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Chandra Dosh Ke Upay: कुंडली में कैसे पता चलेगा कि चंद्रमा कमजोर है? जानिए चंद्रमा की शुभता के लिए क्या उपाय करें
Chandra Dosh Ke Upay: चंद्रमा कुंडली में कब कमजोर होता हैजानते है चंद्रमा की मजबूती के लिए क्या करें...
Chandra Dosh Ke Upay: कुंडली में खराब या अशुभ ग्रह स्थिति मैं चंद्रमा को मजबूत बनाने के लिए उपाय प्रदान किए जाते हैं। इसके साथ ही उपाय से चंद्रमा को शुभ हो या अशुभ भी किया जा सकता है। यदि ग्रह शुभ है तो उपाय उसके प्रभाव को बनाए रखने और बढ़ाने में मदद करते हैं। यदि अशुभ ग्रह के लिए उपाय किए जाते हैं तो वे नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं।चंद्र को मां का कारक कहा गया है ।चन्द्रमा के अधिदेवता भी शिव हैं ।चन्द्रमा मां का सूचक है और मन का कारक है, इसकी राशि कर्क है।
कुंडली में चंद्र अशुभ होने पर माता को किसी भी प्रकार का कष्ट या स्वास्थ्य को खतरा होता है, दूध देने वाले पशु की मृत्यु हो जाती है. स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है। घर में पानी की कमी आ जाती है या नलकूप, कुएं आदि सूख जाते हैं. इसके प्रभाव से मानसिक तनाव, मन में घबराहट, मन में तरह तरह की शंका और सर्दी बनी रहती है. व्यक्ति के मन में आत्महत्या करने के विचार भी बार-बार आते रहते हैं।
जितने भी दूध वाले वृक्ष हैं सभी चन्द्र के कारण उत्पन्न हैं। चन्द्रमा बीज, औषधि, जल, मोती, दूध, अश्व और मन पर राज करता है। लोगों की बेचैनी और शांति का कारण भी चन्द्रमा है। चन्द्रमा माता का सूचक और मन का कारक है। कुंडली में चन्द्र के अशुभ होने पर मन और माता पर प्रभाव पड़ता है।
आपके भावनात्मक आत्म और आंतरिक प्रवृत्ति के बारे में चंद्रमा विस्तार से जानकारी देता है। प्रत्येक राशि अपनी चंद्र भावनाओं को अलग-अलग तरीके से दिखाता है। कुछ व्यक्ति अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करते हैं तो कुछ अपनी भावनाओं को गहराई से संजोकर रखने वाले होते हैं।
चंद्रमा ज्योतिष में भावनात्मक आत्म और आंतरिक प्रवृत्ति का प्रतिनिधित्व करता है। यह सब चंद्रमा की कुंडली में स्थिति से निर्धारित होता है और आपकी भावनात्मक प्रतिक्रियाओं, आदतों और आवश्यकताओं को प्रभावित करता है. आपके चंद्र की स्थिति को समझने से आपकी भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को समझा जा सकता है।
कैसे पता चलेगा कि चंद्रमा कमजोर है?
किसी जातक की कुंडली में कमजोर चंद्रमा पहले व्यक्ति के स्वभाव को कमजोर करता है, अगर चंद्रमा कमजोर होता है, तो व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर परेशान होने लगता है. जल्दी भावुक हो जाता है. गलत फैसले लेना कमजोर चंद्र की निशानी हैचंद्रमा व्यक्ति के मन और भावना का कारक होता है। इसलिए चंद्र दोष में व्यक्ति हमेशा उलझन में रहता है। कुंडली का चंद्र दोष व्यक्ति के दिल, फेफड़े, अवसाद, मिर्गी और मौसमी बीमारी आदि का कारण बनता है।
घर का वायव्य कोण दूषित होने पर भी चन्द्र खराब हो जाता है। घर में जल का स्थान-दिशा यदि दूषित है तो भी चन्द्र खराब फल देता है। पूर्वजों का अपमान करने और श्राद्ध कर्म नहीं करने से भी चन्द्र दूषित हो जाता है। माता का अपमान करने या उससे विवाद करने पर चन्द्र अशुभ प्रभाव देने लगता है।
