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इस रंग का धागा बांधने के पीछे धार्मिक-वैज्ञानिक दोनों है कारण, ऐसे बांधे
जयपुर: काले रंग या धागे का तंत्र विद्या में खास महत्व है। वहीं, कोई भी धार्मिक काम करने के लिये काले कपड़े और काले धागे का उपयोग वर्जित है। काला रंग नेगेटिविटी पैदा करता है, लेकिन इसके बावजूद इस धागे की खासियत है कि काला धागा किसी भी तरह की एनर्जी को सोखकर बाहर नहीं निकलने देता है। इतना ही नहीं, बल्कि काले रंग का धागा बांधने के वैज्ञानिक तौर पर भी बहुत से फायदे हैं।
तंत्र ग्रंथ के साधनविधि अध्याय में काले धागे को बुरी शक्तियों से बचाने वाला माना गया है। वहीं, बुरी नजर से बचाने के अलावा ये धागा आपकी किस्मत भी बदल सकता है। काले धागे को सप्ताह के हर दिन अलग-अलग तरीके से बांधना होता है। रविवार को भैरव या हनुमान मंदिर में काला धागा लाकर सीधे हाथ की कलाई पर बांधने से किस्मत का साथ मिलता है। यही नहीं ऐसा करने से रुके हुए काम पूरे होते हैं।
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रविवार की शाम भैरव मंदिर से सिंदूर लगा काला धागा लगाकर बाएं हाथ की कलाई से बुरी ताकतों से रक्षा होती है। इस धागे से बच्चे को भी नजर नहीं लगती है। वहीं, शनिवार को हनुमान के पैरों का सिंदूर लगा काला धागा गले में पहनने से बीमारियों से रक्षा होती है। बार-बार बीमार होने वाले बच्चों के लिए इसे एक अच्छा उपाय माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में भी शनि के दोष से बचने के लिए पहना जाता है। शनि के दोष से बचाने के साथ-साथ धनवान भी बनाता है।
काला धागा बांधने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं। हमारा शरीर पंच तत्वों से मिलकर बना है। ये पंच तत्व हैं- पृथ्वी, वायु, अग्नि, जल और आकाश। इनसे मिलने वाली ऊर्जा हमारे शरीर का संचालन करती हैं। इनसे मिलने वाली ऊर्जा से ही हम सभी सुविधाओं को प्राप्त करते हैं। जब किसी इंसान की बुरी नजर हमें लगती है तब इन पंच तत्वों से मिलने वाली संबंधित सकारात्मक ऊर्जा हम तक नहीं पहुंच पाती है। इसीलिए गले में काला धागा बांधा जाता है।