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2022 Me Shani Ka Rashi Parivartan : शनि का राशि परिवर्तन इन लोगों की खुलेगी किस्मत, ये झेलेंगे परेशानी, जानिए साढ़ेसाती से बचने के उपाय

2022 Me Shani Ka Rashi Privartan : नवग्रहों में शनि को न्यायाधिपति माना गया है। ज्योतिष में शनि की स्थिति व दृष्टि बहुत महत्त्वपूर्ण है। किसी भी जातक की जन्मपत्रिका का परीक्षण कर उसके भविष्य के बारे में संकेत करने के लिए जन्मपत्रिका में शनि के प्रभाव का आंकलन करना जरूर होता है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 13 Dec 2021 7:22 AM GMT
2022 Me Shani Ka Prabhav
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सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

2022 Me Shani Ka Rashi Parivartan ( 2022 में शनि का राशि परिवर्तन ) :

साल 2022 आने में कुछ दिन शेष रह गया है। आज से 17 दिन बाद नया साल 2022 शुरू हो रहा है। ऐसे में सबको आने वाले साल की चिंता सता रही होगी । क्या होगा कैसा रहेगा ये साल । कहीं 2022 में भी 2021 वाला हाल नहीं रहेगा। वैसे नया साल आते ही सबको अपने भविष्य की चिंता सताने लगती है। किसी को राहु तो किसी को केतु और बहुतों को शनि का डर सताने लगता है। हम सब अपनी राशि के अनुसार देखते है कि शनिदेव किस राशि पर आने वाले साल में प्रभाव डाल रहे हैं। तो सबसे पहले बात नजर दौड़ाते है कि शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा किस राशि पर पड़ता है। नवग्रहों में शनि को न्यायाधिपति माना गया है। ज्योतिष में शनि की स्थिति व दृष्टि बहुत महत्त्वपूर्ण है। किसी भी जातक की जन्मपत्रिका का परीक्षण कर उसके भविष्य के बारे में संकेत करने के लिए जन्मपत्रिका में शनि के प्रभाव का आंकलन करना जरूर होता है।

शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या में अंतर

शनि जिस राशि में रहते हैं उसको प्रभावित करते हैं। शनि एक राशि में 7 और ढाई साल के लिए रहते हैं। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या की वजह से व्यक्ति का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो जाता है। किसी एक राशि पर शनि की साढ़ेसाती साढ़े सात साल और ढैय्या ढाई साल तक रहती है। ज्योतिष में शनि को क्रूर और पापी ग्रह माना जाता है।

नवग्रहों में शनि ( Shani ) मन्द गति से चलने वाले ग्रह हैं। शनि एक राशि में ढाई साल तक रहते हैं। ज्योतिष अनुसार शनि न्यायधीश के साथ दु:ख के स्वामी भी है अत: शनि के शुभ होने पर व्यक्ति सुखी और अशुभ होने पर दु:खी व परेशान रहता है। शुभ शनि अपनी साढ़ेसाती व ढैय्या में जातक को आशातीत लाभ प्रदान करते हैं वहीं अशुभ शनि अपनी साढ़ेसाती व ढैय्या में जातक को घोर व असहनीय कष्ट देते हैं। शनि जिस राशि में स्थित होते हैं उसके साथ ही उस राशि से दूसरी और द्वादश राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव माना जाता है। वहीं शनि जिन राशियों से चतुर्थ व अष्टम राशि होते हैं वे शनि की ढैय्या के प्रभाव वाली राशियां मानी जाती हैं। जानते हैं कि साल 2022 में किन राशि वाले जातकों पर शनि की साढ़ेसाती रहेगी एवं किन राशि वाले जातकों पर शनि की ढैय्या का प्रभाव रहेगा।


सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

शनि की साढ़ेसाती वाली राशियां ( Shani ki Sade Sati )


साल 2022 में मकर, कुंभ, मीन और वृश्चिक राशि वाले जातक शनि की साढ़ेसाती से प्रभावित रहेंगे। साल 2022 में शनि 29 अप्रेल 2022 में राशि बदलकर मकर से कुंभ में जायेंगे। इसके बाद 12 जुलाई को फिर से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के इस तरह से राशि बदलने और फिर से मकर में आने से राशिचक्र की पांच राशियों पर इसका असर पड़ेगा। अप्रैल में राशि बदलने से एक राशि की शनि की साढ़े साती शुरू होगी और एक राशि की साढ़ेसाती खत्म होगी, लेकिन जुलाई में शनि फिर से राशि बदलेंगे। इसका असर भी कुछ राशियों पर होगा।

