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चंद्रमा के अशुभ होने से हो सकती है परेशानी, जानें क्या है रहस्य

Newstrack
Published on: 12 Jan 2018 12:57 PM
चंद्रमा के अशुभ होने से हो सकती है परेशानी, जानें क्या है रहस्य
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नई दिल्ली: ज्योतिष में चंद्र को मां का कारक कहा गया है। चन्द्रमा के अधिदेवता भी शिव हैं। चन्द्रमा मां का सूचक है और मन का कारक है, इसकी राशि कर्क है। कुंडली में चंद्र अशुभ होने पर माता को किसी भी प्रकार का कष्ट या स्वास्थ्य को खतरा होता है, दूध देने वाले पशु की मृत्यु हो जाती है, स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है। घर में पानी की कमी आ जाती है या नलकूप, कुएं आदि सूख जाते हैं। इसके प्रभाव से मानसिक तनाव, मन में घबराहट, मन में तरह तरह की शंका और सर्दी बनी रहती है। व्यक्ति के मन में आत्महत्या करने के विचार भी बार-बार आते रहते हैं।

ज्योतिषाचार्य शालिनी के अनुसार, जितने भी दूध वाले वृक्ष हैं सभी चन्द्र के कारण उत्पन्न हैं। चन्द्रमा बीज, औषधि, जल, मोती, दूध, अश्व और मन पर राज करता है। लोगों की बेचैनी और शांति का कारण भी चन्द्रमा है। चन्द्र ग्रहों में सबसे छोटा ग्रह है। परन्तु इसकी गति ग्रहों में सबसे अधिक है। शनि एक राशि को पार करने के लिए ढाई वर्ष लेता है, बृहस्पति लगभग एक वर्ष, राहू लगभग 14 महीने और चन्द्रमा सवा दो दिन लेता है। चन्द्रमा की तीव्र गति और इसके प्रभावशाली होने के कारण किस समय क्या घटना होगी, चन्द्र से ही पता चलता है। विंशोत्तरी दशा, योगिनी दशा, अष्टोतरी दशा आदि यह सभी दशाएं चन्द्र की गति से ही बनती है। चन्द्र जिस नक्षत्र के स्वामी से ही दशा का आरम्भ होता है।

कैसे होता चन्द्र खराब?

. घर का वायव्य कोण दूषित होने पर भी चन्द्र खराब हो जाता है। घर में जल का स्थान-दिशा यदि दूषित है तो भी चन्द्र खराब फल देता है।

. पूर्वजों का अपमान करने और श्राद्ध कर्म नहीं करने से भी चन्द्र दूषित हो जाता है। माता का अपमान करने या उससे विवाद करने पर चन्द्र अशुभ प्रभाव देने लगता है।

. शरीर में जल यदि दूषित हो गया है तो भी चन्द्र का अशुभ प्रभाव पडऩे लगता है। गृह कलह करने और पारिवारिक सदस्य को धोखा देने से भी चन्द्र अशुभ फल देता है। राहु, केतु या शनि के साथ होने से तथा उनकी दृष्टि चन्द्र पर पडऩे से चन्द्र खराब फल देने लगता है।

. अगर मन अच्छा है, मनोबल ऊँचा है तब व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास भी बढ़ता है और वह विपरीत परिस्थितियों में भी डटा रहता है लेकिन यदि किसी व्यक्ति का मन कमजोर है या वह बहुत जल्दी परेशान हो जाता है इसका अर्थ है कि कुण्डली में उसका चंद्रमा कमजोर अवस्था में है।

. ज्योतिष के अनुसार भक्ति योग करने से चंद्रमा की ऊर्जा में बढ़ोत्तरी होती है। इसके अलावा भ्रामरी प्राणायाम, नियमित वज्रासन और नौकायान आसन करना भी लाभप्रद होता है।

. अनिष्ट चन्द्रमा की शांति के लिए पूर्णिमा व्रत सहित चन्द्र मन्त्र का विधिवत अनुष्ठान करना चाहिए। चारपाई के चारों पायों में चांदी की कील गाडऩा चाहिए।

. चिकने, सुडौल और चमकीले मोती को चांदी की अंगूठी में जड़वाकर सोमवार के दिन कनिष्ठिका अंगुली में धारण करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति में सुधार आएगा।

. चंद्रमा की पीड़ा शांति के निमित्त नियमित (अथवा कम से कम सोमवार को) चंद्रमा के मंत्र का 1100 बार जाप करना अभिष्ट होता है। जाप मंत्र इस प्रकार है-

ऊँ श्रां श्रीं श्रौं सरू चन्द्र्रमसे नम॥

चंद्र नमस्कार के लिए इस मंत्र का प्रयोग करें

‘दधि शंख तुषारामं क्षीरोदार्णव सम्भवम।

नमामि शशिनं भक्तया शम्भोर्मकुट भूषणम।।

महिलाओं के माथे पर 5 लकीर के हैं खास मतलब

समुद्रशास्त्र में लोगों के हाथ, नाक आदि देखकर उनके व्यक्तित्व के बारे में कई बातों का पता चलता है। वैसे ही किसी भी महिला के चेहरे मात्र को देखने से यह पता लगाया जा सकता है कि महिला कितनी भाग्यशाली है। समुद्रशास्त्र में महिला की चेहरे के बनावट देखकर उनके मन के अदंर के छिपे राज भी पता चलते हंै।

