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Aaj ka Mantra in Hindi:बहुत ही पावरफुल और लाभकारी है ये मंत्र,रोजाना करें इनका जाप, खुद देख लें प्रभाव

Aaj ka Mantra in Hindi: ये मंत्र न केवल आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करते हैं, बल्कि असाध्य बीमारियों को ठीक करने और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में भी मददगार होते है....जानते है...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 17 Dec 2024 5:45 AM IST (Updated on: 17 Dec 2024 6:48 AM IST)
Aaj ka Mantra in Hindi:बहुत ही पावरफुल और लाभकारी है ये मंत्र,रोजाना करें इनका जाप, खुद देख लें प्रभाव
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Aaj ka Mantra in Hindi: हिंदू धर्म में मंत्रों का विशेष महत्व होता है। हिंदू धर्म के मुताबिक मंत्र का अर्थ है- मन को एक तंत्र में बांधना। मात्र एक मंत्र से हमारा पूरा शरीर शुभ हो जाता है।कुछ मंत्र ऐसे होते हैं जो अपने भीतर अपार ऊर्जा और चमत्कारी शक्ति समेटे हुए हैं। इन मंत्रों का जप यदि पूरी श्रद्धा, पवित्रता और विश्वास के साथ किया जाए, तो जीवन की सबसे कठिन समस्याओं का समाधान भी संभव हो जाता है।

मान्यता है कि सुबह उठते ही देवी देवताओं के मंत्रों का जाप करें तो शुभ फल मिलता है, बल्कि जीवन की सभी समस्याओं का अंत हो जाता है। जीवन में बुरा समय दूर हो जाता है। इसके साथ ही इन मंत्रों का जाप से हमारे ग्रहों में भी प्रभाव पड़ता है। ग्रह दोष भी इन मंत्रों से दूर होता है। जानते हैं ...

आज का मंत्र का अर्थ:

यह मंत्र सभी के सुख, शांति और समृद्धि की कामना करता है। इसमें प्रार्थना की जाती है कि:सभी लोग सुखी हों।सभी लोग स्वस्थ और निरोगी रहें।सभी लोग शुभ और मंगलमय चीजें देखें।किसी को भी दुःख का सामना न करना पड़े।

मंत्र जाप का समय और विधि

सुबह स्नान करके शुद्ध स्थान पर बैठें।मन को शांत करें और ईश्वर का ध्यान करें।इस मंत्र का 11 बार जाप करें।जाप के बाद अपने और सभी के लिए सुख-शांति और खुशहाली की कामना करें।इस मंत्र का नियमित जाप आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक शांति और खुशहाली लाता है। यह न केवल आपके लिए बल्कि आपके परिवार और समाज के लिए भी कल्याणकारी है।

पूर्णाहुति मंत्र:

ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पूर्णमुदच्यते।

पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ॥

ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥

मंत्र का अर्थ:

वह परब्रह्म पुरुषोत्तम परमात्मा सभी प्रकार से पूर्ण है। यह जगत भी पूर्ण है, क्योंकि यह जगत उस पूर्ण पुरुषोत्तम से ही उत्पन्न हुआ है। इस प्रकार परब्रह्म की पूर्णता से जगत पूर्ण होने पर भी वह परब्रह्म परिपूर्ण है। उस पूर्ण में से पूर्ण को निकाल देने पर भी वह पूर्ण ही शेष रहता है। वह पूर्ण परम पुरुष हमारे पाप कर्मों को शांत करें, हमें शांति प्रदान करें।

पवमान मंत्र:

ॐ असतो मा सद्गमय।

तमसो मा ज्योतिर्गमय।

मृत्योर्मा अमृतं गमय।

ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥

मंत्र का अर्थ:

हे प्रभु! मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो, अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो एवं मुझे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो। मुझे अपनी शरण प्रदान करो।


शिव षडाक्षरी मंत्र :

ॐ नम शिवाय

मंत्र का अर्थ:

शिव सभी इच्छाओं को पूरा करने और मुक्ति भी प्रदान करने वाले हैं अत: उन्हें “ॐ” शब्द द्वारा दर्शाया गया है।जिनको हर प्राणी ने नमस्कार करता है, ऐसे देवों के देव महादेव को “न” शब्द द्वारा दर्शाया गया है।भक्तों के पापों के महाविनाश होने के कारण शिवजी को “म” शब्द द्वारा दर्शाया गया है।शिव जगत का कल्याण करने वाला एक शाश्वत शब्द है, जिसे “शि” शब्द द्वारा दर्शाया गया है।गले में आभूषण के रूप में वासुकी नामक सांप होने और बाई और साक्षात शक्ति विराजमान होने के कारण शिवजी को “व” अथवा “वा” शब्द द्वारा दर्शाया गया है।हर जगह मौजूद होने और सभी देवों के गुरु होने के कारण शिवजी को “य” शब्द द्वारा दर्शाया गया है।

स्वस्तिक मंत्र


ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः।

स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।

स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः।

स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु॥

ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥

मंत्र का अर्थ:महान कीर्ति वाले इन्द्र हमारा कल्याण करो, विश्व के ज्ञान स्वरूप पूषा देव हमारा कल्याण करो। जिसका हथियार अटूट है ऐसे गरुड़ भगवान के अधिपति भगवान विष्णु हमारा मंगल करो। बृहस्पति देव हमारा मंगल करो। हमारे पाप कर्मों को शांत करें, हमें शांति प्रदान करें।"

- श्री आदित्य सूर्य मंत्र-

।। ॐ सूर्याय नमः ।।

मंत्र का अर्थ: का जप करने से उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु, वीर्य एवं ओज की प्राप्ति शीघ्र होने लगती हैं । व्यक्ति के शरीर एवं आंखे से संबधित सारे रोग दूर हो जाते हैं । बड़े से बड़ा शत्रु भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते ।

श्री हनुमान मंत्र-

।। ॐ श्री हनुमते नमः ।।

मंत्र का अर्थ: का नियमित जप करने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में विजय और बल की प्राप्ति होने लगती हैं ।

श्री नारायण मंत्र-

।। हरि ॐ ।।

मंत्र का अर्थ: इसका दिन में जितनी अधिक बार उच्चारण किया जाये तो इसके प्रभाव से वाणी शुद्ध होने के साथ व्यक्ति की पाँचों ज्ञानेन्द्रियां एवं मूलाधार चक्र का शोधन, जागरण शुरू होकर अनेकों रोगों के कीटाणु भी नष्ट हो जाते है ।

सीता पति मंत्र-

।। हे राम ।। रमन्ते योगीनः यस्मिन् स रामः ।

मंत्र का अर्थ:अर्थात- जिसमें योगी पुरूष रमण करते हैं वह राम ही हैं । रोम रोम में जो चैतन्य आत्मा है वह राम ही हैं । दिन में जितना अधिक हे राम नाम का जप या उच्चारण किया जाये तो व्यक्ति की सारी मनोकामना पूरी हो जाती हैं ।

महालक्ष्मी मंत्र-

।। ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः ।।

मंत्र का अर्थ: इस मंत्र हर रोज 108 बार या उससे अधिक बार जप करने से भरपूर धन की प्राप्ति होने का साथ जीवन की सारी निर्धनता हमेशा के लिए दूर हो जाती हैं ।




Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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