साल 2022 में शनि 29 अप्रेल 2022 में राशि बदलकर मकर से कुंभ में जायेंगे। इसके बाद 12 जुलाई को फिर से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के इस तरह से राशि बदलने और फिर से मकर में आने से राशिचक्र की पांच राशियों पर इसका असर पड़ेगा। अप्रैल में राशि बदलने से एक राशि की शनि की साढ़े साती शुरू होगी और एक राशि की साढ़ेसाती खत्म होगी, लेकिन जुलाई में शनि फिर से राशि बदलेंगे। इसका असर भी कुछ राशियों पर होगा।

  • साल 2022 में वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि की साढ़े साती का आखिरी चरण रहेगा। इस दौरान आप आलस्य से घिरे रहेंगे। हालांकि अप्रेल से जुलाई तक का समय आपके लिए अच्छा रहेगा, लेकिन जुलाई के बाद आप फिर से शनि की साढ़े साती के आखिरी चरण में आ जाएंगे। लेकिन ,धैर्य नहीं होने के कारण आपका विवाद बहुत ज्यादा होगा।
  • साल 2022 में मकर राशि पूरी तरह से शनि की साढ़े साती से प्रभावित होगी। इस दौरान मकर राशि वालों के काम बहुत धीमी गति से आगे बढ़ेंगे। मकर शनि की राशि है, इसलिए शनि लोगों को मेहनत करने और धैर्य रखने के लिए प्रेरित करेगा। ज्यादा घातक मकर के लिए यह साल शनि की दृष्टि से नहीं रहेगा।
  • साल 2022 में कुंभ राशि के सभी जातक शनि की साढ़े साती से प्रभावित होंगे। कुंभ राशि शनि की मूल त्रिकोण राशि भी कहलाती है। ऐसे में कुंभ राशि के लोगों पर शनि की साढ़े साती का दुष्प्रभाव नहीं होगा। इस दौरान आपको सामंजस्य बनाए रखने में दिक्कत होगी। साथ ही आपका धैर्य कमजोर होगा।
  • साल 2022 में मीन राशि के जातकों की साढ़े साती शुरू हो जाएगी। शनि की इस साढ़े साती के असर से मानसिक चिंता रहेगी। किसी बात का डर बना रहेगा। आप दृढ़ इच्छा शक्ति से काम करेंगे, तो शनि की साढ़े साती मेंआपको फायदा भी होगा।

शनि का ढैय्या से 4 राशियां परेशान

साढ़े साती के अलावा शनि का ढैय्या मिथुन, तुला, कर्क और वृश्चिक राशियों को परेशान करेगी। वृश्चिक राशि पर शनि की साढ़े साती का असर खत्म होगा, लेकिन शनि की ढैय्या उन्हें परेशान कर सकती है। हालांकि शनि को न्याय का देवता कहा जाता है, इसलिए शनि हमेशा उन लोगों का साथ देते है, जो अच्छे कामों में लगे हुए हैं या नियम विरुद्ध काम नहीं करते हैं। 2022 में इन राशि के लोगों को अच्छे काम करना चाहिए, जिससे शनि प्रसन्न हों और आपके काम बनने लगें। इसके अलावा कुंडली की स्थिति को जानने के लिए किसा अच्छे ज्योतिषी से दिखवाकर उपाय करेंगे तो फायदा होगा।


सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

शनि का साढ़ेसाती और शनि का ढैय्या से बचने के उपाय

  • हर शनिवार को शनि से प्रभावित लोगों को छाया दान करना चाहिए। इसमें लोहे की कटोरी में तेल भरकर उसमें अपना मुख देखकर उस तेल को कटोरी सहित दान करने से साढ़ेसाती का प्रभाव कम होता है।
  • हर दिन 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:" का जाप करें। प्रतिदिन दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करें। इससे शनि का साढ़ेसाती और शनि का ढैय्या का असर कम होने लगता है।
  • साढ़ेसाती व ढैय्या के समय प्रभावित लोगों को काले व नीले का कपड़ा धारण नहीं करना चाहिए। सात शनिवार 7 बादाम शनि मन्दिर में चढ़ाएं।
  • हर पक्ष कृष्ण और शुक्ल पक्ष पहले शनिवार काले अथवा नीले कम्बल ज़रूरतमन्दों को दान करें।
  • शनिवार को लंगर या भण्डारे में कोयला दान करें। प्रत्येक शनिवार चींटियों को शकर मिश्रित आटा डालें। प्रतिदिन पीपल में जल चढ़ाएं। इससे शनि के साढ़ेसाती और शनि का ढैय्या का प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • जब तक शनि के साढ़ेसाती और शनि का ढैय्या है हर शनिवार सवा किलो काले चने, सवा किलो उड़द, काली मिर्च, कोयला, चमड़ा, लोहा काले, वस्त्र में लपेटकर दान करें। प्रतिदिन स्नान के जल में सौंफ़, खस, सुरमा व काले तिल डालकर स्नान करें।
  • शनि साढ़ेसाती के दौरान व्यक्ति को शनिदेव के साथ हनुमान जी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस दौरान शिवलिंग की पूजा करने से भी शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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