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Ashadha Amavasya 2021: इस साल आषाढ़ माह में कब है अमावस्या तिथि, जानिए इस दिन के शुभ मुहूर्त और योग

Ashadha Amavasya 2021: पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की 30 वीं तिथि को अमावस्या कहते हैं। अमावस्या तिथि का खास महत्व होता है। इस दिन को पितरों की याद में पूजा, जप-तप और दान दिया जाता है। अमावस्या जब मंगलवार और शनिवार को पड़े तो उसका महत्व और बढ़ जाता है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 5 Jun 2021 9:51 AM GMT
आषाढ़ माह की अमावस्या शुभ कब ?
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सांकेतिक तस्वीर( सौ. से सोशल मीडिया) 

आषाढ़ माह की अमावस्या कब ?

हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में दो पक्ष कृष्ण और शुक्ल पक्ष पड़ते हैं। शुक्ल पक्ष की 15 वी तिथि को पूर्णिमा औरकृष्ण पक्ष की 30 वीं तिथि को अमावस्या पड़ता है। अमावस्या तिथि का अपना खास महत्व होता है। इस दिन को पितरों की याद में पूजा, जप-तप और दान दिया जाता है। अमावस्या का मंगलवार और शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या का महत्व और बढ़ जाता है।इस बार आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि 09-10 जुलाई के दिन पड़ रही है। इस कारण इस बार शनिचरी अमावस्या भी पड़ेगा।

आषाढ़ माह की शनिचरी अमावस्या तिथि व समय

  • अमावस्या तिथि – शुक्रवार 09 -10 जुलाई , 2021
  • अमावस्या तिथि आरंभ –शुक्रवार 9 जुलाई को 05:18 बजे से
  • अमावस्या तिथि समाप्त – शनिवार 10 जुलाई 06:48 बजे तक


आषाढ़ माह की अमावस्या के दिन शुभ मुहूर्त और यो

  • अभिजीत मुहूर्त- 11:36 AM से 12:30 PM
  • अमृत काल-12:18 PM से 02:03 PM
  • ब्रह्म मुहूर्त-03:52 AM, July 10 से 04:33 AM, July 10
  • विजय मुहूर्त- 02:19 PM से 03:14 PM
  • सवार्थ सिद्धि योग-11:14 PM से 05:15 AM, July 10

सांकेतिक तस्वीर( सौ. से सोशल मीडिया)


आषाढ़ माह में शुक्र या शनि अमावस्या

अमावस्या के दिन स्नान दान कर पितरों को प्रसन्न किया जाता है। इस बार शुक्रवार को अमावस्या के साथ उदयतिथि होने की वजह से शनिवार को भी अमावस्या मनाया जाएगा। कहते हैं कि अमावस्या के दिन शनिदेव की पूजा के साथ दान और शिव भगवान को जलाभिषेक करने से जीवन के हर कष्ट दूर हो जाते हैं।

अगर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से परेशान हो रखे हैं। धन की कमी को दूर करने के लिए अमावस्या के दिन पितरों के नाम से पूजा-शांति करवाए और पीपल के वृक्ष में दीपदान करने से शांति मिलती है।

अभी कोरोना का संक्रमण काल चल रहा है। ऐसे में आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि मौसम में बदलाव के साथ जीवन में भी बदलाव के संकेत देती है। इस समय से बरसात की शुरुआत हो जाती है। जो मौसमी बीमारियों को दावत देती है। ऐसे में हमे इस दिन साफ-सफाई के साथ नियम और धार्मिक कृत्य करने चाहिए। इससे ईश्वर की कृपा बरसती है।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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