×

21 October 2023 Ka Panchang in Hindi: आज का पंचांग बताएगा सप्तमी के दिन किस समय करें मां कालरात्रि की पूजा, जानिए

21 October 2023 Ka Panchang in Hindi: ज्योतिष शास्त्र में पंचांग का बहुत महत्व है । पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है। जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है। जानने के लिए देखिए आज का पंचांग

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 18 Oct 2023 9:49 AM IST (Updated on: 19 Oct 2023 10:19 AM IST)
21 October 2023 Ka Panchang in Hindi: आज का पंचांग बताएगा सप्तमी के दिन किस समय करें मां कालरात्रि की पूजा, जानिए
X
Aaj Ka Panchang Tithi 14 July 2023 In Hindi :सांकेतिक तस्वीर, सोशल मीडिया

21 October 2023 Ka Panchang Tithi in Hindi: 21 अक्टूबर २०२३ का पंचांग तिथि हिंदी: पंचांग का ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्व है । पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है। जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है। इसकी मदद से हम दिन के हर बेला के शुभ और अशुभ समय का पता लगाते हैं। उसके आधार पर अपने खास कर्मों को इंगित करते हैं।

आज 21 अक्टूबर 2023 शनिवार का दिन है। आश्विन मास (Ashiwin Month) की शुक्ल पक्ष सप्तमी 09:53 PM तक उसके बाद अष्टमी , सूर्य -सूर्य तुला राशि पर है,, योग-सुकर्मा योग 12:36 AM तक, उसके बाद धृति योग, करण -गर 10:42 AM तक, बाद वणिज 09:53 PM तक, बाद विष्टि है, आज का दिन बहुत ही शुभ फलदायक है। देखिए आज का पंचांग...

आज 21 अक्टूबर का पंचांग

हिन्दू मास एवं वर्ष

शक सम्वत- 1944 शुभकृत्

विक्रम सम्वत- 2079

आज की तिथि

    • सप्तमी 09:53 PM तक उसके बाद अष्टमी
    • आज का नक्षत्र-पूर्वाषाढा 07:54 PM तक उसके बाद उत्तराषाढा
    • आज का करण-वणिज और विष्टि
    • आज का पक्ष- शुक्ल पक्ष
    • आज का योग-सुकर्मा
    • आज का वार-शनिवार

आज सूर्योदय- सूर्यास्त का समय (Sun Time)

  • सूर्योदय-6:30 AM
  • सूर्यास्त-5:52 PM

आज चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय ( Moon Time)

  • चन्द्रोदय-12:36 PM 21 अक्टूबर
  • चन्द्रास्त-11:19 PM 21 अक्टूबर
  • सूर्य -सूर्य तुला राशि पर है

आज चन्द्रमा की राशि (Moon Sign)

  • चन्द्रमा -01:38 AM तक चन्द्रमा धनु उपरांत मकर राशि पर संचार करेगा
  • दिन-शनिवार
  • माह-आश्विन माह
  • व्रत- सप्तमी

    आज का शुभ मुहूर्त (Today Auspicious Time)

  • अभिजीत मुहूर्त--11:48 AM से 12:34 PM
  • अमृत काल-03:15 PM से 04:48 PM
  • ब्रह्म मुहूर्त-04:53 AM से 05:41 AM
  • विजय मुहूर्त-01:50 PM से 02:39 PM
  • गोधूलि मुहूर्त-05:40 PM से 06:04 PM
  • निशिता काल-11:42 PM से 12:25 AM, 22 अक्टूबर

आज का शुभ योग (Aaj Ka Shubh Yoga)

  • सर्वार्थ सिद्धी योग-Oct 22 06:30 AMसे Oct 22 06:44 PM
  • रवि पुष्य योग-- नहीं
  • अमृतसिद्धि योग-नहीं
  • त्रिपुष्कर योग-Oct 21 07:54 PM से Oct 21 09:53 PM
  • द्विपुष्कर योग-नहीं है
  • अभिजीत मुहूर्त-11:48 AM से 12:34 PM
  • गुरू पुष्य योग - नहीं

आज का अशुभ समय( Today Bad Time)

  • राहु काल-09:20 AM से 10:46 AM तक
  • कालवेला / अर्द्धयामसे-12:51:14 से 13:37:02 तक
  • दुष्टमुहूर्त-05:59:09 से 06:44:57 तक, 06:44:57 से 07:30:44 तक
  • यमगण्ड-13:08:25 से 14:34:16 तक
  • भद्रा-09:53 PM से 06:00 AM, Oct 22
  • गुलिक-05:59:09 से 07:25:01 तक
  • गंडमूल-नहीं है

