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Bhagwan Shiv In Paapo Ko nahi Karte Maaf: भगवान शिव कर देते हैं ऐसे लोगों का सर्वनाश, जो करते हैं ये सारे पाप

Bhagwan Shiv In Paapo Ko nahi Karte Maaf: भगवान शिव का कोई भक्त यदि कोई गलत कार्य करता है तो भगवान शिव बेहद गुस्सा होते है, इसलिए शिव के भक्त को ये कार्य भूलकर भी नहीं करने चाहिए। शिवपुराण में ये पाप अक्षम्य है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 13 Jun 2022 9:02 AM IST (Updated on: 13 Jun 2022 1:00 PM IST)
Bhagwan Shiv In Papo Ko nahi Karte Maaf
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Bhagwan Shiv In Papo Ko nahi Karte Maaf

भगवान शिव इन पापों को नहीं करते माफ

सृष्टि के तारणहार भगवान शिव जितनी जल्दी प्रसन्न होते हैं । उतनी ही जल्दी क्रोधित भी। भोले भंडारी एक लोटा जल से प्रसन्न होकर मनवांछित फल देते है। देवो के देव महादेव भगवान शंकर अपने भक्तों पर जितनी जल्दी प्रसन्न होते है, शायद कोई देवता इतना जल्दी प्रसन्न नहीं होते हैं। भगवान शिव के भक्तों को यह जानना चाहिए कि भगवान शिव का कोई भक्त यदि कोई गलत कार्य करता है तो भगवान शिव बेहद गुस्सा होते है, इसलिए शिव के भक्त को ये कार्य भूलकर भी नहीं करने चाहिए।

शिव पुराण के अनुसार जिस प्रकार आप किसी का बुरा नहीं करने के बावजूद, उसके लिए बुरी सोच रखने के कारण भी पाप के हकदार और दंड की श्रेणी में आ जाते हैं, उसी प्रकार भले ही आपने अपने कार्य से किसी का बुरा ना किया हो, लेकिन आपकी बोली अक्षम्य पापों का हकदार भी बना सकती है।

शिव पुराण के अनुसार इन पापों को भगवान शिव कभी क्षमा नहीं करते

गुरु, माता-पिता, पत्नी या पूर्वजों का अपमान भी भूलकर भी नहीं करनी चाहिए। दूसरों का धन अपना बनाने की चाह रखना भी भगवान शिव की नजर में अक्षम्य अपराध और पाप है। किसी भोलेभाले और निरपराध इंसान को कष्ट देना, उसे नुकसान पहुंचाने, या धन-संपत्ति लूटने, उसके लिए बाधाएं पैदा करने की योजना बनाना।

किसी गर्भवती महिला या मासिक के दौरान किसी महिला को कटु वचन कहना या अपनी बातों से उनका दिल दुखाना। किसी के सम्मान को हानि पहुंचने की नीयत से झूठ बोलना 'छल' की श्रेणी में आता है और अक्षम्य पाप का भागीदार बनाता है।समाज में किसी के मान-सम्मान को हानि पहुंचाने की नीयत से या उसकी पीठ पीछे बातें करना या अफवाह फैलाना भी एक अक्षम्य पाप है।

धर्म अनुसार मना की गई चीजें खाना या धर्म के विपरीत कार्य करना किसी हाल में व्यक्त के लिए स्वीकार्य नहीं होना चाहिए, वरना आप भगवान शिव की नजरों में हमेशा ही अपराधी रहेंगे। अच्छी बातें भूलकर बुरी राह को स्वयं चुनने वाले के पाप अक्षम्य होते हैं। दूसरों के पति या पत्नी पर बुरी नजर रखना, या उसे पाने की इच्छा करना भी पाप की श्रेणी में रखा गया है।

शराब पीना, जुआ खेलना, चोरी , लूट करना या सट्टा खेलना। गुरु की पत्नी के साथ संबंध बनाना या गुरु माँ को गलत निगाह से देखना। दान की हुई चीजें या धन वापस लेना महापाप माने जाते हैं जिसे भगवान शिव कभी भी क्षमा नहीं करते। गलत तरीके से दूसरे की संपत्ति हड़पना, ब्राह्मण या मंदिर की चीजें चुराना या गलत तरीके से हथियाना। भगवान शिव की नजरों में हर हाल में माफी ना देने योग्य पाप है।

धर्म अनुसार मना की गई चीजें खाना या धर्म के विपरीत कार्य करना किसी हाल में व्यक्त के लिए स्वीकार्य नहीं होना चाहिए, वरना आप भगवान शिव की नजरों में हमेशा ही अपराधी रहेंगे।बच्चों, महिलाओं या किसी भी कमजोर जीव के खिलाफ हिंसा और असामाजिक कार्यों में लिप्तता मनुष्य को पाप का दोषी बनाता है।गलत तरीके से दूसरे की संपत्ति हड़पना, ब्राह्मण या मंदिर की चीजें चुराना या गलत तरीके से हथियाना भी आपको इस श्रेणी में लाता है।

भगवान शिव से माफी कैसे मांगे?

भगवान शिव से माफी मांगने से पहले, आपको विशेष रूप से कहना चाहिए कि आपने क्या गलत किया और स्वीकार किया कि आपने यह किया है। यदि आप दोषी महसूस करते हैं, तो आप अपने आप को सही ठहराने के लिए ललचा सकते हैं या इनकार कर सकते हैं कि आपने कुछ गलत किया है। क्षमा करना असंभव है यदि आप स्वीकार नहीं करते हैं कि आपने गलत किया।ॐ नम: शिवाय। ये भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र या मूल मंत्र भी कहलाता है। इस मंत्र का श्रद्धापूर्वक जाप करने से सभी संकटों तथा कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा जीवन के सर्वोच्च लक्ष्य मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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