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चैत्र नवरात्रि के समय ना करें ये गलती, नहीं तो मां दुर्गा होंगी नाराज

चैत्र नवरात्रि का पर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होकर नवमी तिथि तक चलता है। इस दौरान आदिशक्ति की पूजा के लिए उपर्युक्त है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 7 April 2021 7:47 AM IST
चैत्र नवरात्रि के नियम
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सोशल मीडिया से फोटो

लखनऊ: हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक नवरात्रि है जो देवी के आह्वान का समय होता है। इस बार चैत्र 13 अप्रैल से शुरू हो रही हैं। भक्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की अराधना करने के साथ व्रत रखते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि का पर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होकर नवमी तिथि तक चलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि में कुछ व्रत नियमों का पालन करना जरूरी होता है।

न करें ये काम

कोई त्योहार हो या नवरात्रि उसमें साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। इन दिनों कालें रंग के कपड़े और चमड़े से बनी वस्तुओं का उपयोग ना करें। इन दिनों बाल, दाढ़ी और नाखून भी नहीं कटवाने चाहिए।



घर को खाली न छोड़े

घर में कलश स्थापना करने के बाद घर को खाली ना छोड़ें। किसी ना किसी व्यक्ति को घर में हमेशा रहना चाहिए। इन दिनों दिन के समय में सोना भी नहीं चाहिए।

लहसून प्याज रहित भोजन

नवरात्रि के पावन दिनों में अगर आपने व्रत नहीं लिए हुए हैं तो आप इन दिनों प्याज लहसुन और मांस मदिरा का सेवन ना करें। नवरात्रि के नौ दिनों तक पूर्ण सात्विक आहार लेना चाहिए।

ना बनाए इस दौरान संबंध

चैत्र नवरात्रि के दिनों में मन और काम भावना पर नियंत्रण रखना जरूरी है। इन दिनों महिला और पुरुषों को शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। मां की पूजा अर्चना साफ मन से करने से ही मां प्रसन्न होती हैं।



स्त्री को समझे देवी

जो महिलाओं का सम्मान करते हैं। मां दुर्गा उन्हीं पर प्रसन्न होती हैं। जिस घर परिवार में सदैव ही महिलाओं का सम्मान होता है, वहां मां की कृपा हमेशा बनी रहती है। उस पर मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती हैं।



Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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