगा। कहते हैं कि अमावस्या के दिन शनिदेव की पूजा के साथ दान और शिव भगवान को जलाभिषेक करने से जीवन के हर कष्ट दूर हो जाते हैं।आषाढ़ अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करके सूर्य भगवान को जल देने का बहुत महत्व है। इस दिन लोग पवित्र नदी में स्नान करके पितरों की शांति के लिए दान करते हैं। इस दिन यज्ञ करने का अनंत फल मिलता है। व्यक्ति को पितरों की शांति के लिए गरीबों की सेवा करनी चाहिए और जरूरतमंदों को खाना और दक्षणा देनी चाहिए। इस दिन किसी भी शुभ काम की शुरुआत की जा सकती है।

अगर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से परेशान हो रखे हैं। धन की कमी को दूर करने के लिए अमावस्या के दिन पितरों के नाम से पूजा-शांति करवाए और पीपल के वृक्ष में दीपदान करने से शांति मिलती है। आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि मौसम में बदलाव के साथ जीवन में भी बदलाव के संकेत देती है। इस समय से बरसात की शुरुआत हो जाती है। जो मौसमी बीमारियों को दावत देती है। ऐसे में हमे इस दिन साफ-सफाई के साथ नियम और धार्मिक कृत्य करने चाहिए। इससे ईश्वर की कृपा बरसती है।

अमावस्या के दिन ध्यान रखें

आषाढ़ अमावस्या के दिन बाल नहीं धोना चाहिए। खेतों में हल नहीं चलाना चाहिए और खेत जोतना भी नहीं चाहिए। आषाढ़ अमावस्या के दिन खरीदना-बेचना नहीं चाहिए। इस दिन मांस- मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। आषाढ़ अमावस्या के दिन घर में किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं होनी चाहिए। इस दिन अपने बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना चाहिए। किसी जरूरतमंद की मदद की करनी चाहिए।

आषाढ़ अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा , पितरों को जल और दान देना चाहिए । इससे हर दोष और कुंडली पितृ दोष का भी निवारण होता है।मान्यता है की आषाढ़ अमावस्या में किए गए पितरों के तर्पण से वह प्रसन्न होते है और सुख -समृद्धि का आशीर्वाद देते है। इस दिन खासतौर से पितरों को प्रसन्न करने के लिए धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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