×

अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती एक ही दिन, जानें इस शुभवसर की खासियत और शुभ मुहूर्त के बारे में

Akshay Tritya 2022: अक्षय तृतीय और परशुराम जयंती दोनों अवसर एक दूसरे से काफी हद तक मेल खाते हैं। अक्षय तृतीय के अवसर पर भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं परशुराम जयंती पर भगवान विष्णु के अवतार की पूजा करते हैं।

Rajat Verma
Written By Rajat VermaPublished By Monika
Published on: 2 May 2022 6:29 AM GMT
Akshay Tritya 2022 ,  Parshuram Jayanti 2022
X

अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती एक ही दिन (photo: social media )

Akshay Tritya 2022: 3 मई 2022 को अक्षय तृतीय ( Akshay Tritya 2022) और परशुराम जयंती (Parshuram Jayanti 2022) का संयोजन एक ही हो रहा है। ऐसे में यह अवसर कई मायनों में बेहद ही खास है, शुभ मुहूर्त में पूजन विधि के चलते आपको भारी लाभ प्राप्त हो सकता है।

हिन्दू मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के छठवें अवतार परशुराम हैं और इनका जन्म वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हुआ था। जिसके बाद से लगातार प्रतिवर्ष इसी दिन परशुराम जयंती मनाई जाती है। अधिकतर, प्रत्येक वर्ष अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती एक ही दिन पड़ते हैं, लेकिन तृतीया तिथि के समय के आधार पर परशुराम जयंती अक्षय तृतीया से एक दिन पहले भी पड़ सकती है।

अक्षय तृतीय और परशुराम जयंती दोनों अवसर एक दूसरे से काफी हद तक मेल खाते हैं। एक ओर जहां हम अक्षय तृतीय के अवसर पर भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं तो वही दूसरी ओर हम परशुराम जयंती के अवसर पर भगवान विष्णु के अवतार की पूजा करते हैं। अक्षय तृतीया के अवसर पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती हैं तथा

ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया के अवसर पर किए हुए पुण्य कामों का ईश्वर हमें पुण्य परिणाम देते हैं। इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य विफल नहीं होता। इसी के चलते इस अवसर पर किसी खास या नई वस्तु की ख़रीददारी और किसी नए कार्य की शुरुआत का भी शुभ योग माना जाता है।

भगवान विष्णु के कई प्रत्येक युग में अलग-अलग अवतारों का वर्णन है लेकिन अकेले भगवान परशुराम का वर्णन प्रत्येक युग में मौजूद है। चाहें वह सतयुग में हो, त्रेता युग में भगवान श्री राम के समकालीन हो या फिर द्वापर युग में श्री कृष्ण के समकालीन। सभी युगों में भगवान परशुराम का उल्लेख पुराणों में मौजूद है।

परशुराम जयंती का शुभ मुहूर्त

परशुराम जयंती के लिए शुभ मुहूर्त मंगलवार 3 मई सुबह 05:18 से शुरु होकर बुधवार 4 मई सुबह 07:32 बजे तक है। इस अवसर पर मंगलवार को 3 मई को अक्षय तृतीय के अवसर पर ही परशुराम जयंती मनाई जाएगी।

अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त

अक्षय तृतीया के अवसर पर दान-पुण्य का काम बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार इस दिन किया गया दान हमारे अगले जन्म के पुण्य कर्मों का निर्धारण करता है। इस दिन सुहागिन महिलाओं द्वारा मंगलवार सवेरे ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के पश्चात पीला वस्त्र धारण कर दो कलश की स्थापना के साथ भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी की प्रतिमा पर अक्षत अर्पण कर पूजा करने का शुभ योग है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story