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Chanakya Niti: धरती पर ये तीन तरह के लोग हमेशा रहते हैं धनवान, मिलती है तरक्की
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की नीति शास्त्र काफी प्रसिद्ध है। नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने जीवन के सार को बताया है।
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की नीतियों का पालन करने पर व्यक्ति सफलता की ऊंचाइयां हासिल कर सकता है। उनकी नीतियां वर्तमान समय में भी प्रासंगिक हैं। चंद्रगुप्त मौर्य के काल में आचार्य चाणक्य ने नंद वंश के पतन में अहम भूमिका निभाई थी। आचार्य चाणक्य की नीति शास्त्र काफी प्रसिद्ध है। नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने जीवन के सार को बताया है। इसी नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि तीन तरह के लोग धरती पर सुखों की भोगते हैं। वह अपने जीवन में तरक्की की राह भी बढ़ते जाते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।
श्यस्य पुत्रो वशीभूतो भार्या छन्दानुगामिनी।
विभवे यश्च सन्तुष्टस्तस्य स्वर्ग इहैव हि।।
आचार्य चाणक्य की नीति शास्त्र के दूसरे अध्याय के तीसरे श्लोक में कहा गया है कि तीन तरह के लोग जीवन में सदा धनवान और सुखी रहते हैं। वह हमेषा जीवन में तरक्की करते हैं। उनके घर में सदा सर्वदा सुख और शांति का वास रहता है। दुख उनके करीब भी नहीं भटक पाता।
जानें कौन हैं वह तीन तरह के लोग
आचार्य चाणक्य के इस श्लोक के मुताबिक इस धरती पर वह पिता स्वर्ग के समान सुखों को भोगता है। जिसका पुत्र उसके वष में हो। वर्तमान समय में पिता और पुत्र के बीच आज्ञा पालन का स्वभाव लुप्त होता जा रहा है। इसलिए चाणक्य कहते हैं कि वह पिता किस्मत वाला है जिसका पुत्र उसकी हर आज्ञा का पालन करता है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि वह व्यक्ति इस धरा पर बेहद धनवान माना जाता है। जिसकी पत्नी पति की हर आज्ञा को अपना धर्म मानती हो। ऐसे लोग बड़े किस्मत माने जाते हैं। इस घर में पति-पत्नी के बीच संबंध मधुर होते हैं। उनका घर स्वर्ग से कम नहीं होता है। ऐसे लोगों के घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास रहता है।
आचार्य चाणक्य अपने श्लोक के अंत में यह समझाते हैं कि ईश्वर की कृपा और आपकी मेहनत से मिलने वाले धन से जो भी व्यक्ति संतुष्ट रहता है। वह इस धरती पर जब तक रहता है सुख और शांति का जीवन यापन करता है। ऐसे व्यक्ति को अपनी जीवन में कभी भी दुख का सामना नहीं करना पड़ता। वह संतुष्टि के साथ अपना जीवन बिताता है।