शरीर में जल यदि दूषित हो गया है तो भी चन्द्र का अशुभ प्रभाव पड़ने लगता है। गृह कलह करने और पारिवारिक सदस्य को धोखा देने से भी चन्द्र अशुभ फल देता है। राहु, केतु या शनि के साथ होने से तथा उनकी दृष्टि चन्द्र पर पड़ने से चन्द्र खराब फल देने लगता है।
चन्द्र ग्रहों में सबसे छोटा ग्रह है। परन्तु इसकी गति ग्रहों में सबसे अधिक है। शनि एक राशि को पार करने के लिए ढ़ाई वर्ष लेता है, बृहस्पति लगभग एक वर्ष, राहू लगभग 14 महीने और चन्द्रमा सवा दो दिन दृ कितना अंतर है। चन्द्रमा की तीव्र गति और इसके प्रभावशाली होने के कारण किस समय क्या घटना होगी, चन्द्र से ही पता चलता है। विंशोत्तरी दशा, योगिनी दशा, अष्टोतरी दशा आदि यह सभी दशाएं चन्द्र की गति से ही बनती है। चन्द्र जिस नक्षत्र के स्वामी से ही दशा का आरम्भ होता है।
अगर मन अच्छा है, मनोबल ऊँचा है तब व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास भी बढ़ता है और वह विपरीत परिस्थितियो में भी डटा रहता है लेकिन यदि किसी व्यक्ति का मन कमजोर है या वह बहुत जल्दी परेशान हो जाता है इसका अर्थ है कि कुण्डली में उसका चंद्रमा कमजोर अवस्था में है।
चंद्रमा की शुभता के लिए क्या करें
ज्योतिष के अनुसार भक्ति योग करने से चंद्रमा की ऊर्जा में बढ़ोत्तरी होती है। इसके अलावा भ्रामरी प्राणायाम, नियमित वज्रासन और नौकायान आसन करना भी लाभप्रद होता है। अनिष्ट चन्द्रमा की शांति के लिए पूर्णिमा व्रत सहित चन्द्र मन्त्र का विधिवत अनुष्ठान करना चाहिए। चारपाई के चारों पायों में चांदी की कील गाड़ना चाहिए।
चंद्रमा की पीड़ा शांति के निमित्त नियमित (अथवा कम से कम सोमवार को) चंद्रमा के मंत्र का 1100 बार जाप करना अभिष्ट होता है। जाप मंत्र इस प्रकार है-
ऊँ श्रां श्रीं श्रौं सरू चन्द्रमसे नम:
चंद्र नमस्कार के लिए निम्लिखित मंत्र का प्रयोग करें
दधि शंख तुषारामं क्षीरोदार्णव सम्भवम्।
नमामि शशिनं भक्तया शम्भोर्मकुट भूषणम्।।
शिव का महामृत्युंजय मंत्र तो चंद्र पीड़ा के साथ-साथ सभी ग्रह पीड़ाओं का निवारण कर मृत्यु पर विजय प्राप्त करने का सामर्थ्य देता है, वह इस प्रकार है-
त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्ष्रिय मामृतात्।।
चिकने, सुडौल और चमकीले मोती को चांदी की अंगूठी में जड़वाकर आप सोमवार के दिन अपनी कनिष्ठिका अंगुली में धारण करें। इससे आपके कुंडली में चंद्रमा की स्थिति में सुधार आएगा।
चंद्र दोष के उपाय-चंद्रमा की कमजोरी को दूर किया जा सकता है
ज्योतिष में चंद्रमा ग्रह को मन और माता का कारक बताया गया है।साथ ही चंद्रमा का संबंध भगवान शंकर से है। चंद्रमा मानसिक शांति, उदारता और माँ का प्यार लाता है। लेकिन अगर चंद्रमा खराब होगा तो इन सभी बातों में कमी का असर दिखने को मिलता है। यदि कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो तो व्यक्ति को अपने जीवन में काफी मानसिक परेशानी से गुजरना पड़ता है।अवसाद, अनिद्रा, सिरदर्द आदि से पीड़ित होना पड़ता है। कभी-कभी, पीड़ित चंद्रमा मानसिक अस्थिरता और मानसिक असंतुलन का कारण भी बनता है।
चंद्रमा को बेहतर करने के लिए माता की सेवा अवश्य करनी चाहिए. यह उपाय बहुत कारगर माना गया। जिससे चंद्र दोष के कारण होने वाली परेशानियों से राहत मिल पाती है।
चंद्र ग्रह को प्रसन्न करने के लिए थोड़ी सी सौंफ जमीन में गाड़ देना अच्छा होता है। ऎसा करने से चंद्रमा की शुभता प्राप्त होती है
चंद्रमा को बेहतर करने के लिए जरूरतमंदों को पानी और दूध का दान भी कर सकते हैं ऎसा करने से चंद्रमा की शुभता बनी रहती है।