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Akshay Tritya 2025 in Hindi:अक्षय तृतीया 2025 में कब है, जानिए इस दिन का शुभ मुहूर्त और योग और महत्व

Akshay Tritya 2025 in Hindi : अक्षय तृतीया 2025 में कब है ,जानते हैं इस दिन कब रहेगा शुभ मुहूर्त और तिथि के बारे में

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 13 Dec 2024 8:26 AM IST
Akshay Tritya 2025 in Hindi:अक्षय तृतीया  2025 में कब है, जानिए इस दिन का शुभ मुहूर्त और योग और महत्व
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Akshay Tritya 2025 in Hindi अक्षय तृतीया 2025 कब है : वैशाख माह (Vaishakh Month) की तृतीया को अक्षय तृतीया या अखा तीज (Akshaya Tritiya) कहते है। यह त्योहार वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष के तीसरे तीन पड़ता है। इस त्योहार को भारत व नेपाल में हिन्दुओं व जैनियों द्वारा एक शुभ समय के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार जो भी कार्य इस दिन किये जाते है, उनका अक्षय फल मिलता है। इसलिए इस दिन को अक्षय तृतीय कहा जाता है।

संस्कृत में ‘अक्षय’ का अर्थ आशा, समृद्धि, आनंद और सफलता होता है और ‘तृतीय’ का अर्थ तीसरा होता है। हर महीनें शुक्ल पक्ष में तृतीय आती है, परन्तु वैशाख के दौरान आने वाली शुक्ल पक्ष में तृतीय को शुभ माना जाता है। यह दिन सर्वसिद्ध मुहूर्त के रूप में विशेष महत्व रखता है। इसदिन कोई भी शुभ कार्य किये जा सकते है - जैसे कि विवाह, गृह प्रवेश, वस्त्र, आभूषण, घर, जमीन और वाहन आदि खरीदना।

अक्षय तृतीया पर पढ़ें मंत्र

ओम् श्रीं श्रियै नमः !!,

हृीं ऐश्वर्य श्रीं धन धान्याधिपत्यै ऐं पूर्णत्व लक्ष्मी सिद्धयै नमः!!

ओम् नमो ह्ीं श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी मम गृहे धनं चिन्ता दूरं करोति स्वाहा !!

अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त कब है?

. वैशाख मास में शुक्लपक्ष की तृतीया अगर दिन के पूर्वाह्न (प्रथमार्ध) में हो तो उस दिन यह त्यौहार मनाया जाता है। यदि तृतीया तिथि लगातार दो दिन पूर्वाह्न में रहे तो अगले दिन यह पर्व मनाया जाता है, हालाँकि कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि यह पर्व अगले दिन तभी मनाया जायेगा जब यह तिथि सूर्योदय से तीन मुहूर्त तक या इससे अधिक समय तक रहे।तृतीया तिथि में यदि सोमवार या बुधवार के साथ रोहिणी नक्षत्र भी पड़ जाए तो बहुत श्रेष्ठ माना जाता है।

अक्षय तृतीया 2025 शुभ मुहूर्त

गुरुवार, 30 अप्रैल 2025 तृतीया तिथि प्रारंभ 30 अप्रैल को 05:41 से 12:18 (अवधि : 6 घंटे 36 मिनट) तक है। राहूकाल छोड़कर इस दिन किसी भी तरह के निवेश के लिए अच्छा है। कभी भी सोना या सोने के आभूषण खरीद सकते हैं।लेकिन इस बार अक्षय तृतीया पर विवाह का मुहूर्त नहीं रहेगा, क्योंकि इस दिन शुक्र और गुरु तारा दोनों ही अस्त होंगे।

अमृत काल - 01:25 PM – 02:51 PM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:21 AM – 05:09 AM

सर्वार्थसिद्धि योग - Apr 30 04:18 PM - May 01 05:57 AM (Mrigashirsha and Wednesday)

सर्वार्थसिद्धि योग - Apr 30 05:58 AM - Apr 30 04:18 PM (Rohini and Wednesday)

अक्षय तृतीया का महत्व

इससे घर परिवार में धन लाभ होता है। सुख, शांति और समृद्धि बढ़ती है। साथ ही इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाए तो दोगुना फल और मां की कृपा बरसती है। ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन दान-पुण्य करने से घर में सुख समृद्धि आती है। जीवन के सभी दुख दूर होते हैं और धन की कमी भी नहीं होती है।इस दिन किया गया हर काम शुभ और क्षयरहित रहता है। धर्मानुसार यह दिन बहुत शुभ होता है। इस तिथि को ही द्वापर युग का अंत और सतयुग और त्रेतायुग का प्रारंभ हुआ था। वर्तमान में कलयुग की शुरूआत भी इसी दिन हुआ था। इस वह से यह युगादि तिथि भी कहा जाता है।

अक्षय तृतीया का दिन साल के उन साढ़े तीन मुहूर्त में से एक है जो सबसे शुभ माने जाते हैं। इस दिन अधिकांश शुभ कार्य किए जा सकते हैं। इस दिन गंगा स्नान करने का भी बड़ा भारी माहात्म्य बताया गया है। जो मनुष्य इस दिन गंगा स्नान करता है, वह निश्चय ही सारे पापों से मुक्त हो जाता है। इस दिन पितृ श्राद्ध करने का भी विधान है। जौ, गेहूँ, चने, सत्तू, दही-चावल, दूध से बने पदार्थ आदि सामग्री का दान अपने पितरों (पूर्वजों) के नाम से करके किसी ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए। इस दिन किसी तीर्थ स्थान पर अपने पितरों के नाम से श्राद्ध व तर्पण करना बहुत शुभ होता है। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि सोना ख़रीदना इस दिन शुभ होता है। इसी तिथि को परशुराम व हयग्रीव अवतार हुए थे। त्रेतायुग का प्रांरभ भी इसी तिथि को हुआ था। इस दिन श्री बद्रीनाथ जी के पट खुलते हैं।

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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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