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Arvind Kejriwal Ka Bhavishyafal: अरविंद केजरीवाल की कुंडली क्या कहती है, क्या बनेंगें प्रधानमंत्री :
Arvind Kejriwal Ka Bhavishyafal 2024: आप नेता कई परेशानियों में घिरने के बाद भी राजनीति में उनका दबदबा है। सितारे उनके प्रबल है और पक्ष में है, लेकिन जानते है कि 2024 में उनके लिए कैसा रहेगा राजनीति में...
Arvind Kejriwal Horoscope 2024: साल 1968 को हरियाणा के भिवानी में जन्में अरविंद केजरीवाल एक भारतीय राजनीतिज्ञ और दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। भारत में लोकपाल बिल पारित करवाने की आवाज़ उठाते अन्ना हज़ारे के अनशन आंदोलन के दौरान वो मीडिया की सुर्ख़ियों में आएं थे। इसके बाद उन्होनें 'आम आदमी पार्टी' के नाम से अपनी खुद की पार्टी गठित की जिसके बाद ही वो दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हुए।
बता दें कि अरविंद केजरीवाल की सिंह लग्न की है। साथ ही पंचमेश गुरु की महादशा में राहु की अंतरदशा नवंबर 2021 से मार्च 2024 तक चल रही है। वहीं लग्न में स्थित गुरु बृहस्पति दशमेश शुक्र और धनेश बुध के साथ एक शुभ योग का निर्माण कर रहे हैं। अंतर दशा नाथ राहु लग्न से अष्टम और चन्द्रमा से हानि के द्वादश भाव में विराजमान हैं। इसलिए अरविंद केजरीवाल पर ईडी के कई नोटिस भी पहुंच चुके हैं।
वहीं अरविंद केजरीवाल की कुंडली में हानि के 12वें भाव में स्थित मंगल और सूर्य दोनों सर्प द्रेष्काण में हो कर अशुभ योग बना रहे हैं। साथ ही कारावास का योग बन रहा है। साथ ही इनके ऊपर कर्मफल दाता शनि की महादशा 29 मार्च 2024 से आरंभ होगी, जो इनके लिए शुभ नहीं रहेगी। जिससे इनकी पार्टी लोकसभा चुनाव अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएगी। क्योंकि इनकी कुंडली में शनि देव द्वादशेश चंद्र के साथ विष योग में अशुभ स्थिति में विराजमान हैं। जिसको ज्योतिष में बेहद अशुभ माना जाता है।
2024 के चुनाव में अरविंद केजरीवाल की कुंडली क्या कहती है
नाम: अरविंद केजरीवाल
जन्म तिथि: 16 अगस्त 1968
जन्म समय: 00:30:00
चंद्र राशि: मेष
नक्षत्र: भरणी
सूर्य राशि (पाश्चात्य): सिंह
सूर्य राशि (भारतीय): कर्क
बता दें कि कुंडली में शनि गोचर में 10वें भाव में अपनी मूल त्रिकोण राशि 29 अप्रैल 2022 को प्रवेश कर रहे हैं, जो कि इनकी कुंडली में प्रबल राजयोग बना रहा है। इस शनि के गोचर के कारण केजरीवाल भारतीय राजनीति में अगले तीन सालों में आम आदमी पार्टी को आगे बढ़ाते हुए राजनीति में नया मुकाम हासिल करेंगे। उनती कुंडली में लग्नेश शुक्र, लाभेश गुरु तथा पंचमेश बुध चतुर्थ केन्द्र स्थान में युति करके प्रबल राजयोग बना रहे है। इसी राजयोग की वजह से केजरीवाल को भारतीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने का अवसर प्राप्त हुआ है। क्योंकि इन तीनों ग्रहों की 10वें घर पर पूर्ण दृष्टि है। इसके साथ ही मंगल भी 10वें घर में पूर्ण दृष्टि से देख रहा है।
उनकी कुंडली में मार्च 2026 के बाद शनि की महादशा शुरू होगी जो कि 19 साल रहेगी। यही शनि की महादशा केजरीवाल को विश्व विख्यात करेगी। इसके साथ ही केजरीवाल के नेतृत्व में आप पार्टी भारतीय राजनीति में अपना अलग मुकाम हासिल करेगी।अरविंद केजरीवाल की कुंडली में तीसरे भाव में सूर्य तथा मंगल कर्क राशि में बैठे हैं, जिसके चलते उनका पराक्रम भारतीय राजनीति में लगातार बढ़ता रहेगा। इसके साथ ही केजरीवाल की कुंडली में चतुर्थ भाव में तीन ग्रहों की युति जनता में इनकी लोकप्रियता तथा चमत्कारिक नेतृत्व को बढ़ाती है।
उनकी कुंडली में शनि भाग्येश और कर्मेश होकर अन्य 6 ग्रहों चंद्र, सूर्य, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र से पूर्व संबंध स्थापित किए हुए है। इसमें शनि चंद्र का युति संबंध, मंगल सूर्य से केंद्रीय योग तथा गुरु से त्रिकोण संबंध और गुरु के साथ बुध व शुक्र के होने से लग्नेश, धनेश, कर्मेश व भाग्येश का संबंध स्थापित होने से मणिकांचन योग बन रहा है। इस योग के कारण मुख्यमंत्री बन ही गए हैं।
