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चमत्कारी ये बीज मंत्र, छिपा है ऐसा रहस्य, जाप से मिलेगा दोगुना फल
बीजमंत्रों के अक्षर उनकी गूढ़ शक्तियों के संकेत होते हैं। इनमें से प्रत्येक की स्वतंत्र एवं दिव्य शक्ति होती है।
लखनऊ : जब हम किसी समस्या ( Problem) से परेशान होते हैं तो हमें लगता है की काश कोई ऐसा चमत्कार हो जाए की हमारी समस्या का हल निकल आए। कभी-कभी जिंदगी में कुछ नहीं होता, जब जिंदगी में सब दरवाज़े बंद हो जाते है तो भगवान (God) कुछ ऐसा करते है की एक नया दरवाज़ा खुल जाता हैं। इसके लिए ईश्वर की भक्ति और भक्ति में मंत्रों की शक्ति का मेल मनुष्य को सुखी बनाने में अहम भूमिका निभाता है।
शास्त्रों में कहा गया है कि किसी भी मंत्र की शक्ति उसके बीज मंत्र(Beej Mantra) में समाहित होती है। इन मंत्रों से अशुभ ग्रहों को शुभ ग्रहों में परिवर्तित किया जा सकता है। ग्रहों की शांति के लिए ये बीज मंत्र बेहद ही कारगर होते हैं। ग्रहों के बीज मंत्र से जीवन में आने वाली समस्त प्रकार की विपदाओं को दूर किया जा सकता है।
मंत्र शक्ति एक ऐसी शक्ति है जिसके उच्चारण से जटिल से जटिल समस्या का हल निकल जाता हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे चमत्कारी मंत्र, जो हर समस्या का समाधान करते हैं।
बीज मंत्र
पूरे मंत्र का एक छोटा रूप बीज मंत्र होता है जैसे की एक बीज बोने से पेड़ निकलता है उसी प्रकार बीज मंत्र का जाप करने से हर प्रकार की समस्या का समाधान हो जाता हैं। अलग- अलग भगवान के बीज मंत्र अलग-अलग है। इसका जप मनुष्य में ऊर्जा का प्रवाह होता हैं और भगवान की छत्र-छाया में रहते हैं। चमत्कारी और प्रभावशाली बीज मंत्रों का जाप करने से दसों-दिशाओं एवं आकाश-पाताल में जल, अग्नि व हर प्रकार की समस्या से निजात पाया जा सकता हैं।
मूल बीज मंत्र
"ॐ" मूल बीज मंत्र होता है जिसे आगे कई अलग बीज में बांटा जाता है- योग बीज, तेजो बीज, शांति बीज, रक्षा बीज. ये सब बीज इस प्रकार जापे जाते हैं- ॐ, क्रीं, श्रीं, ह्रौं, ह्रीं, ऐं, गं, फ्रौं, दं, भ्रं, धूं,हलीं, त्रीं,क्ष्रौं, धं,हं,रां, यं, क्षं, तं. बीज मंत्र और उनके लाभ बीज मंत्र हमें हर प्रकार की बीमारी, किसी भी प्रकार के भय, किसी भी प्रकार की चिंता और हर तरह की मोह-माया से मुक्त करता हैं। अगर हम किसी प्रकार की बाधा हेतु, बाधा शांति हेतु, विपत्ति विनाश हेतु, भय या पाप से मुक्त होना चाहते है तो बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।
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ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे।।
इस मंत्र को बीज मंत्र या नर्वाण मंत्र भी कहा जाता है।इसका जाप पूरे नौ दिन करने से हर कष्ट का निवारण आसान होता है।
सूर्य का बीज मंत्र
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।
विधि - मंत्र को प्रात: काल में 108 बार जपें।
चंद्रमा का बीज मंत्र
ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः।
विधि - मंत्र सायं काल में 108 बार जपें।
मंगल का बीज मंत्र
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।
विधि - मंत्र का प्रातः 108 बार जाप करें।
बुध का बीज मंत्र
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः
विधि - मंत्र का 108 बार जाप करें।
बृहस्पति का बीज मंत्र
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।
विधि - नित्य संध्याकाल में 108 बार जपें।
शुक्र का बीज मंत्र
ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।
विधि - सूर्योदय के समय मंत्र 108 बार जपें।
शनि का बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
विधि - संध्याकाल में मंत्र को 108 बार जपें।
राहु का बीज मंत्र
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।
विधि - मंत्र का नित्य रात्रि के समय 108 बार जाप करें।
केतु का बीज मंत्र
ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।
विधि - मंत्र का रात्रि के समय 108 बार जाप करें।
इनमें छिपे गूढ़ रहस्य
बीजमंत्रों के अक्षर उनकी गूढ़ शक्तियों के संकेत होते हैं। इनमें से प्रत्येक की स्वतंत्र एवं दिव्य शक्ति होती है। और यह समग्र शक्ति मिलकर समवेत रूप में किसी एक देवता के स्वरूप का संकेत देती है। जैसे बरगद के बीज को बोने और सींचने के बाद वह वट वृक्ष के रूप में प्रकट हो जाता है, उसी प्रकार बीजमंत्र भी जप एवं अनुष्ठान के बाद अपने देवता का साक्षात्कार करा देता है। चमत्कारी मंत्रों के लाभ चमत्कारी मंत्रों का जाप करने के कई तरह के लाभ होते हैं जैसे-
दीर्घायु : व्यक्ति को लम्बी आयु की प्राप्ति होती हैं।
धन : व्यक्ति को धन की प्राप्ति होती है।
परिवार का सुख : व्यक्ति पारिवारिक सुखों से तृप्त होता है।
शत्रु का नाश : व्यक्ति की शत्रु पर जीत होती है।
जीवन शांति : व्यक्ति जीवन में शांति का अनुभव करता हैं