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Aaj Surya Grahan: सूर्य ग्रहण और वट सावित्री व्रत पड़ रहा एक ही दिन, क्या इस बार विवाहित स्त्रियों को रखना चाहिए व्रत? आइए जानते हैं ग्रहण काल
साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) 10 जून दिन बुधवार को लगने जा रहा है। इसी दिन गुरुवार को वट सावित्री व्रत भी होना है। यह त्यौहार ज्येष्ठ महीने में अमावस्या के दिन मनाया जाता है
Aaj Surya Grahan: साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) 10 जून दिन बुधवार को लगने जा रहा है। इसी दिन गुरुवार को वट सावित्री व्रत भी होना है। यह त्यौहार ज्येष्ठ महीने में अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस साल के ग्रहण की खास बात यह है कि इसी दिन शनि जयंती भी पड़ रहा है। शास्त्रों की मानें तो शनि जयंती के दिन को ही शनिदेव के जन्मदिवस के रूप में जाना जाता है। वट सावित्री व्रत का त्यौहार भारत के उत्तरी राज्यों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय माना जाता है। यह त्यौहार उत्तर प्रदेश, बिहार महाराष्ट्र, पंजाब, मध्य प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में पूरे हर्षों उल्लास के साथ मनाया जाता है।
वट सावित्री व्रत का हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए विशेष मान्यता प्रदान की गई है। विवाहित स्त्रियां इस दिन अपने पति के लंबे जीवनकाल और सुखद दाम्पत्य जीवन के लिए व्रत रखती हैं। ये महिलाएं इस दिन बरगद के पेड़ की परिक्रमा करते हुए उस पर सुरक्षा का धागा बांधकर पति की दीर्घायु के लिए प्रार्थना करती हैं।
दिन गुरुवार 10 जून का ग्रहण एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। इस ग्रहण में चंद्रमा के चारों ओर आग का एक वलय बनेगा जो सूर्य के केंद्र को पूरी तरीके से घेर लेगा। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण के दौरान सूतक काल का विशेष महत्व है। सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल, ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है। धार्मिक विश्वास के अनुसार, इस सूतक काल में किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है। इस काल के दौरान भगवान की पूजा करना भी वर्जित माना जाता है। हालाकि वट सावित्री व्रत तथा सूर्य ग्रहण एक ही दिन पड़ रहे हैं, ऐसे में व्रत की पूजा और उपवास को लेकर कई स्त्रियों के मन में संदेह है। तो आइए जानते हैं कि क्या इस मौके पर वट सावित्री व्रत पूजा करनी चाहिए अथवा नहीं।
इस बार का सूर्य ग्रहण यूरोप, अमेरिका और एशिया में आंशिक रूप में दिखाई पड़ेगा जबकि ग्रीनलैंड, रूस और उत्तरी कनाडा में सूर्य ग्रहण का पूरा नजारा देखने को मिलेगा। साल का यह सूर्य ग्रहण भारत में सिर्फ अरुणाचल प्रदेश में आंशिक रूप में दिखाई देगा। इसी कारण वश विवाहित महिलाएं वट सावित्री व्रत पूजा पूरी श्रद्धा से कर सकती हैं।
वट सावित्री व्रत बुधवार, 10 जून 2021
अमावस्या समय 9 जून 2021 दोपहर 01:57 से आरंभ होकर 10 जून 2021 शाम 04:22 पर समाप्त होगा।
व्रत पारण समय- 11 जून 2021 शुक्रवार
धार्मिक परम्परों की माने तो जो भी पत्नी इस व्रत को सच्ची श्रद्धा के साथ करती है तो उसे न सिर्फ पुण्य प्राप्त होता है अपितु उसके पति के सभी दुःख दूर हो जाते हैं। इस दिन सुहागन औरतें सोलह श्रृंगार करती हैं और नवविवाहित महिलाएं और कुवारी लड़कियां पीले वस्त्र धारण करती हैं।भगवान से अपने पति के दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं। महिलाएं अखण्ड सौभाग्य व परिवार की समृद्धि के लिए ये व्रत भी रखती हैं।
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