2024 तो नहीं, लेकिन मार्च 2026 से होने वाली शनि की महादशा में 2029 से 2045 तक केजरीवाल राजनीति में शीर्ष पर रहेंगे। विपक्ष का नेता या प्रधानमंत्री बनने का योग है,
16 अगस्त 2024 से16 अगस्त 2025 का समय कैसा रहेगा
यह बहुत अच्छा समय है। अरविंद केजरीवाल सुखी और विलासपूर्ण जीवन व्यतीत करेंगे। विलास सामग्री पर भी खर्च करेंगे। मां बाप से संबंध बहुत मधुर रहेंगे। अगर नौकरी करते हैं तो पदोन्नति प्राप्त करेंगे। शत्रुओं पर विजय पायेंगे। आमदनी में काफी इजाफा होगा।बड़े बूढों से सहयोग प्राप्त करेंगे। सुदूर स्थलों तक की गई लम्बी यात्राएं सफलदायक सिद्ध होंगी। आमदनी बढ़ेगी और आय के नये स्त्रोत प्राप्त होंगे। यद्यापि खर्चे भी बढेंगे लेकिन आमदनी से अधिक नहीं होंगे। सट्टे के द्वारा आय होने की भी संभावना है। इस समय का पूरा सदुपयोग करें।
इस अवधि में अरविंद केजरीवाल के मुकदमाबाजी और कानूनी पचड़ों में फंसने की पूरी संभावना है। झूठी आशाओं पर निर्भर न रहें क्योंकि अरविंद केजरीवाल के मित्रगण जरूरी अवसर पर अरविंद केजरीवाल को नीचा दिखायेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
साथ ही अरविंद केजरीवाल के लिये यह सर्वश्रेष्ठ सिद्ध होगी। अरविंद केजरीवाल प्रचुर सफलता और सम्मान प्राप्त करेंगे। इस अवधि का उपयोग अरविंद केजरीवाल मन को एकाग्र करने समाधि और योग क्रियाओं को करने के लिए भी कर सकते हैं। धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र के किसी मुखिया से भी अरविंद केजरीवाल का सम्पर्क हो सकता है। यह अवधि अरविंद केजरीवाल को मानसिक चिन्ताएं देगी। विरोधी प्रतिष्ठा पर आंच लाने का प्रयत्न करेंगे। व्यय बढ़ता रहेगा। अचानक हानि होने की भी संभावना है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण परेशान रहेंगे। हानिकर कार्यो से भी सम्बंधित रह सकते हैं।
अरविंद केजरीवाल की इच्छाएं व महत्वाकांक्षायें पूरी होगी। मित्रों और रिश्तेदारों से सहायता पायेंगे। इस समय के सौदे सफलदायक सिद्ध होंगे। अनुबन्धों और समझौतों से अरविंद केजरीवाल को प्रचुर लाभ मिलेगा।
इस वजह से राजनीति में प्रबल और मजबूत स्थिति
राजनीति में सफल होने के लिए कर्क और सिंह राशि, गुरु, शनि का बलवान होना ज़रूरी होता है। दरअसल चन्द्रमा रानी है और सूर्य राजा है इसलिए जब सूर्य गुरु और शनि का इन राशियों से संबंध बनता है तो व्यक्ति को लीडर बनने में मदद मिलती है। इनकी कुंडली में लग्नेश, धनेश और लाभेश की चौथे भाव में सिंह राशि में युति है।
केंद्र स्थान में विराजमान गुरु के कारण इस राजयोग में और शुभता आ रही है। इन तीनों ग्रहों का प्रभाव दशम भाव पर आ रहा है। वहीं तीसरे भाव से मंगल की दृष्टि भी दशम भाव पर आ रही है। यही कारण है की अरविन्द केजरीवाल विस्तारवाद की नीति को अपना रहे है। यहां ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि मंगल चन्द्रमा का राशि परिवर्तन राजयोग हैजो बलवान राजयोग है।
यहां मंगल चन्द्रमा की राशि में नीच का होकर विराजमान है वही चन्द्रमा मंगल की राशि मेष में विराजमान होकर नीच भंग राजयोग बना रहा है। इसी के कारण इनका पराक्रम राजनीति में अब बढ़ता ही जा रहा है। राजनीति में जनता का कारक चौथा भाव गुरु शुक्र बुध जैसे 3 शुभ ग्रह से युत होने के कारण इन्हे अच्छे बहुमत से विजयी बना देता है। पंचम के केतु और लाभ में राहु होने के कारण इन्हे अपने ही लोगों के द्वारा बदनामी झेलनी होती है।
यहां दशम भाव के स्वामी शनि का 12वें भाव में नीच होकर छठे भाव पर दृष्टिपात करना इस बात का संकेत है कि जातक अपने काम को छोड़कर किसी बड़े आंदोलन का हिस्सा बन सकता है। दशम भाव और दशमेश दोनों पर गुरु की दृष्टि होने से जातक को लोगों का साथ मिलता है। यहां शनि की भाग्य स्थान पर दृष्टि से उन्हें जनादेश में मजबूती आ रही है। तीसरे भाव में नीच के मंगल पर राहु की दृष्टि के कारण वो किसी पर भी आरोप लगा देते है और यही कारण है कि उन्हें माफ़ी भी मांगनी पड़ती है।
केजरीवाल की कुंडली से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उन्हें 2024 में भले ही आशातीत सफलता हाथ न लगे लेकिन इतना तय है कि भारतीय राजनीति की पिच पर अभी उन्हें लम्बी पारी खेलनी है।