22 October 2022 Ka Panchang Tithi in Hindi: त्रिपुष्कर योग में करें धनतेरस की खरीदारी, कब है शुभ योग और मुहूर्त देखें आज का पंचांग

22 October 2022 Ka Panchang Tithi in Hindi : ज्योतिष शास्त्र में पंचांग का बहुत महत्व है । पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है। जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है। जानने के लिए देखिए आज का पंचांग

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 20 Oct 2022 3:23 AM GMT (Updated on: 20 Oct 2022 8:43 AM GMT)
aaj ka panchang
X

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

22 October 2022 Ka Panchang Tithi in Hindi:

22 अक्टूबर 2022 का पंचांग तिथि हिंदी: पंचांग का ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्व है । पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है। जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है। इसकी मदद से हम दिन के हर बेला के शुभ और अशुभ समय का पता लगाते हैं। उसके आधार पर अपने खास कर्मों को इंगित करते हैं।

आज 22 अक्टूबर 2022 शनिवार (Saturday) का दिन है। कार्तिक मास (Kartik Month) की कृष्ण पक्ष द्वादशी 06:02 PM तक उसके बाद त्रयोदशी है।। सूर्य तुला राशि पर योग-इन्द्र, करण-तैतिल और गर मास है, आज का दिन बहुत ही शुभ फलदायक है। देखिए आज का पंचांग...

आज 22 अक्टूबर का पंचांग

  • हिन्दू मास एवं वर्ष
  • शक सम्वत- 1944 शुभकृत्
  • विक्रम सम्वत- 2079

आज की तिथि

  • तिथि-एकादशी 05:22 PM तक उसके बाद द्वादशी
  • आज का नक्षत्र-मघा 12:28 PM तक उसके बाद पूर्वाफाल्गुनी
  • आज का करण-तैतिल और गर
  • आज का पक्ष- कृष्ण पक्ष
  • आज का योग-इन्द्र
  • आज का वार-शनिवार
  • आज सूर्योदय- सूर्यास्त का समय (Sun Time)

  • सूर्योदय--6:30 AM
  • सूर्यास्त-- 5:51 PM

आज चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय ( Moon Time)

  • चन्द्रोदय-3:21 AM, 27 अक्टूबर
  • चन्द्रास्त-4:12 PM ,27 अक्टूबर
  • सूर्य - सूर्य तुला राशि में है।

आज चन्द्रमा की राशि (Moon Sign)

  • चन्द्रमा- 08:05 PM तक चन्द्रमा सिंह उपरांत कन्या राशि पर संचार करेगा।
  • दिन-शनिवार
  • माह- कार्तिक
  • व्रत-तेरस
  • आज का शुभ मुहूर्त (Today Auspicious Time)
  • अभिजीत मुहूर्त--11:48 AM से 12:34 PM
  • अमृत काल- 07:04 AM से 08:46 AM
  • ब्रह्म मुहूर्त-04:54 AM से 05:42 AM
  • विजय मुहूर्त-01:37 PM से 02:23 PM
  • गोधूलि मुहूर्त-05:14 PM से 05:38 PM
  • निशिता काल-11:31 PM से 12:18 AM,23 अक्टूबर

  • आज का शुभ योग (Aaj Ka Shubh Yoga)
  • सवार्थ सिद्धी योग-- नहीं
  • रवि पुष्य योग - नहीं
  • अमृतसिद्धि योग-नहीं
  • त्रिपुष्कर योग- त्रिपुष्कर योग - Oct 22 01:50 PM - Oct 22 06:02 PM
  • द्विपुष्कर योग-नहीं
  • अभिजीत मुहूर्त--11:48 AM से 12:34 PM
    • गुरू पुष्य योग -नहीं है

आज का अशुभ समय( Today Bad Time)

  • राहु काल -09:20 AM से 10:46 AM तक
  • कालवेला / अर्द्धयाम-12:50:57 से 13:36:38 तक
  • दुष्टमुहूर्त-08:01 AM से 08:47 AM
  • यमगण्ड- 1:36 PM से 3:01 PM
    • भद्रा- नहीं
    • गुलिक-05:59:42 से 07:25:22 तक
    • गंडमूल-नहीं

आज का चौघड़िया (Today Choghadiya)

दिन का चौघड़िया

काल (काल वेला) 06:30 AM 07:55 AM

शुभ 07:55 AM 09:21 AM

रोग 09:21 AM 10:46 AM

उद्बेग 10:46 AM 12:11 PM

चर 12:11 PM 13:36 PM

लाभ (वार वेला) 13:36 PM 15:01 PM

अमृत 15:01 PM 16:26 PM

काल (काल वेला) 16:26 PM 17:51 PM

रात का चौघड़िया

लाभ (काल रात्रि) 17:51 PM 19:26 PM

उद्बेग 19:26 PM 21:01 PM

शुभ 21:01 PM 22:36 PM

अमृत 22:36 PM 00:11 AM

चर 00:11 AM 01:46 AM

रोग 01:46 AM 03:21 AM

काल 03:21 AM 04:56 AM

लाभ (काल रात्रि) 04:56 AM 06:31 AM

पंचांग क्या होता है?


पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है। जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है। हर दिन की तिथि का निर्धारण सूर्य और चंद्मा में भेद के आधार पर होता है और पंचांग के आधार पर हर दिन के शुभ-अशुभ समय का निर्धारण करते हैं। इसके आधार पर अपने काम को आसान बनाते हैँ। आज का पंचांग में तिथि, पक्ष, माह, नक्षत्र भी देखना जरुरी होता है। क्योंकि हर एक शुभ कार्य के लिए अलग अलग नक्षत्र होता है। सूर्योदय से दूसरे दिन सूर्योंदय के कुछ पहर पहले तक ही एक तिथि मानी जाती। चंद्रमा का स्थान जिस दिन चंद्रमा जिस स्थान पर होता है। उस दिन वही नक्षत्र और राशि मानी जाती है। चंद्रमा एक राशि में ढ़ाई दिन तक रहते हैं।

तिथि वारं च नक्षत्रं योगं करणमेव च।

पंचांगस्य फलं श्रुत्वा गंगा स्नानं फलं लभेत् ।।

आदिकाल में ही इस श्लोक के माध्यम से पंचांग को परिभाषित किया है।

  • तिथि- पंचांग का पहला अंग तिथि है। जो 16 है। इनमें पूर्णिमा और अमावस्या दो प्रमुख तिथियां है। जो दो पक्षों का निर्धारण करते हैं। कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। पूर्णिमा और अमावस्या दोनों तिथि माह में एक बार आती है।
  • नक्षत्र- नक्षत्र 27 होते हैं। लेकिन एक मुहूर्त अभिजीत नक्षत्र है जो शादी विवाह के समय देखा जाता है। इसे मिला कर 28 नक्षत्र भी कहे जाते है।
  • योग- 27 होते है। मनुष्य के जीवन में योग का बहुत महत्व है।
  • करण- 11 होते हैं। 4 स्थिर व 7 परिवर्तनशील है।
  • वार- सप्ताह में 7 दिन होते हैं। जो रविवार से शुरू, सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार, और शनिवार पर खत्म होते हैं।

22 अक्टूबर 2022 शनिवार का दिन कार्तिक कृष्ण पक्ष द्वादशी 06:02 PM तक उसके बाद त्रयोदशी है। आज के दिन कोई भी शुभ काम करना हो तो कर सकते हैं। आज का दिन हर दृष्टि से शुभ फलदायी है। अगर किसी शुभ काम को शुरू करना हो, गाड़ी, मकान वस्त्र -आभूषण कुछ भी खरीदना हो तो यहां जान लीजिए शुभ मुहूर्त और अशुभ मुहूर्त। शनिवार के दिन कुछ लोगों के लिए भाग्यशाली रहने वाला है।

दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

22October 2022 Ka Panchang Tithi in Hindi, सुप्रभात 22 अक्टूबर 2022 का पंचांग तिथि हिंदी aaj ka pannchang, Aaj ka panchang22 October 2022 आज का पंचांग, 22 अक्टूबर 2022 का शुभ मुहूर्त 22 अक्टूबर 2022 का पंचांग तिथि,सुप्रभात आज का पंचांग 22अक्टूबर 2022,कल का पंचांग 22 अक्टूबर 2022,आने वाले कल का पंचांग,22 अक्टूबर 2022 ,कल शुभ मुहूर्त कब है?, 22 October 2022 Ko Kaun Si Tithi Hai ,22 October 2022 ,2022 Panchang In Hindi, 22 October 2022 ko koun si tithi hai, shubh muhurat,21 October 2022 Shubh Muhurat, Shubh Yog, 22 अक्टूबर 2022 का चौघड़िया, 22 October 2022 Ka Choghadiya, 22 अक्टूबर 2022 का पंचांग, 22 अक्टूबर 2022 पञ्चाङ्ग, 22 अक्टूबर 2022 हिन्दू पंचांग, 22 अक्टूबर 2022 शुभ मुहूर्त शुभ योग, 22 October 2022 Shubh Muhurat Shubh Yog आज का पंचांग 22 October 2022












Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story