Ganesh Chaturthi 2023: गणेश उत्सव पर नहीं करें ये भूल, झेलना होगा घातक परिणाम, जानिए कैसे करें मंगल

Ganesh Chaturthi Bhool Se Bache:: गणेश चतुर्थी से जुड़ी इन बातों का जरूर जानिए , गणेश जी की पूजा से जुड़े नियमों के बारे में जानते हैं, जिसकी अनदेखी करने पर परिणाम अच्छा नहीं होता है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 13 Sep 2023 2:00 AM GMT (Updated on: 13 Sep 2023 2:01 AM GMT)
Ganesh Chaturthi 2023: गणेश उत्सव पर नहीं करें ये भूल, झेलना होगा घातक परिणाम, जानिए कैसे करें मंगल
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Ganesh Chaturthi Bhool Se Bache: प्रथम पूज्य गणेश जी का आहवान का समय नजदीक आ रहा है। 19 सितंबर से 10 दिनों का गणेश उत्सव शुरू होने वाला है। धर्मानुसार पहले भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि गणपति की पूजा करने से कार्य विशेष में कोई बाधा नहीं आती है और वह शुभता के साथ सफल होता है। ऐसे शुभ और लाभ प्रदान करने वाले देवता से जुड़ा गणेश चतुर्थी पर्व इस साल 19 सितंबर 2023 को रखा जाएगा। खास बात यह कि यह पर्व मंगलवार के दिन पड़ रहा है जो कि गणपति की पूजा के लिए सबसे उत्तम है। गणेश चतुर्थी की पूजा से जुड़े उन जरूरी नियमों के बारे में जानते हैं, जिसकी अनदेखी करने पर अक्सर लोगों की पूजा अधूरी रह जाती है।

गणेश चतुर्थी का उत्सव भी पूरे देश में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का यह उत्सव लगभग दस दिनों तक चलता है जिस कारण इसे गणेशोत्सव भी कहा जाता है। उत्तर भारत में गणेश चतुर्थी को भगवान श्री गणेश की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। गणेश जी को ऋद्धि-सिद्धि व बुद्धि का दाता भी माना जाता है।

मान्यता है कि गुरु शिष्य परंपरा के तहत इसी दिन से विद्याध्ययन का शुभारंभ होता था। इस दिन बच्चे डण्डे बजाकर खेलते भी हैं। इसी कारण कुछ क्षेत्रों में इसे डण्डा चौथ भी कहते हैं। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से गणेश जी का उत्सव गणपति प्रतिमा की स्थापना कर उनकी पूजा से आरंभ होता है और लगातार दस दिनों तक घर में रखकर अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा की विदाई की जाती है।

गणेश पूजन पर ऐसे करें मंगल

गणेशजी को प्रसन्न करना है तो प्रसन्नतापूर्वक और विधिवत रूप से श्री गणेशजी का घर में मंगल प्रवेश होना चाहिए। गणेशजी के आगमन के पूर्व घर और द्वार को सजाया जाता है । जहां उन्हें स्थापित किया जाएगा उस जगह की सफाई करके कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं और हल्दी से चार बिंदी बनाएं। फिर एक मुट्ठी अक्षत रखें और इस पर छोटा बाजोट, चौकी या लकड़ी का एक पाट रखकर उस पर पीला, लाल या केसरिया वस्त्र बिछाएं।

मतलब यह कि स्थापित करने वाली जगह को पहले से ही सजाकर रखें, जहां पर पूजा और आरती का सामान भी पहले से ही रखा हो। बाजार जाने से पहले नवीन वस्त्र धारण करें, सिर पर टोपी या साफा बांधें, रुमाल भी रखें। पीतल या तांबे की थाली साथ में ले जाएं नहीं तो लकड़ी का पाट ले जाएं जिस पर गणेशजी विराजमान होकर घर में पधारेंगे। इसके साथ ही घंटी और मंजीरा भी ले जाएं। बाजार जाकर जो भी गणेशजी पसंद आए उसका मोलभाव न करें उसे आगमन के लिए निमंत्रित करके दक्षिणा दे दें। गणेशजी की प्रतिमा को धूम-धाम से घर के द्वारा पर लाएं। वार पर ही उनकी आरती उतारें। मंगल गीत गाएं या शुभ मंत्र बोलें।

गणेश चतुर्थी पर गलती से भी नहीं करें ये भूल

  • गणपति की मूर्ति खरीदते समय इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि वह खंडित न हो। गणपति की पूजा के लिए बैठी हुई प्रतिमा शुभ मानी जाती है। इसी प्रकार गणपति की दायीं तरफ मुड़ी सूंड वाली प्रतिमा अत्यंत ही शुभ मानी गई है। मान्यता है कि बप्पा की ऐसी मूर्ति सुख-सौभाग्य प्रदान करते हुए सभी मनाेकामनाओं को पूरा करने वाली होती है।
  • वास्तु के अनुसार घर में कभी भी गणपति की दो मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। इसी प्रकार गणपति की मूर्ति को ईशान कोण में कुछ इस तरह से रखना चाहिए कि पूजा करते समय उनकी पीठ भूलकर भी नहीं दिखाई पड़े।
  • गणपति की पूजा कभी भूलकर भी काले या नीले रंग के वस्त्र पहनकर नहीं करनी चाहिए, बल्कि शुभता और आशीर्वाद पाने के लिए लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए।
  • गणेश जी की पूजा में हमेशा उनकी मनपसंद चीजों का ही भोग लगाना चाहिए, लेकिन ध्यान रहे कि भोग में भूलकर भी तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंंकि इसे उनकी पूजा में पूरी तरह से वर्जित माना गया है।
  • गणेश चतुर्थी की पूजा और व्रत हमेशा तन और मन से पवित्र होकर करना चाहिए। इस पावन तिथि पर न तो किसी के लिए मन में बुरे ख्याल लाएं और न ही किसी से झूठ बोलें। इस दिन किसी के प्रति गुस्सा या फिर गुस्से में आकर अपशब्द नहीं कहना चाहिए।
  • गणेश चतुर्थी के व्रत करने वाले साधक को ब्रह्मचर्य का पूरी तरह से पालन करना चाहिए और व्रत वाले दिन शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए।.
  • गणपति के लिए व्रत रखने वाले व्यक्ति को सिर्फ सात्विक फलाहार करना चाहिए और इस दिन भूलकर भी तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • गणेश चतुर्थी के दिन भूलकर भी उनकी सवारी माने जाने वाले चूहों को न तो सताना चाहिए और न ही मारना चाहिए।

गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूूर्त

गणेश चतुर्थी 18 सितंबर 2023 को दोपहर 12ः39 पर हो रही है,

जिसका समापन अगले दिन 19 सितंबर 2023 को दोपहर 01ः43 पर होगा।

गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को मनाई जाएगी। बप्पा की स्थापना का समय 19 सितंबर 2023 को सुबह 11ः07 से 01ः34 तक रहेगा। लोग 5 दिन, 7 दिन या 10 दिनों के लिए बप्पा की स्थापना करते हैं. इसके अनुसार ही विसर्जन करते हैं।

गणेश पूजन के लिए दोपहर मुहूर्त

11:01:23 से 13:28:15 तक

अवधि :

2 घंटे 26 मिनट

चन्द्र दर्शन नहीं करना है

12:41:35 से 20:10:00 तक 18, सितंबर को

चन्द्र दर्शन नहीं करना है :

09:45:00 से 20:42:59 तक 19, सितंबर को

गणेश चतुर्थी विसर्जन - 28 सितंबर

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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