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Brahma Muhurta : क्या है ब्रह्म मुहूर्त, जानिए सूर्योदय के 48 मिनट पहले चमत्कार का रहस्य

Brahma Muhurat: ब्रह्म मुहूर्त का जीवन में बहुत फायदा है। इस समय का हर काम सकारात्मकता भरता है। ब्रह्म मुहूर्त और सूर्योदय के समय का चमत्कारी लाभ क्या है जानते है...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 1 May 2024 8:00 AM IST (Updated on: 22 July 2024 5:06 PM IST)
Brahma Muhurta : क्या  है ब्रह्म मुहूर्त, जानिए सूर्योदय के 48 मिनट पहले चमत्कार का रहस्य
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Brahma Muhurat : ब्रह्म मुहूर्त का समय है, एक ऐसा समय जब इस अद्वितीय और शुभ जीवन शक्ति की उपस्थिति के कारण किसी भी आध्यात्मिक अभ्यास को बढ़ाया जाता है। ब्रह्म मुहूर्त का शाब्दिक अर्थ है, निर्माता का समय! सृष्टिकर्ता, जिसे हिंदू आस्था में ब्रह्मा के नाम से भी जाना जाता है, परम ज्ञान है। मुहूर्त का अर्थ है समय अवधि मुहूर्त 48 मिनट के बराबर होता है। ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से ठीक दो मुहूर्त पहले शुरू होता है। यह सूर्योदय से 1 घंटा 36 मिनट पहले शुरू होता है और सूर्योदय से 48 मिनट पहले समाप्त होता है। जैसा कि हम जानते हैं कि सूर्योदय का समय ऋतुओं और भौगोलिक स्थानों के अनुसार अलग-अलग होता है, उसी के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त भी अलग-अलग होता है। यदि सूर्योदय सुबह 6:20 बजे है, तो ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:44 बजे शुरू होता है और 5:32 बजे समाप्त होता है।

कहा जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त में जागने से व्यक्ति की उम्र बढ़ती है और बीमारियों से बचने में मदद मिलती है।भोर से पहले की अवधि के दौरान, वायुमंडल में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ जाती है, जिसके लाभ हैं:प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है, ऊर्जा स्तर बढ़ाता है।दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है।विटामिन और खनिजों के अवशोषण को बढ़ाता है। उत्पादकता तेजी से बढ़ती है।

ब्रह्म मुहूर्त में उठने के लाभ

सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करने के बाद देवी-देवता की पूजा जरूर करना चाहिए। ब्रह्म समय में देवी-देवता की पूजा करने से मानसिक, शारीरिक तनाव से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही भगवान की कृपा से हर क्षेत्र में सफलता के साथ धन लाभ होगा। पूजा करने के साथ इस मंत्र का जरूर जाप करना चाहिए। इससे जीवन में आने वाली बड़ी से बड़ी मुश्किल को आसानी से पार कर लेंगे। इसके साथ ही कुंडली में नवग्रह की शांति भी होगी।

सुबह सूर्य की किरणें पृथ्वी पर आने से पहले अगर आप बिस्तर छोडऩे की आदत बनाते हैं, तो इसका सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि आपका हर काम समय पर होता है।

ब्रह्म मुहूर्त में पढ़ाई करने से बच्चों की याद्दाश्त तेज होती है। माना जाता है कि इस समय पढ़ाई करने से लंबे समय तक याद रहता है। जिससे पढ़ाई में भी मन-मुताबिक रिजल्ट मिलने लगते हैं।

अगर आप मानसिक तनाव से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो ब्रह्म मुहूर्त में उठकर ऊं शब्द का उच्चारण करें। ऐसा करने से मन के विकार दूर होते हैं और आपके भीतर पॉजिटीविटी बनी रहती है।

इस समय उठने से शरीर स्वस्थ रहता है। वजन बढऩे और गंभीर रोग होने की आशंकाएं कम होती हैं।

रात में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने से सौंदर्य में निखार आता है। शरीर में ताजगी और स्फुर्ति बनी रहती है। और जब आप फ्रेश महसूस करते हैं तो आपके कार्य करने की क्षमता दोगुनी होती है। आप अपने लक्ष्य पाने में खुद को सक्षम बना पाते हैं

सूर्योदय के 48 मिनट पहले क्या करें

ब्रह्म मुहूर्त में 4 कार्यों में से कोई एक कार्य करें: 1.संध्या वंदन, 2.ध्यान, 3.प्रार्थना और 4.अध्ययन। वैदिक रीति से की गई संध्या वंदन सबसे उचित। उसके बाद ध्यान फिर प्रार्थना। विद्यार्थी वर्ग को संध्या वंदन के बाद अध्ययन करना चाहिए। अध्ययन के लिए यह समय सबसे उत्तम माना गया है।

सूर्योदय के 48 मिनट पहले क्या न करें

नकारात्मक विचार, बहस, वार्तालाप, संभोग, नींद, भोजन, यात्रा, किसी भी प्रकार का शोर आदि। यह देखा गया है कि बहुत से लोग इस समय जोर-जोर से आरती आदि पूजन-पाठ करते हैं। कुछ तो हवन करते हैं, यह अनुचित है। इससे वे खुद को और दूसरों को संकट में डाल देंगे। विद्वान मनुष्य को चाहिए कि वे ऐसे लोगों से दूर रहें।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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