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सावधान! सोमवार से बुध की बदल रही है चाल, बचिए कहीं बन न जाए फसाना
हालांकि वक्री बुध केवल अशुभ ही नहीं शुभ फल भी देता है। इसलिए घबडाएं नहीं वक्री बुध के प्रभाव से व्यापार में लाभ और धन प्राप्ति हो सकती है। आमदनी भी बढ़ सकती है। विवादों में जीत भी मिल सकती है। यानी कुल मिलाकर जीवन मे अप्रत्याशित परिवर्तन देखे जा सकते हैं। इसलिए सावधान रहना जरूरी है।कुछ लोगों में क्रांतिकारी बदलाव दिखाई दे सकते हैं। बचकर रहें।
रामकृष्ण वाजपेयी
वक्री बुध सोमवार 17 फरवरी से मचाने आ रहा कोहराम, सावधान छोटी सी बात का बन सकता है फसाना। रहें सावधान बोलने में, लिखने में, कहीं ऐसा न हो कहना कुछ चाह रहे हों समझ कुछ और लिया जाए और आप दर्द भी किसी से न बता पाएं क्योंकि बुध एक प्रभावशाली ग्रह है। बुध चंद्रमा का तारा या रोहिणी पुत्र कहलाता है। बुध को माल और व्यापारियों का स्वामी और रक्षक माना जाता है। बुध शुभ ग्रह माना जाता है। लेकिन हानिकारक या अशुभ ग्रह के संगम से यह हानिकर भी हो सकता है। बुध मिथुन एवं कन्या राशियों का स्वामी है तथा कन्या राशि में उच्च भाव में स्थित रहता है तथा मीन राशि में नीच भाव में रहता है।
बुध का सूर्य और शुक्र के साथ मित्र भाव तथा चंद्रमा से शत्रुतापूर्ण और अन्य ग्रहों के प्रति तटस्थ रुख रहता है। यह ग्रह बुद्धि, बुद्धिवर्ग, संचार, विश्लेषण, चेतना (विशेष रूप से त्वचा), विज्ञान, गणित, व्यापार, शिक्षा और अनुसंधान का प्रतिनिधित्व करता है या लिखने पढ़ने बोलने से जुड़े व्यवसाय वालों को प्रभावित करता है। चाहे वह पत्रकार हो, अभिनेता या राजनेता, सभी प्रकार के लिखित शब्द और सभी प्रकार की यात्राएं बुध के प्रभाव के अधीन आती हैं।
सोमवार से बुध की बदल रही है चाल
अब आते हैं असली बात पर वैसे तो बुध शांत ग्रह है लेकिन अगर उलटा चलने लगे तो बनती बात बिगड़ने भी लगती है। वर्तमान में बुध कुंभ राशि में है और 7 अप्रैल तक इसी राशि में रहेगा। ज्योतिष में बुध को वाणी, बुद्धि, बिजनेस और लेन-देन का कारक ग्रह माना जाता है। बुध कुंभ राशि में 17 फरवरी, सोमवार से वक्री गति यानी टेढ़ी चाल से चलना शुरू करेगा और 10 मार्च को मार्गी यानी सीधा हो जाएगा। इसके बाद 7 अप्रैल को राशि बदलकर मीन में आ जाएगा।
ऐसे में सोमवार से बुध का वक्री होना बहुत मायने रखता है और सभी राशियों पर इसका प्रभाव भी पड़ेगा। चूंकि बुध संचार व्यवस्था, वाणी, कम्युनिकेशन, लेखन, गणित तथा तार्किक कार्यों का कारक है। इसलिए ऐसे में सभी राशियों के लोगों को बहुत सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि बुध के वक्री हो जाने से छोटी सी बात का बतंगड़ बन सकता है। और नतीजे उम्मीद से ज्यादा खराब हो सकते हैं। बिना वजह के लड़ाई झगड़े, विवाद तथा गलतफ़हमियां भी इस वजह से पैदा हो सकती हैं। फैसले लेने में परेशानी हो सकती है।
हालांकि वक्री बुध केवल अशुभ ही नहीं शुभ फल भी देता है। इसलिए घबडाएं नहीं वक्री बुध के प्रभाव से व्यापार में लाभ और धन प्राप्ति हो सकती है। आमदनी भी बढ़ सकती है। विवादों में जीत भी मिल सकती है।
यानी कुल मिलाकर जीवन मे अप्रत्याशित परिवर्तन देखे जा सकते हैं। इसलिए सावधान रहना जरूरी है।कुछ लोगों में क्रांतिकारी बदलाव दिखाई दे सकते हैं। बचकर रहें।