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Aja Ekadashi 2021 : भाद्रमास में कब है अजा एकादशी का व्रत, जानिए इस दिन कौन सा शुभ योग देगा चमत्कारी फल
Aja Ekadashi 2021: विष्णु पुराण, व गीता के अनुसार अजा एकादशी का व्रत करने से समस्त भय और पापों से मुक्ति मिलती है और मधुसुधन की कृपा बरसती है। साथ ही इस दिन दान पुण्य का भी महत्व है।
अजा एकादशी व्रत (2021) कब है?
एकादशी तिथि का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है।हर महीने दो एकादशी दो पक्ष में पड़ती है। हर एकादशी की अपनी महिमा है। भाद्रमास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी कहा जाता है। इस साल 2021 में अजा एकादशी व्रत 3 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधिनुसार व्रत रखने और ऋषिकेष की पूजा करने से परमपद की प्राप्ति होती है।
अजा एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त
भाद्रमास की अजा एकादशी को आनंद एकादशी भी कहते हैं।
एकादशी तिथि प्रारम्भ : 02 सितंबर 06.22 AM से
एकादशी तिथि समाप्त : 03 सितंबर एकादशी 07.44 AM तक उसके बाद द्वादशी
अभिजीत मुहूर्त - 12.01 PM से 12.50 PM
अमृत काल – 02.07 PM से 03.50 PM
ब्रह्म मुहूर्त – 04.37 AM से 05.25 AM
विजय मुहूर्त- 02.03 PM से 02.53 PM
गोधूलि बेला- 06.02 PM से 06.26 PM
सर्वार्थसिद्धि योग – 03 सितंबर 06.13 AM से 03 सितंबर 04.42 PM
4 सितंबर को पारण का समय : 05.30 AM से 08.23 AM तक।
इस दिन सुबह उठकर मिटटी के लेप और कुशा से स्नान करना चाहिए। उसके बाद अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा, व्रत, कथा महात्मय सुनने के साथ दान-पुण्य का भी महत्व है। इस दिन पूरे समय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए वस्त्र ,चन्दन ,जनेऊ ,गंध, अक्षत ,पुष्प , धूप-दीप नैवेध,पान-सुपारी चढ़ाकर करनी चाहिए। इससे श्रीहरि की कृपा बरसती है। विष्णु पुराण, व गीता के अनुसार अजा एकादशी करने समस्त भय और पापों से मुक्ति और मधुसुधन की कृपा बरसती है।