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Bhagwan Vishnu ke 28 Naam:भगवान विष्णु के 28 नाम का चमत्कार, रोज करें जाप होगा हर पाप का नाश
Bhagwan Vishnu ke 28 Naam: हताथा, निराशा रोग संताप को दूर करते हैं भगवान विष्णु के 28 नाम जानिए कौन कौन से है...
Bhagwan Vishnu ke 28 (Athais) Naam: भगवान विष्णु की आराधना से बैकुंठ की प्राप्ति होती है। सच्चे मन और विधि विधान से भगवान विष्णु का स्मरण किया जाए तो हर दुख का अंत होता है और व्यक्ति मोक्ष प्राप्त करता है। मनुष्य जन्म नहीं लेता है। इसी क्रम मेंजानते है भगवान विष्णु के 28 नामों की महिमा जानते हैं, जिनका वर्णन कुछ भगवान कृष्ण ने अर्जुन से किया था।
विष्णु जी के 28 नाम
एक बार अर्जुन ने पूछा- केशव! मनुष्य बार-बार एक हजार नामोंका जप क्यों करता है? आपके जो दिव्य नाम हों, उनका वर्णन कीजिये॥१॥
तो भगवान श्री कृष्ण ने कहा-
भगवान श्री कृष्ण ने कहा-
श्रीभगवानुवाच
मत्स्यं कूर्मं वराहं च वामनं च जनार्दनम्।
गोविन्दं पुण्डरीकाक्षं माधवं मधुसूदनम्॥२॥
पद्मनाभं सहस्राक्षं वनमालिं हलायुधम्।
गोवर्धनं हृषीकेशं वैकुण्ठं पुरुषोत्तमम्॥३॥
विश्वरूपं वासुदेवं रामं नारायणं हरिम्।
दामोदरं श्रीधरं च वेदाङ्गं गरुडध्वजम्॥४॥
अनन्तं कृष्णगोपालं जपतो नास्ति पातकम्।
गवां कोटिप्रदानस्य अश्वमेधशतस्य च॥५॥
कन्यादानसहस्राणां फलं प्राप्नोति मानवः।
अमायां वा पौर्णमास्यामेकादश्यां तथैव च॥६॥
सन्ध्याकाले स्मरेन्नित्यं प्रातःकाले तथैव च।
मध्याह्ने च जपन्नित्यं सर्वपापैः प्रमुच्यते॥७॥
श्रीभगवान् बोले-अर्जुन! मत्स्य, कूर्म, वराह, वामन, जनार्दन, गोविन्द, पुण्रीकाक्ष, माधव, मधुसूदन, पद्मनाभ, सहस्त्राक्ष, वनमाली, हलायुध, गोवर्धन, हृषीकेश, वैकुण्ठ, पुरुषोत्तम, विश्वरूप, वासुदेव, राम, नारायण, हरि, दामोदर, श्रीधर, वेदाङ्ग, गरुडध्वज, अनन्त और कृष्ण गोपाल इन नामों का जाप करने वाले मनुष्य के भीतर पाप नहीं रहता। वह एक करोड़ गो-दान, एक सौ अश्वमेध यज्ञ और एक हजार कन्यादान का फल प्राप्त करता है। अमावस्या, पूर्णिमा तथा एकादशी तिथि को और प्रतिदिन सांय प्रातः एवं मध्याह्न के समय इन नामों का भक्ति पूर्वक जप करने वाला जातक सम्पूर्ण पापों से मुक्त हो जाता है।
इति श्रीकृष्णार्जुनसंवादे श्रीविष्णोरष्टाविंशतिनामस्तोत्रं सम्पूर्णम्।
भगवान विष्णु के नाम सर्वश्रेष्ठ औषधि
भगवान विष्णु के इन 28 नामों का जप करने से मनुष्य के जीवन के संकट दूर होते हैं तथा लक्ष्मी (धन) प्राप्ति का मार्ग सुलभ हो जाता है।इसके साथ ही भगवान विष्णु के इन नामों को लेते हुए उन्हें पीले फूल अर्पित करना चाहिए। भगवान का 1 नाम पर 1 फूल चढाने से हर कष्ट दूर होता है। ऐसा करने से अगर शत्रुओं से परेशान हैं तो शत्रु भय भी खत्म हो जाता है। भगवान विष्णु के नामों का जप करना संसार के रोगों के नाश की सर्वश्रेष्ठ औषधि है। जैसे जलती हुई अग्नि को शान्त करने में जल सर्वोपरि साधन है, घोर अन्धकार को नष्ट करने में सूर्य ही समर्थ है, वैसे ही मनुष्य के अनन्त मानसिक दोषों- दम्भ, कपट, मद, मत्सर, क्रोध, लोभ आदि को नष्ट करने में भगवान का नाम ही समर्थ है । बारम्बार नामोच्चारण करने से जिह्वा पवित्र हो जाती है, मन को अत्यन्त प्रसन्नता होती है, समस्त इन्द्रियों को परम सुख प्राप्त होता है और सारे शोक-संताप नष्ट हो जाते हैं।