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भगवान जगन्नाथ को बहुत ही प्रिय है ये काम, पाना है आशीर्वाद तो 4 जुलाई से पहले कर लें आप

जगन्नाथ को भगवान विष्णु का अवतार मान गया है। रथ यात्रा इस महीने आषाढ़ शुक्ल द्वितीया यानि 4 जुलाई 2019 को है।रथयात्रा में नारायण या शालीग्राम की पूजा और आरती का भी विधान है। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की पूजा में भोग भी विशेष महत्व है। चाहें तो रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ को भोग के लिए नारियल भी चढ़ा सकते हैं।

suman
Published on: 3 July 2019 9:58 AM IST
भगवान जगन्नाथ को बहुत ही प्रिय है ये काम, पाना है आशीर्वाद तो 4 जुलाई से पहले कर लें आप
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जयपुर: रथयात्रा के पूजा में भगवान जगन्नाथ जी की पूजा और आरती का विशेष महत्व है। जगन्नाथ को भगवान विष्णु का अवतार मान गया है। रथ यात्रा इस महीने आषाढ़ शुक्ल द्वितीया यानि 4 जुलाई 2019 को है।रथयात्रा में नारायण या शालीग्राम की पूजा और आरती का भी विधान है। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की पूजा में भोग भी विशेष महत्व है। चाहें तो रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ को भोग के लिए नारियल भी चढ़ा सकते हैं।

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पूजा-आरती- जगन्नाथ जी की आरती करने से पहले उन्हें अच्छे से आसन दें और फूल चंदनों से सजा लें। अब उन्हें टिंबर पुष्पांजलि अर्पण करें और धूप-दीप जलाकर उन्हें दिखाएं।

*आरती के धूप को "एतस्मै धूपाय नमः" इस मंत्र को बोलकर आचमन करें। जल छिड़के और फिर गंध पुष्प से "इदं धूपं ॐ नमो नारायणाय नमः" मंत्र का उच्चारण करते हुए अर्पण करें।

*फिर धूप से आरती करें, इसके बार आरती के पांच दीप यानि पंचप्रदीप जलाकर "एतस्मै नीराजन दीपमालाएं नमः" कह कर आचमनी जल छिड़के

*गंध पुष्प लेकर "एष नीराजन दीपमालाएं ॐ नमः नारायणाय नमः" इस मंत्र उच्चारण कर आरती करें।

इसके बाद अगर चाहें तो कपूर, जल भरे शंख, पुष्प और चामर से आरती कर सकते हैं। आरती के खत्म होने पर शंख ध्वनि करके प्रणाम करें और प्रसाद स्वरुप आरती के धूप और दीप सबको दें।इसके बाद ही भोग या प्रसाद सब में बांटे।अगर रथ यात्रा के दिन आरती करते हैं तो आपको पूर्णयात्रा (अंतिम दिन) के दिन भी आरती करना ही चाहिए।रथ यात्रा में सूर्यास्त से पहले एक बार आरती जरूर करें और फिर शाम को संध्या आरती करें। पूजा करने से पहले पूरे घर को धूप के सुगंध से सुगन्धित करें। मान्यता है कि धूप और कपूर की सुगंध भगवान जगन्नाथ को बहुत ही प्रिय हैं। और जहां इस तरह विधि-विधान से पूजा,कपूर की सुगंध रहती है वहां भगवान का आशीर्वाद बना रहता है।



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