समुद्रशास्त्र में कहा जाता है कि महिला की भौंहें छोटी और समान होती हैं तो ऐसी महिलाएं बहुत ईमानदार और चरित्रवान होती हैं।

कहा जाता है कि जिन महिलाओं की आंखें बड़ी-बड़ी होती है ऐसी महिलाएं काफी चंचल होती है। वह अपने आस-पास खुशीभरा वातावरण बनाएं रखती है।

जिस महिला के होंठ मोटे होते है ऐसी महिला झगड़ालू स्वभाव की होती है, उन्हें हमेशा तेज गुस्सा आता है यह हर छोटी-छोटी बात पर अपना आपा खो बैठती हैं।

वैसे ही कहा जाता है कि जिन महिलाओं के माथे पर पांच रेखाएं होती है ऐसा महिलाओं की उम्र बहुत अधिक होती है और वे दिमाग से भी तेज होती है।

लाफिंग बुद्धा से जुड़ी है अनिष्ट बात

फेंगशुई के अनुसार लाफिंग बुद्धा को घर में रखना शुभ होता है। लाफिंग बुद्धा को घर, दुकान या कार्यस्थल पर रखना अच्छा माना गया है। फेंगशुई में लाफिंग बुद्धा को अपने लिए खरीदना अच्छा नहीं माना गया है।

घर में लाफिंग बुद्धा रखना तभी शुभ साबित होता है जबकि कोई दूसरा व्यक्ति गिफ्ट करे। लाफिंग बुद्धा को अपने लिए क्यों नहीं खरीदना चाहिए। शायद इस बात को बहुत कम लोग जानते होंगे। दरअसल लाफिंग बुद्धा का संबंध चीनी ज्योतिष विद्या फेंगशुई से है। भारत में लाफिंग बुद्धा को लोग सजावट की वस्तु के रूप में जानते हैं। साथ ही कुछ लोग ऐसे हैं जो कि लाफिंग बुद्धा को वास्तु शास्त्र की दृष्टि से भी घर में रखते हैं। चीन के लोग लाफिंग बुद्धा की खरीददारी को लेकर बहुत सख्त हैं। वे कभी लाफिंग बुद्धा को अपने लिए नहीं, खरीदते इसके पीछे उनकी मान्यता यह है कि किसी भी व्यक्ति को इतना स्वार्थी नहीं होना चाहिए कि वे अपने लिए धन और खुशहाली की कामना हेतु लाफिंग बुद्धा खरीदें। जो लोग ऐसा करते हैं, जो अपने लिए ही लाफिंग बुद्धा खरीदते हैं, उन्हें कभी भी इस अलौकिक मूर्ति से आशीर्वाद प्राप्त नहीं हो सकता। वह मात्र सजावट की वस्तु बनकर ही रह जाता है और जिस उद्देश्य, यानि धन, खुशहाली और सकारात्मकता, की प्राप्ति हेतु इसे खरीदा जाता है वह फलित नहीं हो पाता। यह तभी फलदायी साबित होता है जब कोई व्यक्ति इसे बिना किसी स्वार्थ और सामने वाले का हित सोचते हुए ही इसे भेंट करे।

एक कटोरी पानी है बहुत महत्वपूर्ण

ज्योतिष में ऐसे सरल उपाय भी है जिन्हें आसानी से करके जीवन में अच्छा परिणाम पा सकते हैं।

एक कटोरी में पानी भरिये और उसे दिन में 3-4 घंटे के लिए सूर्य की रोशनी में रख दीजिये, और बाद में शाम के समय इस पानी को भगवान को याद करते हुए अशोक या आम के पत्तों की सहायता से पूरे घर में (छीटें) छिडक़ दीजिये। ऐसा करने से पूरे घर की नकारात्मकता दूर हो जाती है और पॉजिटिव वाइब्स घर में आती है।

अक्सर देखा जाता है की कुछ घरों में होली और दिवाली को लोबान की धुनि की जाती है लेकिन आप इसे हर दिन शाम को पूरे घर में कर सकते हैं। लोबान की खुशबू घर में फैलने पर घर में मौजूद सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियां और भूत प्रेत घर छोड़ कर दूर चले जाते हैं।

गैस पर छाना (सूखा गोबर) जलाइए, अच्छी तरह जल जाने पर उसे एक चिमटे या झर पर रख कर उसमें लोबान का चूरा धीरे धीरे डालते जाइये और पूरे घर में घुमते जाइये, ध्यान रहे की घर का कोई हिस्सा छूट ना जाये। ऐसा करने से धुंआ पूरे घर में फ़ैल जाएगा। इसकी खुशबू बहुत ही अच्छी और पवित्र होती है।

शाम के समय जब घर में पूजा करें, तो आरती करते समय शंख जरूर बजाएं, शंख बजाने से और शंख का पानी आरती के बाद घर में छिडक़ने से घर का दुर्भाग्य दूर होता है।

शाम को संध्या के समय घर के सभी कोनों में एक कागज के छोटे टुकड़े पर सेंधा नमक रख दें, और अगली सुबह बिना किसी सी बात किये सबसे पहले पूरे नमक को इकठ्ठा करें और किसी बहते नाले में डाल दें, इससे घर में सौभाग्य आता है।

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