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Moksha: जीवन का अंतिम लक्ष्य मोक्ष

Moksha: हनुमान जी के चरित्रों का अवलोकन करके उनका अनुसरण करके अपना जीवन व्यतीत करें तो जीवन का अंतिम लक्ष्य मोक्ष उसे अवश्य प्राप्त हो सकता है।

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Newstrack Network
Published on: 21 May 2024 12:33 PM IST
Moksha
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Moksha 

Moksha: इस संसार में जन्म लेने के बाद मनुष्य का लक्ष्य होता है मोक्ष प्राप्त करना | मोक्ष प्राप्त करने के लिए हमारे महापुरुषों ने कई साधन बताए हैं | कोई भक्ति करके मोक्ष प्राप्त करना चाहता है तो कोई ज्ञानवान बन करके सत्संग के माध्यम से इस मार्ग को चुनता है , और कई मनुष्य बैराग्य धारण करके मोक्ष की कामना करते हैं | यह कामना अनेक मार्ग अपनाने के बाद भी यदि मनुष्य की नहीं सफल होती है तो उसका एक ही कारण है कि मनुष्य के भीतर का अहंकार जब तक मनुष्य के भीतर का अहंकार नहीं जाएगा तब तक कुछ भी नहीं प्राप्त किया जा सकता है। थोड़ा सा ज्ञान प्राप्त कर लेने पर मनुष्य स्वयं को विज्ञानी समझने लगता है यह उसका अहंकार ही है ।

जबकि अहंकार रहित जीवन एवं ज्ञान , भक्ति , वैराग्य इन तीनों का समन्वय देखना है तो हमें अनंत बलवंत हनुमंत लाल जी का चरित्र देखना चाहिए । अतुलनीय बल का स्रोत होने के बाद भी , बज्र जैसा शरीर , ज्ञानियों में सर्वश्रेष्ठ ज्ञानी एवं भक्ति में अग्रगण्य तथा अद्भुत बैरागी जीवन होने पर भी लेश मात्र भी अहंकार हनुमान जी के जीवन में देखने को नहीं मिलता है | सेवाभाव , दास्यभाव , भक्तिभाव का जैसा अनुपम उदाहरण हमें हनुमान जी के चरित्र से देखने को मिलता है वह अन्यत्र कहीं दृष्टिगत नहीं होता ।अपने भक्तों को अभय प्रदान करने वाले हनुमान जी की महिमा चारों युगों में बतलाई गई है ।

मनुष्य अपने जीवन में अनेकानेक मार्ग अपनाने के स्थान पर यदि हनुमान जी के चरित्रों का अवलोकन करके उनका अनुसरण करके अपना जीवन व्यतीत करें तो जीवन का अंतिम लक्ष्य मोक्ष उसे अवश्य प्राप्त हो सकता है । सनातन धर्म में अनेक देवी देवताओं को मान्यता दी गई है परंतु हनुमान जी को कलयुग का प्रत्यक्ष देवता माना गया है | जहां भी भगवान श्री राम का कीर्तन होता है वहां हनुमान जी अपना आसन लगाकर बैठ जाते हैं , अपने भक्तों की रक्षा करने में अग्रणी हनुमान जी का चरित्र अविश्वसनीय एवं अविस्मरणीय है । प्रत्येक मनुष्य को हनुमान जी के जीवन से शिक्षा लेते हुए उनकी भक्ति करके अपने जीवन को धन्य बनाने का प्रयास करना चाहिए ।



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Shalini singh

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