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Chaitra Navratri 2023 Kab Hai: चैत्र नवरात्रि कब है, जानिए घट स्थापना का शुभ मुहूर्त और रामनवमी समेत नवरात्रि के 9 दिन कब कब है ?

Chaitra Navratri Kab Hai 2023 : हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि के दिन से हिंदू नववर्ष शुरू होता है। इस दिन घट स्थापना के साथ मां दुर्गा का आहवान किया जाता है। मान्यता है कि नवरात्रि में सच्चे मन से आराधना और पूजा करने से माता अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती है जानते हैं कब से शुरू हो रहा ये खास दिन

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 31 Jan 2023 1:50 AM GMT (Updated on: 31 Jan 2023 1:51 AM GMT)
Chaitra Navratri 2023 Kab Hai: चैत्र नवरात्रि कब है, जानिए घट स्थापना का शुभ मुहूर्त और रामनवमी समेत नवरात्रि के 9 दिन कब कब है ?
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Chaitra Navratri 2023 :साल 2023 में 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि और हिंदू नववर्ष आरंभ हो रहा है। जो नौ दिन तक चलेगा। इन नौ दिनों में देवी की नौ अलग-अलग रूपों में पूजा की जाती है। 2023 में चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू होंगी, 30 मार्च को चैत्र नवरात्रि समाप्‍त होंगी। बता दें कि चैत्र नवरात्रि ( Chaitra Navratri) से ही नया हिंदू नववर्ष शुरू होता है। मान्यता है कि नवरात्रि में सच्चे मन से आराधना और पूजा करने से माता अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती है और भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। चैत्र महीने को हिंदू नववर्ष का पहला महीना भी माना जाता हैं। इस बार चैत्र नवरात्रि में क्या है खास…

चैत्र नवरात्रि शुभ मुहूर्त

इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से हो रही है और और 30 मार्च 2023, दिन वार को नवरात्रि का समापन होगा। इन दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी। 2023 में चैत्र नवरात्रि का आरंभ 22 मार्च से होगा। पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च 2023 की रात 10 .52 मिनट से शुरू होगी और 22 मार्च 2023 की रात 8 .20 मिनट पर समाप्‍त होगी। उदया तिथि के अनुसार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च 2023 से होगी। इस दिन घटस्‍थापना का शुभ मुहूर्त केवल 1 घंटा 10 मिनट का रहेगा। घटस्‍थापना का शुभ मुहूर्त 22 मार्च की सुबह 06:29 बजे से सुबह 07:39 बजे तक रहेगा।

  • घटस्थापना बुधवार, 22 मार्च 2023
  • घटस्थापना मुहूर्त -सुबह 06:29 से सुबह 07:39
  • घटस्थापना अमृत काल -11:07 AM से 12:35 PM
  • घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है
  • प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ - 21 मार्च 2023 को रात 10.52 मिनट से
  • प्रतिपदा तिथि समाप्त - 22 मार्च 2023 को रात 8 .20 मिनट पर होगा

इसके साथ ही इस नवरात्रि में एक विशेष संयोग भी बनता दिख रहा है । इस बार नवरात्रि पर मकर राशि में शनि देव, मंगल के साथ रहेंगे, जो पराक्रम में वृद्धि करेंगे। रवि पुष्य नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग नवरात्रि को स्वयं सिद्ध बनाएंगे। शनिवार से नवरात्रि का प्रारंभ शनिदेव का स्वयं की राशि मकर में मंगल के साथ रहना निश्चित ही सिद्धि कारक है। इससे कार्य में सफलता, मनोकामना की पूर्ति, साधना में सिद्धि मिलेगी। चैत्र नवरात्रि के दौरान कुंभ राशि में गुरु, शुक्र के साथ रहेगा। मीन में सूर्य, बुध के साथ, मेष में चंद्रमा, वृषभ में राहु, वृश्चिक में केतु विराजमान रहेंगे।


चैत्र नवरात्रि के नौ दिन कब कब किस स्वरूप की पूजा है..

  • चैत्र नवरात्रि प्रथम दिन (22 मार्च 2023) - प्रतिपदा तिथि, मां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना
  • चैत्र नवरात्रि दूसरा दिन (23 मार्च 2023) - द्वितीया तिथि, मां ब्रह्मचारिणी पूजा
  • चैत्र नवरात्रि तीसरा दिन (24 मार्च 2023) - तृतीया तिथि, मां चंद्रघण्टा पूजा
  • चैत्र नवरात्रि चौथा दिन (25 मार्च 2023) - चतुर्थी तिथि, मां कुष्माण्डा पूजा
  • चैत्र नवरात्रि पांचवां दिन (26 मार्च 2023) - पंचमी तिथि, मां स्कंदमाता पूजा
  • चैत्र नवरात्रि छठा दिन (27 मार्च 2023) - षष्ठी तिथि, मां कात्यायनी पूजा
  • चैत्र नवरात्रि सातवां दिन (28 मार्च 2023) - सप्तमी तिथि, मां कालरात्री पूजा
  • चैत्र नवरात्रि आठवां दिन (29 मार्च 2023) - अष्टमी तिथि, मां महागौरी पूजा, महाष्टमी
  • चैत्र नवरात्रि नवां दिन (30 मार्च 2023) - नवमी तिथि, मां सिद्धीदात्री पूजा, दुर्गा महानवमी

नवरात्रि पूजा-विधि व सामग्री

नवरात्रि पूजा में कलश स्थापना और कन्या पूजा का विशेष महत्व होता है। उससे पहले पूजन सामग्री पर भी ध्यान दें। मां को भेंट के रूप में लाल चुनरी, चूड़ी, बिछिया, इत्र, सिंदूर, महावर, लाल बिन्द, शुद्ध मेहंदी,काजल,चोटी, माला या मंगल सूत्पा, पायल,कान की बाली आदि अर्पित करें। इससे मां आप पर प्रसन्न होंगी।

नवरात्रि में नौ देवियों के बीज मंत्र

  • शैलपुत्री: ह्रीं शिवायै नम:।
  • ब्रह्मचारिणी: ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।
  • चन्द्रघण्टा: ऐं श्रीं शक्तयै नम:।
  • कूष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:।
  • स्कंदमाता: ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।
  • कात्यायनी: क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।
  • कालरात्रि: क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।
  • महागौरी: श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
  • सिद्धिदात्री: ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।

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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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