×

Adhik Maas Amavasya 2023: अधिकमास की अमावस्या की तिथि का कन्फ्यूजन यहां करें दूर, जानेंइस दिन पितृदोष मुक्ति के उपाय

Adhik Maas Amavasya 2023 Shubh Muhura: अधिकमास अमावस्या को दर्श अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन स्नान-दान और पितरों की पूजा का विशेष महत्व है। इसदिन किये गए धार्मिक कृत्यों से धन-वैभव बढ़ता है। जानते है सावन अधिकमास अमावस्या के चमत्कारी उपाय...

Suman Mishra। Astrologer
Published on: 11 Aug 2023 11:08 PM GMT
Adhik Maas Amavasya 2023: अधिकमास की अमावस्या की तिथि का कन्फ्यूजन यहां करें दूर, जानेंइस दिन पितृदोष मुक्ति के उपाय
X
Adhik Maas Amavasya 2023 Shubh Muhura (सांकेतिक तस्वीर, सोशल मीडिया)

Adhik Maas Amavasya 2023 Shubh Muhura: अधिकमास की अमावस्या तिथि 15- 16 अगस्त को लेकर कन्फ्यूजन है ? अधिक मास अमावस्या के दिन मलमास का समापन हो जाएगा और उसके अगले दिन से सावन का शुक्ल पक्ष प्रारंभ होगा। अमावस्या के दिन स्नान और दान करने का विधान है। इस दिन पितरों को तृप्त करने के लिए तर्पण, पिंडदान आदि करते हैं, ताकि पितृ दोष से मुक्ति मिल सकेके साथ समाप्त हो जाएंगे।

बता दें कि इन दिनों पितरों का तर्पण और श्राद्ध किया जाता है। वही मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पितृ पृथ्वी पर आते हैं जिससे उनका श्राद्ध कर्म करके मोक्ष की प्राप्ति मिल सके। कई लोगों की कुंडली में पितृदोष भी होता है जिस वजह से उनका कोई भी काम पूरा नहीं होता, वही बनता काम भी बिगड़ जाता है।

अधिक मास की अमावस्या का मुहूर्त

अधिक मास की अमावस्या तिथि की शुरूआत 15 अगस्त को दोपहर 12. 42 मिनट से होगी और समाप्ति 16 अगस्त को दोपहर 03.07 मिनट पर होगी।15 अगस्त मंगलवार को अधिक मास की दर्श अमावस्या है। इसे मलमास दर्श अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर से बन रहा है। यह योग दोपहर में 01. 59 मिनट से शुरू होगा और 16 अगस्त को सुबह 05. 51 मिनट तक रहेगा।

अधिक मास अमावस्या 16 अगस्त दिन बुधवार को है। इस दिन अमावस्या का स्नान और दान किया जाएगा। पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान, दान, ब्राह्मण भोज आदि इस दिन करते हैं। अमावस्या के दिन शुभ-उत्तम मुहूर्त सुबह 05:47 बजे से 07:27 बजे तक है।

अमावस्या पर पितृदोष निवारण, जानिए क्या है पितृ दोष

यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका अंतिम संस्कार विधि विधान से ना किया जाए या फिर किसी व्यक्ति की अकाल मृत्यु हो जाती है तो उस व्यक्ति से जुड़े परिवार को पितृदोष का सामना करना पड़ सकता है। फिर यह दोष एक पीढ़ी तक ही नहीं बल्कि पीढ़ियों दर पीढ़ियों चलता रहता है। इस वजह से आपके हर काम में समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।

दर्श अमावस्या को चंद्र देव के दर्शन नहीं होते हैं, लेकिन इस दिन आप जो भी प्रार्थना करते हैं, उसे चंद्र देव सुनते हैं और पूर्ण करते हैं। इस वजह से दर्श अमावस्या पर चंद्र दोष को दूर करने के लिए चंद्रमा की पूजा करते हैं। यह भी माना जाता है कि दर्श अमावस्या पर पितर पृथ्वी पर आकर अपने परिवार के सदस्यों को आशीर्वाद देते हैं, इसलिए उनके लिए पूजा करते हैं।

अमावस्या पर पितृदोष से मुक्ति के उपाय

  • पितृदोष से छुटकारा पाने के लिए आप श्राद्धपक्ष मे प्रतिदिन सुबह एक कलश में पानी ले और उसमें 2 बून्द गंगाजल डालकर इसे भगवान शिव पर अर्पित कर दे, ऐसा करने से भी पितृदोष से मुक्ति मिल जाती है।
  • यदि आपकी कुंडली में भी पितृदोष मौजूद है तो आप पितरों की फोटो दक्षिण दिशा की तरफ लगाए. रोजाना माला चढ़ाकर उनका स्मरण करें, ऐसा करने से पितृ दोष समाप्त हो जाता है।
  • पीपल के पेड़ में दोपहर के समय जल चढ़ाए. इसके साथ ही अक्षत, दूध, गंगाजल और काले तिल भी चढ़ाए और पितरों को याद करें।
  • रोजाना शाम के समय दक्षिण दिशा की तरफ एक दीपक जरूर जलाएं. यदि आप रोजाना नहीं जला सकते तो पितृपक्ष के दौरान अवश्य जलाए।
  • पितृदोष से छुटकारा पाने के लिए आप गरीब कन्याओं का विवाह करवाएं या फिर किसी के विवाह में सहायता करें, ऐसा करने से भी पितृदोष से छुटकारा मिल जाता है।

Suman Mishra। Astrologer

Suman Mishra। Astrologer

Next Story