आज का चौघड़िया (Today Choghadiya)

दिन का चौघड़िया

    • काल (काल वेला) 06:30 AM 07:55 AM
    • शुभ 07:55 AM 09:20 AM
    • रोग 09:20 AM 10:46 AM
    • उद्बेग 10:46 AM 12:11 PM
    • चर 12:11 PM 13:36 PM
    • लाभ (वार वेला) 13:36 PM 15:02 PM
    • अमृत 15:02 PM 16:27 PM
    • काल (काल वेला) 16:27 PM 17:52 PM

रात का चौघड़िया

    • लाभ (काल रात्रि) 17:52 PM 19:27 PM
    • उद्बेग 19:27 PM 21:02 PM
    • शुभ 21:02 PM 22:37 PM
    • अमृत 22:37 PM 00:11 AM
    • चर 00:11 AM 01:46 AM
    • रोग 01:46 AM 03:21 AM
    • काल 03:21 AM 04:55 AM
    • लाभ (काल रात्रि) 04:55 AM 06:30 AM

    पंचांग क्या होता है?

पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है। जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है। हर दिन की तिथि का निर्धारण सूर्य और चंद्मा में भेद के आधार पर होता है और पंचांग के आधार पर हर दिन के शुभ-अशुभ समय का निर्धारण करते हैं। इसके आधार पर अपने काम को आसान बनाते हैँ। आज का पंचांग में तिथि, पक्ष, माह, नक्षत्र भी देखना जरुरी होता है। क्योंकि हर एक शुभ कार्य के लिए अलग अलग नक्षत्र होता है। सूर्योदय से दूसरे दिन सूर्योंदय के कुछ पहर पहले तक ही एक तिथि मानी जाती। चंद्रमा का स्थान जिस दिन चंद्रमा जिस स्थान पर होता है। उस दिन वही नक्षत्र और राशि मानी जाती है। चंद्रमा एक राशि में ढ़ाई दिन तक रहते हैं।

तिथि वारं च नक्षत्रं योगं करणमेव च।

पंचांगस्य फलं श्रुत्वा गंगा स्नानं फलं लभेत् ।।

आदिकाल में ही इस श्लोक के माध्यम से पंचांग को परिभाषित किया है।

तिथि- पंचांग का पहला अंग तिथि है। जो 16 है। इनमें पूर्णिमा और अमावस्या दो प्रमुख तिथियां है। जो दो पक्षों का निर्धारण करते हैं। कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। पूर्णिमा और अमावस्या दोनों तिथि माह में एक बार आती है।

नक्षत्र- नक्षत्र 27 होते हैं। लेकिन एक मुहूर्त अभिजीत नक्षत्र है जो शादी विवाह के समय देखा जाता है। इसे मिला कर 28 नक्षत्र भी कहे जाते है।

योग- 27 होते है। मनुष्य के जीवन में योग का बहुत महत्व है।

करण- 11 होते हैं। 4 स्थिर व 7 परिवर्तनशील है।

वार- सप्ताह में 7 दिन होते हैं। जो रविवार से शुरू, सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार, और शनिवार पर खत्म होते हैं।

21 अक्टूबर अगस्त 2023 शनिवार शुक्ल पक्ष सप्तमी 09:53 PM तक उसके बाद अष्टमी, नक्षत्र-पूर्वाषाढा 07:54 PM तक उसके बाद उत्तराषाढाहै। आज के दिन कोई भी शुभ काम करना हो तो कर सकते हैं। आज का दिन हर दृष्टि से शुभ फलदायी है। अगर किसी शुभ काम को शुरू करना हो, गाड़ी, मकान वस्त्र -आभूषण कुछ भी खरीदना हो तो यहां जान लीजिए शुभ मुहूर्त और अशुभ मुहूर्त।शनिवार के दिन कुछ लोगों के लिए भाग्यशाली रहने वाला है।

दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

21 October 2023 Ka Panchang Tithi in Hindi, सुप्रभात21 अक्टूबर का शुभ मुहूर्त, 21 October 2023 का पंचांग तिथि, सुप्रभात आज का पंचांग 21 अक्टूबर 2023 ,कल का पंचांग 21अक्टूबर 2023,आने वाले कल का पंचांग 21 अक्टूबर 2023 ,कल शुभ मुहूर्त कब है 21 September 2023 Ka Choghadiya 20अक्टूबर 2023 का पंचांग21अक्टूबर 2023 पञ्चाङ्ग,21अक्टूबर 2023 हिन्दू पंचांग,21 अक्टूबर 2023 शुभ मुहूर्त शुभ योग,21 October 2023 Shubh Muhurat Shubh Yog आज का पंचांग

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story