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Chandra Grahan 2022: कैसे और क्यों लगता है चंद्र ग्रहण, जानें इसके पीछे जुड़ी धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

Chandra Grahan 2022: साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को लगने जा रहा है। बता दें कुछ दिनों पहले ही दिवाली पर साल का आखिरी और दूसरा सूर्य ग्रहण लगा था।

Anupma Raj
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Published on: 2 Nov 2022 6:13 AM IST (Updated on: 2 Nov 2022 6:13 AM IST)
Lunar Eclipse Date and Time
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Chandra Grahan 2022 (Image: Social Media)

Chandra Grahan 2022: साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को लगने जा रहा है। बता दें कुछ दिनों पहले ही दिवाली पर साल का आखिरी और दूसरा सूर्य ग्रहण लगा था। अब इस साल देव दीपावली के मौके पर चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चंद्र ग्रहण क्यों और कैसे लगता है? नहीं जानते तो आइए जानते हैं कि चंद्र ग्रहण क्यों और कैसे लगता है और इसके पीछे का कारण:

चंद्र ग्रहण कैसे लगता है

दरअसल जब चंद्रमा धरती की छाया में चला जता है तब चंद्र ग्रहण लगता है। यानी जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी के गर्भ में आ जाता है तब पूर्ण चंद्र ग्रहण लगता है। जानकारी के लिए बता दें कि पूर्णिमा की रात को ही चंद्र ग्रहण लगता है।

चंद्र ग्रहण क्यों लगता है

दरअसल चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो तब होती है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया से गुजरता है। इसका मतलब यह हुआ कि जब सूर्य और चाँद के बीच पृथ्वी के आने से चंद्रमा पर प्रकाश पड़ना बंद होता है, उसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं।

धार्मिक मान्यता के अनुसार चंद्र ग्रहण लगने का कारण

धार्मिक मान्यता के अनुसार देवी काल में जब देवताओं को अमृत पान और दैत्यों को वारुणी पान कराया गया था, तब इस बात की खबर दैत्य राहु को लग चुकी थी। दरअसल तब दैत्य स्वर्भानु ने छुपकर देवताओं की पंक्ति में जाकर अमृत पान कर लिया था और यह सब सूर्य और चंद्रमा ने देख लिया और भगवान विष्णु को बता दिया। तब भगवान विष्णु अपने सुदर्शन चक्र से स्वर्भानु नामक राक्षस की गर्दन काट दी। बता दें अमृत पीने के कारण गले कटने के बाद भी स्वर्भानु नहीं मरा और सिर और धड़ अलग होने पर भी वह जीवित रहा। इसलिए स्वर्भानु के सिर को राहु और धड़ को केतु कहा जाता है। तब से ऐसा माना जाता है कि कुछ समय के लिए ही राहु सूर्य और चंद्रमा को निगल लेता है और इसी को सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण कहा जाता है। दरअसल चंद्र ग्रहण के दिन लोग कई तरह से सावधानियां बरतते हैं खासकर गर्भवती महिलाएं। इस दिन नए और अच्छे काम करने की भी मनाही रहती है। इसलिए चंद्र ग्रहण के दिन लोग नया काम शुरू नहीं करते।

चंद्र ग्रहण लगने के पीछे वैज्ञानिक कारण

दरअसल वैज्ञानिक भाषा में समझें तो चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो तब होती है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया से गुजरता है। यानी जब सूर्य और चाँद के बीच पृथ्वी के आने से चंद्रमा पर प्रकाश पड़ना बंद होता है, तब उसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। वहीं नासा के अनुसार चाँद धरती के चक्कर लगाता है और धरती सूरज के। लेकिन जब भी धरती सीधे तौर पर सूरज और चाँद के बीच में आ जाती है, तो वह चाँद पर पड़ रही रोशनी को रोक देती है। जिसके कारण धरती की परछाई चाँद पर पड़ती है और यही चंद्र ग्रहण कहलाता है।




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Sports Content Writer

My name is Anupma Raj. I am from Patna. I'm a content writer with more than 3 years of experience.

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