TRENDING TAGS :
Astro Tips: सावधान! इस दिशा में भोजन किया तो होगा भारी नुकसान, लदेगा कर्जा और आएगी द्रदिरता
Khana Khane Ki Sahi Disha: खाने के लिए कौन सी दिशा सही होती है, किस दिशा में और कहां बैठकर खाना सही रहता है। किस स्थिति में खाने से पाचन अच्छा रहता है जानते है भोजन से जुड़ी बाते....
Khana Khane Ki Sahi Disha: आज के समय में हर कोई मेहनत करता है ताकी दो जून की रोटी मिल सके , लेकिन सब कोई चैन से ये रोटी नहीं खा पाता है। वैसे तो जीवन में हर कोई सुख-चैन से रहना और जीना चाहता है। इसलिए तरह तरह से उपाय और धर्म अध्यात्म का रास्ता भ अपनाता है। रहने पहनने और खान तक में हम ज्योतिषीय विधा का सहारा लेते है। इसी में जब हम खाते है तो वो भी शरीर में सही से लगे इसके लिए वास्तु की दिशा का ज्ञान होना जरूरी है
वास्तु के अनुसार खान-पान के लिए सही दिशा का चुनाव न हो तो मां अन्नपूर्णा और मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं, जिससे घर में परेशानी और गरीबा छा जाती है। जिसमें घर में वास्तु ज्ञान रखा जाता है। वहां रोग दोष क्लेश नहीं रहता है। वास्तु में भोजन के समय हमसे भूलवश या अज्ञानतावश ऐसी गलतियाँ हो जाती हैं जो हमारे जीवन पर नकारात्मक असर डालती हैं।जानते हैं..
वास्तुनुसार करें भोजन
वास्तु नियम के अनुसार दक्षिण दिशा में मुंह करके भोजन नहीं करना चाहिए। दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है। इस दिशा में भोजन करने से आयु घटती है। वहीं पश्चिमी दिशा में मुंह करके भोजन करने से गंभीर रोग घेर लेते हैं।
कभी भी बिस्तर पर बैठकर खाना नहीं खाना चाहिए। इससे घर में लक्ष्मी का अभाव होता है। व्यक्ति पर खर्च और कर्ज बढ़ जाता है।
उत्तर व पूर्व दिशा में बैठकर करें भोजन
प्राड्मुखोदड्मुखो वापि व वसिष्ठ स्मृति में प्राड्मुखन्नानि भुञ्जीत - इसका अर्थ है उत्तर और पूर्व दिशा में बैठकर भोजन करना अति उत्तम होता है। यह दोनों दिशाएँ देव दिशा मानी जाती हैं। इस दिशा की ओर मुंह करके भोजन करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है। व्यक्ति के तनाव खत्म होते हैं। पूर्व दिशा की ओर मुंह करके भोजन करने से पाचन शक्ति अच्छी रहती है। बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
खाने में इन बर्तनों का करें इस्तेमाल
शास्त्रों में मिट्टी का बर्तन बहुत पवित्र माना गया है। मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने और खाने से पूरे 100 प्रतिशत पोषक तत्व मिलते हैं। स्वास्थ के साथ सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
खाने की थाली में अन्न न छोड़े
थाली में उतना ही खाना लेना चाहिए जितना खा सके। भोजन को झूठा छोडऩे पर अन्न का अपमान होता है। इससे धन और अन्न की कमी होने लगती है। व्यक्ति कंगाली की राह पर आ जाता है।
भोजन करने की दिशा
पूर्व दिशा देवताओं की दिशा होती है। यदि पूर्व दिशा की ओर मुंह करके भोजन करें तो कई बीमारियां दूर होती हैं। देवी-देवता मेहरबान होते हैं।
उत्तर दिशा की ओर मुंह करके भोजन करना भी लाभ देता है। उत्तर दिशा की ओर मुख करके खाना खाने से जीवन में धन-दौलत समृद्धि बढ़ती है। घर में रुपए-पैसों की कमी नहीं होती है क्योंकि उत्तर दिशा मां लक्ष्मी और धन कुबेर की दिशा होती है। घर के मुखिया को हमेशा उत्तर की दिशा की ओर मुंह करके भोजन करना चाहिए।
यदि जातक नौकरी करता है तो पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके भोजन करना चाहिए। इससे उसे करियर में तरक्की मिलती है और उसकी सेहत भी अच्छी रहती है।
वास्तुनुसार दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भोजन नहीं करना चाहिए। दक्षिण दिशा में मुंह करके खाने से घर में गरीबी आती है। धन हानि होती है, परिवार दुख और दरिद्रता से घिर जाता है।