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अरबों डालर का ज्योतिष का कारोबार, चंद्रमा के खेल पर क्यों रहती है सबकी नजर
किसी समय महिलाओं की पत्रिकाओं के पिछले पन्नों पर उपस्थिति दर्ज कराने वाली ज्योतिष और कुंडली ने अपनी इस छवि को अब बहुत तेजी से बदल दिया है
कॉन्सेप्ट फोटो सोशल मीडिया
किसी समय महिलाओं की पत्रिकाओं के पिछले पन्नों पर उपस्थिति दर्ज कराने वाली ज्योतिष और कुंडली ने अपनी इस छवि को अब बहुत तेजी से बदल दिया है और आज अरबों डॉलर के कल्याण उद्योग में तेजी से मुख्यधारा में आकर अहम भूमिका अदा कर रही है। आपको सोशल मीडिया पर बुध के बारे में, वृषभ के स्वभाव के बारे में और जन्म कुंडली के बारे में पोस्ट की भरमार मिलेगी। जो कि यह दर्शाता है कि लोगों की ज्योतिष के प्रति रुचि किस तेजी से बढ़ रही है। लोग बगैर यह जाने कि लिखने वाली की इस विषय पर कितनी पकड़ है पोस्ट को लाइक करते जा रहे हैं।
एस्ट्रोलाजी में रुचि रखने वाले हम में से ज्यादातर लोग जानते हैं कि ज्योतिष में सूर्य की स्थिति का खास अर्थ होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चंद्रमा भी कुंडली में एक अहम भूमिका निभाता है... तो चंद्र राशि क्या है और इसका क्या अर्थ है? भारतीय ज्योतिष की बात करें तो किसी व्यक्ति की सबसे पहले जन्म कुण्डली देखी जाती है। जिसके लिए उसका नाम, जन्म का समय, दिन महीना साल और स्थान देखने की आवश्यकता होती है। जन्म कुंडली में 12 घर या भाव होते हैं। हर राशि का एक घर होता है। इसमें चन्द्रमा जिस राशि में स्थित होता है, वह राशि चन्द्र राशि कहलाती है। इसे जन्म राशि भी कहा जाता है।
वैदिक ज्योतिष में सभी ग्रहों में सबसे अधिक महत्व चन्द्र को ही दिया गया है। इसे "नाम राशि" की संज्ञा भी दी जाती है। क्योंकि ज्योतिष के अनुसार बालक का नाम रखने का आधार यही चन्द्र राशि होती है। जन्म के समय चन्द्र जिस नक्षत्र में स्थित होता है। उसके चरण के वर्ण से आरम्भ होने वाला नाम व्यक्ति का जन्म राशि नाम निर्धारित करता है।
कॉन्सेप्ट फोटो सोशल मीडिया
चन्द्रमा मनसो जाता से चंद्र मन का कारक ग्रह माना गया है। यानी मन को नियन्त्रित करने का कार्य चन्द्र के द्वारा किया जाता है। अब यदि व्यक्ति का मन चिन्तामुक्त होगा तो उसे हर जगह सुख- शान्ति या फील गुड का अनुभव होगा। इसके विपरीत अगर चंद्रमा पीड़ित है तो माना जाता मन दुखी है। इसके बाद बढ़िया से बढ़िया खाने पीने सोने और ऐशो आराम की चीजें भी आराम नहीं दे सकती हैं। यही वजह है कि वैदिक ज्योतिष में "चन्द्र राशि, चन्द्र नक्षत्र, चन्द्र स्थित भाव" को शुरू से ही अन्य सभी योगों की तुलना में कुछ खास ही महत्व दिया जाता है। साधारण शब्दों में चन्द्रमा सौम्यता या मन की स्थिति को दर्शाता है। व्यक्ति के गुण और दोषों को प्रकट करता है।
एक खास बात और है कि चन्द्र माता का भी कारक होता है। इसके अलावा चन्द्र और सूर्य दोनों राजयोग कारक होते हैं। इनकी स्थिति शुभ होने से अच्छे पद की प्राप्ति होती है। साधारण लोगों के लिए जानने की बात है कि चंद्र को कर्क राशि का स्वामित्व प्राप्त है और यह वृषभ राशि में उच्च का होता है। एक और काम की बात यह है कि आप आजकल जो दैनिक भविष्यफल पढ़ते हैं यह चंद्रराशि पर ही आधारित होता है। मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि चंद्रमा व्यक्ति के जीवन को सबसे अधिक प्रभावित करता है।