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अक्षय तृतीया के दिन है अद्भुत संयोग, इस मुहूर्त में करें खरीददारी
अक्षय तृतीया पर इस बार चार बड़े ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है। पंचांग के मुताबिक अक्षय तृतीया पर चार बड़े ग्रह सूर्य, शुक्र, चन्द्र और राहू उच्च
जयपुर:बैशाख मास शुक्ल पक्ष की तृतीया यानी अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान परशुराम का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है। भगवान परशुराम विष्णु भगवान के छठे अवतार है। कलयुग में आज भी ऐसे 8 चिरंजीव देवता और महापुरुष है जो जीवित हैं। इन्हीं 8 चिरंजीवियों में एक भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम भी हैं। अक्षय तृतीया के दिन ही इनकी जयंती मनाई जाती है।भगवान शिव के परमभक्त परशुराम न्याय के देवता हैं, परशुराम में अपने फरसे से वार कर भगवान गणेश के एक दांत को तोड़ दिया था जिसके कारण से भगवान गणेश एकदंत कहलाए जाते है। मत्स्य पुराण के अनुसार इस दिन जो कुछ दान किया जाता है वह अक्षय रहता है यानी इस दिन किए गए दान का कभी भी क्षय नहीं होता है। सतयुग का प्रारंभ अक्षय तृतीया से ही माना जाता है।
कहलाए परशुराम
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान परशुराम का जन्म भृगुश्रेष्ठ महर्षि जमदग्नि द्वारा सम्पन्न पुत्रेष्टि यज्ञ से हुआ। यज्ञ से प्रसन्न देवराज इन्द्र के वरदान स्वरूप पत्नी रेणुका के गर्भ से वैशाख शुक्ल तृतीया को एक बालक का जन्म हुआ था। वह भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। पितामह भृगु द्वारा सम्पन्न नामकरण संस्कार के अनन्तर राम, जमदग्नि का पुत्र होने के कारण जामदग्न्य और शिवजी द्वारा प्रदत्त परशु धारण करने के कारण वह परशुराम कहलाए।
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अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त-
इस दिन शादी-विवाह और खरीददारी के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। अक्षय तृतीया को सर्वसिद्ध मुहूर्त जैसा शुभ माना गया है। जिस तरह से दीपावली के दिन को बहुत ही शुभ मुहूर्त माना जाता है और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त के लिए इस दिन का विशेष महत्व होता है। अक्षय तृतीया के दिन लोगों में सोना, चांदी आदि खरीदने की विशेष परंपरा है।
अक्षय तृतीया पर इस बार चार बड़े ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है। पंचांग के मुताबिक अक्षय तृतीया पर चार बड़े ग्रह सूर्य, शुक्र, चन्द्र और राहू उच्च राशि में उपस्थिति रहेंगे। ऐसा योग बेहद दुर्लभ और बहुत ही सौभाग्यशाली होता है। इसके पहले अक्षय तृतीया पर ऐसा संयोग साल 2003 में बना था। पंचांग के मुताबिक इस वर्ष अक्षय तृतीया पर चार बड़े ग्रह सूर्य, शुक्र, चन्द्र और राहू अपने से उच्च राशि में होंगे। इस बार अक्षय तृतीया बनने वाला सुंदर, शुभ और अद्भुत संयोग बहुत ही शुभ फल देने वाला होगा।
अक्षय तृतीया पर जो भी शुभ कार्य किया जाता है उसका क्षय नहीं होता है। इस दिन सोना खरीदने का बेहद महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी कोई शख्स शुभ मुहूर्त में अपने घर सोना लेकर आता है उसके घर में मां लक्ष्मी का वास होता है। इस बार अक्षय तृतीया को सोना खरीदने का शुभ समय सुबह 6:26 बजे से रात्रि 11:47 बजे तक है।