Ashwin Mahine ke Tyohar: अश्विन मास में आएंगे एक साथ कई त्योहार , जानते हैं इस मास के नियम क्या करें और क्या नहीं

Ashwin Mahine ke Tyohar: शुरु होने वाला है पवित्र अश्विन मास,जो अपने साथ कई कर्मकांड और त्योहार लेकर आ रहा है।जानते हैं इस मास की विशेषता...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 17 Sep 2024 4:15 AM GMT
Ashwin Mahine ke Tyohar: अश्विन मास में आएंगे एक साथ कई त्योहार , जानते हैं इस मास के नियम क्या करें और क्या नहीं
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Ashwin Mahine ke Tyohar अश्विन माह हिंदू कैलेंडर का 7वाँ महीना होता है, जो सितंबर-अक्टूबर के बीच आता है। इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है। यह माह शरद ऋतु की शुरुआत का साक्षी है और इसमें कई प्रमुख त्यौहार मनाए जाते हैं। इस माह को धार्मिक दृष्टि से बेहद खास माना जाता है, क्योंकि इस माह में पितरों के साथ देवी-देवताओं का भी आशीर्वाद प्राप्त करने का शुभ अवसर प्राप्त होता है। इस माह में कई महत्वपूर्ण पर्व मनाए जाते हैं, जैसे- पितृ पक्ष और शारदीय नवरात्र समेत आदि। जानते हैं कि कब से शुरू हो रहा है आश्विन माह और इस माह में क्या करें और क्या न करें।

आश्विन महीने में कौन-कौन से त्योहार आते हैं?

19 सितंबर 2024 (गुुरुवार) - अश्विन माह शुरू

21 सितंबर 2024 (शनिवार) - संकष्टी चतुर्थी

25 सितंबर 2024 (बुधवार) -जीवित्पुत्रिका व्रत

26 सितंबर 2023 (गुरुवार) -गुरु पुष्य योग

28 सितंबर 2024 (शनिवार) - इन्दिरा एकादशी

29 सितंबर 2024 (रविवार) - प्रदोष व्रत (कृष्ण)

30 सितंबर 2024 (सोमवार) - मासिक शिवरात्रि

2 अक्टूबर 2024 (बुधवार) - अश्विन अमावस्या

3 अक्टूबर 2024 (गुरुवार) - शरद नवरात्रि, घटस्थापना

9 अक्टूबर 2024 (बुधवार) - कल्परम्भ

10 अक्टूबर 2024 (गुरुवार) - नवपत्रिका पूजा

11 अक्टूबर 2024 (शुक्रवार) - दुर्गा महा नवमी पूजा, दुर्गा महा अष्टमी पूजा

12 अक्टूबर 2024 (शनिवार) - दशहरा, शरद नवरात्रि पारणा

13 अक्टूबर 2024 (रविवार) - दुर्गा विसर्जन

14 अक्टूबर 2024 (सोमवार) - पापांकुशा एकादशी

15 अक्टूबर 2024 (मंगलवार) - प्रदोष व्रत (शुक्ल)

17 अक्टूबर 2024 (गुरुवार) - अश्विन पूर्णिमा व्रत, तुला संक्रांति

अश्विन माह में शारदीय नवरात्रि का पर्व आता है, जिसमें नौ दिनों तक माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। यह पर्व शक्ति और भक्ति का प्रतीक है।

नवरात्रि के बाद दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है, जो भगवान राम की रावण पर विजय का उत्सव है। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।

शरद पूर्णिमा: अश्विन माह में शरद पूर्णिमा का भी विशेष महत्व होता है। इसे चंद्रमा की विशेष पूर्णिमा माना जाता है और इस दिन चांदनी रात में खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखने की परंपरा है।

करवा चौथ: इस माह में करवा चौथ का पर्व भी आता है, जो विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए रखा जाता है।

अश्विन माह को खेती-किसानी के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस समय वर्षा ऋतु समाप्त होती है और किसान अपने फसल कटाई की तैयारियाँ करते हैं। धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से यह माह अत्यधिक शुभ माना जाता है।

अश्विन माह 2024 कब से कब तक

इस बार आश्विन माह की शुरुआत 18 सितंबर से होगी। वहीं, इसका समापन 17 अक्टूबर को होगा। इस साल अश्विन माह 19 सितंबर 2024 से शुरू हो रहा है, इसकी समाप्ति 17 अक्टूबर 2024 को होगी. ये पूरा महीना बेहद खास माना जाता है. ज्योतिष गणना के अनुसार, जब चंद्रमा वृषभ और मिथुन राशि के बीच में आते हैं तब अश्विन माह का शुभारंभ होता है।

अश्विन माह में श्राद्ध

अश्विन माह की प्रतिपदा तिथि से सर्व पितृ अमावस्या तक 15 दिन पितरों को समर्पित होते हैं। इस दौरान पितृपक्ष में घर-परिवार के मृत सदस्यों की मृत्यु तिथि के अनुसार श्राद्ध कर्म करना चाहिए, मान्यता है कि इससे पूर्वज प्रसन्न होते हैं और परिवार में कभी दुख, दरिद्रता नहीं आती। इस साल पितृ पक्ष में 18 सितंबर से 2 अक्टूबर 2024 तक श्राद्ध किए जाएंगे।

आश्विन महीने में क्या नहीं खाना और करना चाहिए ?

आश्विन मास के दौरान दान धर्म खूब करना चाहिए। दान धर्म करने से इंसान को पुण्य की प्राप्ति होती है।

ये माह ऋतु परिवर्तन का समय है, इसलिए खानपान का खास ध्यान रखें. ऐसी चीजें खाने से बचें, जिन्हें आसानी से पचाना संभव न हो. अश्विन महीने में दूध, बैंगन, मूली, मसूर की दाल, चना आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

तला हुआ, मसालेदार भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए।

इसके अलावा मांसाहार, तामसिक भोजन, बैंगन, प्याज-लहसुन से दूर रहें।

किसी के प्रति मन में गलत विचार धारण न करें।

बड़े-बुर्जुगों और महिलाओं का अपमान न करें।

घर को गंदा न रखें, क्योंकि देवी-देवताओं का वास साफ-सफाई वाली जगह पर होता है।

आश्विन महीने में क्या करें

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्र में कुंवारी कन्याओं को धन, वस्त्र, भोजन, फल, मिष्ठान आदि का दान देने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

आश्विन मास में तिल और घी का दान जरूर करना चाहिए।

इस महीने में मां दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मां काफी खुश होती हैं और आपके ऊपर विशेष कृपा दृष्टि बनाई रखती हैं।

आश्विन मास के दौरान दान धर्म खूब करना चाहिए। दान धर्म करने से इंसान को पुण्य की प्राप्ति होती है।

आश्विन मास में किसी के प्रति मन में बैर-भाव न रखें। सभी से प्रेम पूर्वक व्यवहार रखें।

आश्विन मास में अपने मन को शांत रखें।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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