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Basant Panchami 2025 Kab Hai Date : 2025 में बसंत पंचमी कब मनाई जायेगी, जानते है इस दिन का शुभ मुहूर्त और योग

Basant Panchami 2025 Kab Hai Date : कला और बुद्धि की देवी सरस्वती क उद्भव का दिन बसंत पंचमी 2025 में किस तारीख को मनाई जायेगी, जानते है....

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 6 Dec 2024 7:00 AM IST (Updated on: 6 Dec 2024 7:00 AM IST)
Basant Panchami 2025 Kab Hai Date : 2025 में बसंत पंचमी कब मनाई जायेगी, जानते है इस दिन का शुभ मुहूर्त और योग
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Basant Panchami 2025 Kab Hai Date : बसन्त पंचमी 2025 (Vasant panchami 2025) इस दिन ज्ञान की देवी माता सरस्वती की पूजा की जाती है। बसंत पंचमी का पर्व विद्या, ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती की आराधना का विशेष दिन है। यह हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में बसंत पंचमी 2 फरवरी को पड़ रही है। इस दिन मां सरस्वती के साथ भगवान विष्णु और कामदेव की भी पूजा की जाती है।

कब है बसंत पंचमी 2025 (Kab hai Vasant panchami 2025)?

बसंत पंचमी माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।इस साल बसंत पंचमी ...

बसंत पञ्चमी – 2 फरवरी 2025, दिन- रविवार

बसंत पञ्चमी सरस्वती पूजा मुहूर्त – 09:14 से 12:11

बसंत पञ्चमी मध्याह्न का क्षण –12:11 pm

पञ्चमी तिथि प्रारम्भ – फरवरी 02, 2025 को 09:14 बजे

पञ्चमी तिथि समाप्त – फरवरी 03, 2025 को 06:52 बजे

अभिजीत मुहूर्त - 12:18 PM – 01:02 PM

अमृत काल - 08:23 PM – 09:52 PM

ब्रह्म मुहूर्त - 05:33 AM – 06:21 AM

सर्वार्थसिद्धि योग - Feb 02 07:10 AM - Feb 03 12:52 AM

सरस्वती पूजा का जो मुहूर्त दिया गया है, उस समय पञ्चमी तिथि और पूर्वाह्न दोनों ही व्याप्त होते हैं। इसलिए सरस्वती पूजा के समय मुहूर्त का विशेष ध्यान रखें।

बसंत पंचमी की पूजा विधि

इस दिन सबसे पहले माता सरस्वती की मूर्ति या फिर चित्र को मंदिर में घर या मंदिर में स्थापित करें।माता की मूर्ति को पीले वस्त्र पहनाकर सुसज्जित करें।इसके बाद रोली, चंदन, हल्दी, केसर, पीले या सफेद फूल, पीली मिठाई और मक्षत माता रानी को अर्पित करें।अब पूजा स्थल पर वाद्य यंत्र या फिर किताब को रखें।अंत में माता की आरती उतारते हुए सरस्वती वंदना का पाठ करें।

बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती के जन्मोत्सव होता हैं। धर्मग्रंथों के अनुसार, इस दिन ही देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं, तब समस्त देवी-देवताओं ने माँ सरस्वती की स्तुति की थी। इस स्तुति से ही वेदों की ऋचाएं बनीं और उनसे वसंत राग का निर्माण हुआ। मान्यता है कि पति-पत्नी द्वारा बसन्त पंचमी के दिन भगवान कामदेव और देवी रति की षोडशोपचार पूजा करने से सुखी-वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है। बसंत पंचमी को ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है। विद्यार्थियों और कलाकारों के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। लोग अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का आरंभ भी इस दिन से करते हैं। सरस्वती वंदना और मंत्रों के साथ मां की आराधना कर उनसे ज्ञान, बुद्धि और विवेक का आशीर्वाद मांगा जाता है।



Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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