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2025 Grahan List: 2025 में कब-कब लगेगा सूर्य-चंद्र ग्रहण, यहां जानिए पूरी डिटेल्स
India 2025 Grahan List: 2025 में कब-कब लगेगा ग्रहण: सूर्य -चंद्र और पृथ्वी के आपस में टकराने का प्रतिफल है।हर साल सूर्य और चंद्र ग्रहण लगते है। जानते हैं कितने ग्रहण लगेंगे और कहां कहां दिखेगा..
India 2025 Grahan List: आज से 3 -4 महीना बाद 2024 बदल कर 2025 हो जाएगा। आने वाले साल में बहुत से परिवर्तन होंगे। इनमें कुछ अच्छा और कुछ बुरा होगा।इसका लोगों पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसी क्रम में आने वाले साल में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण कब लग रहा है जानते है। बता दें कि आज साल 2024 का आखिरी चंद्रग्रहण लगा है। अब जानते हैं2025 मेंकब कब लगेगा सूर्य-चंद्र ग्रहण।
2025 में ग्रहण
2025 में कुल मिलाकर 4 ग्रहण होंगे—2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण। जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं, तो चंद्र ग्रहण लगता है। इस दौरान पृथ्वी की वजह से सूर्य का प्रकाश चंद्रमा पर नहीं पड़ पाता है। इस खगोलीय घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
यह चंद्र ग्रहण सुपर हार्वेस्ट मून पर होगा, जो बेहद खास होगा। अब इस बीच अगले साल लगने वाले चंद्र ग्रहण मतलब साल 2025 में लगने वाला चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा।
29 मार्च 2025: यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। यूरोप, एशिया के कुछ हिस्से, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर, आर्कटिक महासागर में दिखेगा। यह कुल सूर्य ग्रहण होगा। कुल सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को ढक लेता है, जिससे कुछ समय के लिए दिन के समय अंधकार हो जाता है। यह खगोलीय घटना एक बेहद प्रभावशाली और दुर्लभ घटना होती है, जिसे बहुत से लोग देखने की कोशिश करते हैं।
21 सितंबर 2025: यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर में दिखेगा।आंशिक सूर्य ग्रहण में चंद्रमा केवल सूर्य के कुछ हिस्से को ढकता है, जिससे सूर्य का एक हिस्सा ही ढका हुआ दिखाई देता है। यह ग्रहण पृथ्वी के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा,
14 मार्च 2025: अगले साल पूर्ण चंद्रग्रहण या ब्लड मून को लगेगा। यह ग्रहण अमेरिका, कनाडा और दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप में नजर आएगा। उत्तरी अफ्रीका के पश्चिमी तट पर इसे सुबह के समय देखा जा सकता है।यह साल का पहला ग्रहण होगा, जो चंद्र ग्रहण के रूप में दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे चंद्रमा पर पड़ने वाला सूर्य का प्रकाश रुक जाता है। यह ग्रहण आंशिक होगा, जिसका अर्थ है कि चंद्रमा का केवल एक हिस्सा पृथ्वी की छाया में आएगा। यह भारत समेत कई देशों में दिखाई दे सकता है, लेकिन इसका संपूर्ण रूप नहीं देखा जा सकेगा।
07 सितंबर 2025, रविवार तीसरा ग्रहण खग्रास यह ग्रहण पूरी तरह से चंद्रमा को पृथ्वी की छाया में ढक देगा, जिससे चंद्रमा का रंग बदल सकता है और इसे "ब्लड मून" के रूप में जाना जाता है। इस दौरान चंद्रमा लाल या नारंगी रंग का दिखाई देता है, जो एक अद्भुत दृश्य होता है। कुल चंद्र ग्रहण खगोलीय और धार्मिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण होते हैं। यह ग्रहण भारत, अमेरिका, और अन्य कई देशों में देखा जा सकेगा।
2025 Me Kab Kab Lagega Grahan (2025 में कितने ग्रहण हैं)
ग्रहण की तारीख ग्रहण का ग्रहण का नाम 2025 में कितने ग्रहण हैं
14 मार्च 2025, शुक्रवार पहला ग्रहण खग्रास चन्द्र ग्रहण 2 चंद्र ग्रहण
29 मार्च 2025, शनिवार दूसरा ग्रहण खण्डग्रास सूर्य ग्रहण
07 सितंबर 2025, रविवार तीसरा ग्रहण खग्रास चन्द्र ग्रहण
21 सितंबर 2025, रविवार चौथा ग्रहण खण्डग्रास सूर्य ग्रहण 2 सूर्य ग्रहण
365 दिन में कितने चंद्र ग्रहण लग सकते हैं?
चंद्रमा को पृथ्वी का चक्कर लगाने और एक पूर्णिमा से दूसरी पूर्णिमा तक एक चक्र पूरा करने में सिर्फ 29.5 दिन लगते हैं। साल में औसतन सिर्फ तीन चंद्र ग्रहण ही लगते हैं। इसकी वजह यह है कि पृथ्वी के चारों तरफ चंद्रमा की कक्षा समतल नहीं है। करीब पांच डिग्री के कोण पर यह है। इसका मतलब है कि चंद्रमा अक्सर पृथ्वी की छाया के ऊपर या नीचे चला जाता है।पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगता है।
ग्रहण पर ध्यान रखें योग्य बातें
ग्रहण के दौरान आपको कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। उनमें से कुछ का आपको पालन करना चाहिए, ज्योतिष शास्त्र में तुलसी के पौधे को पवित्र माना जाता है। इसलिए, आपको 2025 में ग्रहण के समय के दौरान इसे पानी देने या छूने से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। उन्हें बाहर जाने या ऐसा कुछ भी करने से बचना चाहिए जिसमें धूप में निकलना शामिल हो।
साल 2025 के ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों को रोकने में मदद करेंगे। श्वेतार्क का पौधा लगाएं और उसकी नियमित रूप से देखभाल करें। यदि आप इसे स्वयं सींचते हैं तो यह बहुत अच्छा होगा। पौधे को अपने परिवार की तरह मानें और उसकी ठीक से देखभाल करें।ग्रहण के दौरान आप दान कर सकते हैं। यदि आपकी कुंडली में सूर्य अशुभ ग्रह है तो सूर्य अष्टकम स्तोत्र का पाठ करें और इस ग्रह को मजबूत करें।
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