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नवरात्रि के आखिरी दिन जरूर करें हवन, सभी मनोकामना होगी पूरी,जानें विधि

चैत्र नवरात्रि के 9वें दिन, राम नवमी का त्योहार मनाते हैं और इसी दिन दुर्गानवमी और नवरात्रि का समापन भी हवन से होता है।

Suman  Mishra
Published By Suman Mishra
Published on: 21 April 2021 7:26 AM IST (Updated on: 21 April 2021 8:08 AM IST)
हवन विधि
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सांकेतिक तस्वीर ( साभार-सोशल मीडिया)

लखनऊ : 9 दिनों से चल रही चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) का आज आखिरी दिन है। ऐसी स्थिति में, नवरात्रि का समापन दुर्गा नवमी (Durga Navami) से होता है। और आज नवमी है और कई लोग इस दिन अपना उपवास खोलते हैं। इस दिन घरों में हवन (Hawan) किया जाता है और साथ ही कन्या की पूजा की जाती है।

बता दें कि आज नौवें दिन, राम नवमी का त्योहार भी मनाया जा रहा है और माना जाता है कि इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। ऐसे में रामजन्मोत्सव के साथ दुर्गानवमी और नवरात्रि का समापन भी होता है। जो हवनादि से किया जाता है।

हवन सामग्री

सबसे पहले दुर्गा नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की विधि-विधान से पूजा करें। उसके बाद हवन आदि करके पूजा करें। एक सूखा नारियल या गोला, कलावा या लाल रंग का कपड़ा और हवन सामग्री के लिए एक हवन कुंड। इसके अलावा आम की लकड़ी, तना और पत्ती, चंदन, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलेठी की जड़, पीपल का तना और छाल, बेल, नीम, पलाश, गूलर की छाल, कपूर, तिल, चावल, लौंग, गाय का घी, गुग्गल, गोघन , इलायची, चीनी और जौ लें लें।

हवन की तस्वीर, (साभार-सोशल मीडिया)

हवन विधि

राम नवमी के दिन प्रात: जल्दी उठ जाना चाहिए। स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें। शास्त्रों के अनुसार हवन के समय पति- पत्नी को साथ में बैठना चाहिए। किसी स्वच्छ स्थान पर हवन कुंड का निर्माण करें। हवन कुंड में आम के पेड़ की लकड़ी और कपूर से अग्नि प्रज्जवलित करें। हवन कुंड में सभी देवी- देवताओं के नाम की आहुति दें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कम से कम 108 बार आहुति देनी चाहिए। आप इससे अधिक आहुति भी दे सकते हैं। हवन के समाप्त होने के बाद आरती करें और भगवान को भोग लगाएं। इस दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता हैं। आप हवन के बाद कन्या पूजन भी करवा सकते हैं

इन मंत्रों से करें हवन

ओम गणेशाय नम: स्वाहा

ओम गौरियाय नम: स्वाहा

ओम नवग्रहाय नम: स्वाहा

ओम दुर्गाय नम: स्वाहा

ओम महाकालिकाय नम: स्वाहा

ओम हनुमते नम: स्वाहा

ओम भैरवाय नम: स्वाहा

ओम कुल देवताय नम: स्वाहा

ओम स्थान देवताय नम: स्वाहा

ओम ब्रह्माय नम: स्वाहा

ओम विष्णुवे नम: स्वाहा

ओम शिवाय नम: स्वाहा

ओम जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा

स्वधा नमस्तुति स्वाहा.

ओम ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा

ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा।

ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते।


हवन की सांकेतिक तस्वीर, (साभार-सोशल मीडिया)

अब नारियल में कलावा या लाल कपड़ा बांध दें। उस पर पुरी, खीर, पान, सुपारी, लौंग, बतासा आदि डालकर हवन कुंड के बीच में रखें। फिर शेष हवन सामग्री पर पूर्ण आहुति मंत्र का पाठ करें, ओम पूर्णमद: गरीबनामिद् पूर्णं पुण्यं मृदच्यते, पुण्यं निर्धनमादे निर्मनाय विस्मयते स्वाहा और उन्हें अग्नि कुंड में डाल देंअ मां दुर्गा की आरती करें।

हालांकि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन है तो आप हवन सामग्री नहीं ला पाए हैं, तो परेशान न हों। मां दुर्गा की प्रतिदिन की जाने वाली पूजा कर लें और मां से अपनी मनोकामनाएं व्यक्त कर पूजा में हुई कमी या त्रुटियों के लिए क्षमा मांग कर अपनी पूजा संपन्न कर लें।

Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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