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Ayodhya Ram Mandir: ज्योतिष में 22 जनवरी 2024 का दिन क्यों हैं खास, जानें किस योग में होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
Ayodhya Me Ramlala Ki Pran Pratishtha: 22 जनवरी 2024 का दिन शुभ इतिहास के पन्नों में अपनी जगह बनाने वाला है। इस तारीख को ही अयोध्या के अति भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम विराजमान होंगे। जानते हैं इस दिन का पंचांग ग्रह नक्षत्र
Ayodhya Me Ramlala Ki Pran Pratishtha: पूरे विश्व के हिन्दुओं की आस्था का प्रतीक और बहुप्रतीक्षित अयोध्या का राम मंदिर अब बन कर तैयार होने ही वाला है। राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से रामलला को भव्य मंदिर में स्थापित करने का दिन भी तय कर लिया गया है। 22 जनवरी 2024 का दिन शुभ इतिहास के पन्नों में अपनी जगह बनाने वाला है। इस तारीख को ही अयोध्या के अति भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम विराजमान होंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगे।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त
काशी के प्रसिद्ध और प्रकांड ज्योतिषी गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ और उनके अग्रज विश्वेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने भगवान की स्थापना का यह अति शुभ मुहूर्त निकाला है। 5 अगस्त 2020 को प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि के भूमि पूजन का शुभ मुहूर्त भी द्राविड़ बंधुओं ने ही बताया था। द्राविड़ परिवार ने इसके पहले 13 दिसंबर 2021 को काशी विश्वनाथ धाम के नवीन शिलान्यास और 15 नवंबर 2021 को कनाडा से वापस लाई गयी मां अन्नपूर्णा की मूर्ति की विश्वनाथ मंदिर में स्थापना का भी शुभ मुहूर्त निकाला था। इतिहास के पन्नों में सनातन कार्य के लिए इनका योगदान भी लोगों के लिए चर्चा का केंद्र है।
22 जनवरी का उत्तम पंचांग
ज्योतिष के अनुसार रामलला की मूर्ति की स्थापना 22 जनवरी को करने का मुख्य ज्योतिष कारण, अति उत्कृष्ट और सर्व उत्तम मुहूर्त है। इस दिन सोमवार रहेगा और कूर्म द्वादशी की शुभ तिथि है।
द्वादशी तिथि 21 जनवरी 2024 को सांय 7 . 27 मिनट से शुरू होगी और 22 जनवरी 2024 को सांय 7. 52 मिनट पर समाप्त हो जायेगी।
22 जनवरी के दिन अति विशिष्ट मृगशीर्ष नक्षत्र मिल रहा है और जो कि सिर्फ एक घंटे यानि की दिन के 12 बजे से 1 बजे तक रहेगा। लगभग रामजी का जन्म भी रामनवमी के दिन इसी समय हुआ था। और ये समय उससे जोड़कर भी देखा जाये तो सर्वोत्तम है।
इन योगों के साथ इस दिन शुभ संयोग
- सर्वोत्तम पुरुषोत्तम मास का ये दिन द्वादशी तिथि 07:52 PM तक
- नक्षत्र म्रृगशीर्षा 04:58 AM तक
- ब्रह्म और इन्द्र योग
- अभिजित मुहूर्त12:16 PM – 12:59 PM
- द्विपुष्कर योग - Jan 22 03:52 AM - Jan 22 07:13 AM
- अमृतसिद्धि योग - Jan 22 07:13 AM - Jan 23 04:58 AM
- सर्वार्थसिद्धि योग - Jan 22 07:13 AM - Jan 23 04:58 AM
इस मुहूर्त में मंदिर में प्रभु को विराजमान करने से राष्ट्र का कल्याण और हित भी होगा। मूर्ति स्थापना के लिए यह लग्न भी सर्वदोष रहित है और पंचक यानि अवरोध भी नहीं है। ज्योतिष शास्त्र में 5 तरह से का उल्लेख किया गया है जो कि रोग, अग्नि, राज, चोर और मृत्यु हैं। 22 जनवरी के दिन और समय का चुनाव इसका एक प्रमुख कारण है।
इसके अलावा 22 जनवरी 2024 के दिन के चुनाव की पौराणिक मान्यता भी है। विष्णु पुराण के अनुसार भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार इसी दिन लिया था जिसकी वजह से यह द्वादशी प्रभु के कूर्म रूप को समर्पित की जाती है। सनातन धर्म में वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन कूर्म जयंती मनाने का प्रचलन है। इस दिन को गृह के निर्माण कार्य अति शुभ माना जाता है।
शुभ दिन में शुभ शुरूआत
अयोध्या के इस भव्य मंदिर को बनाने का लंबा इंतजार खत्म होगा। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने वर्षो पुराने इस मामले पर 9 नवंबर 2019 को फैसला सुनाया था और यह फैसला राम मंदिर के पक्ष में आया। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ही 5 फरवरी 2020 को राम मंदिर ट्रस्ट की स्थापना की गयी थी और 25 मार्च 2020 को श्रीरामलला को अस्थायी मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए स्थापित किया गया था। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के साथ साधु-संतों की उपस्थिति में 5 अगस्त 2020 के शुभ मुहुर्त में मंदिर के निर्माण हेतु भूमि पूजन पूर्ण हुआ। वहीं 1 जून 2022 को मंदिर के गर्भगृह का निर्माण कार्य भी शुरू हुआ जो अब कुछ ही महीनों में पूरा होने वाला है।
मुहूर्त की अल्पावधि होने की वजह से मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से विधि विधान 5 दिन पहले यानी 17 जनवरी 2024 से अयोध्या के नवीन भव्य मंदिर शुरू हो जाएंगे। पूरे देश से साधु-संत इस अवसर पर रामलला को विराजमान करवाने के लिए पहुंचेंगे। पूरे भारत में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को तकनीकी के माध्यम से वर्चुअल तरीके से देश की कई अलग-अलग हिस्सों में भी दिखाया जायेगा। 22 जनवरी 2024 के दिन देश भर के मंदिरों को सजाने की भी चर्चा हो रही है।