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Chandra Grahan 2022 Significance: चंद्र ग्रहण में राशि के अनुसार मंत्र जाप और इन चीजों का दान, बनायेगा आपको धनवान...

Chandra Grahan 2022 Significance: 16 मई 2022 को लगने वाला सूर्य ग्रहण कई मायनों में खास है। इस ग्रहण के दौरान धनु, मेष सिंह राशि के जातकों का वर्चस्व बढ़ेगा। इस ग्रहण का बहुत धार्मिक महत्व है। ग्रहण के दौरान राशि के अनुसार मंत्र जाप करने से लाभ होता है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 16 May 2022 7:00 AM IST (Updated on: 16 May 2022 7:52 AM IST)
Chandra Grahan 2022 Significance
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Chandra Grahan 2022 Significance

चंद्र ग्रहण 2022 का महत्व

आने वाली16 मई सोमवार बुध पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) लगने जा रहा हैं। इस चंद्रग्रहण का महत्व इसलिए और बढ़ जाता हैं क्योंकि इस दिन बुध पूर्णिमा का पावन पर्व हैं। लेकिन यह चंद्रग्रहण उपछाया हैं जिसमें सूतक का महत्व नहीं रहता है। लेकिन ग्रहण कोई भी हो दान का हर ग्रहण में महत्व होता है।

16 मई का चंद्रग्रहण वृश्चिक राशि में लगेगा। सुबह 06 बजकर 16 मिनट तक वरियान योग फिर 16 मई की सुबह परिघ योग भी रहेगा। इस ग्रहण का शुभ प्रभाव मेष,सिंह और धनु राशि पर पड़ेगा और इनका जीवन चंद्गमा के समान शीतल और समृद्धिदायक रहेगा। इस ग्रहण का खराब प्रभाव वृश्चिक राशि पर पड़ेगा, इसलिए इन्हे सतर्क और भगवान की पूजा करनी चाहिए। यह चन्द्र ग्रहण एशिया कुछ हिस्सों में दिखेगा। भारत में दिखाई नहीं देगा।

इसलिए कुछ ऐसी चीजों को जाने जिनका दान मान-सम्मान में वृद्धि होने के साथ ही सुख शांति देता हैं...

  • चावल को अक्षत भी कहा गया है जिसका सम्बन्ध चंद्रमा से होता है। शुभ कार्यों से पहले सदैव अक्षत का प्रयोग किया जाता है। ग्रहण के बाद चावल का दान करने से घर में धन - धान्य की कोई कमी नहीं होती है।
  • दूध, चंद्रग्रहण के पश्चात दूध का दान करने से माता लक्ष्मी और भगवान नारायण का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार दूध का विशेष महत्व चंद्रमा के साथ माना गया है।
    • शक्कर दान से इष्ट देवी - देवताओं के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। और समृद्धि भी बढ़ती है। परिवार में खुशियां बढ़ती है।
    • चांदी का दान बहुत विशेष होता है। इससे व्यक्ति को कुशाग्र बुद्धि एवं धन - वैभव से सम्पन्नता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। विद्या में वृद्धि होती है।

    बता दें कि साल का पहला चंद्र ग्रहण है। इससे पहले 30 अप्रैल को सूर्य ग्रहण लगा था। इस बार सोमवार के दिन लगने वाला चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि में लग रहा है। पंचांग के अनुसार इस दिन सूर्य वृश्चिक राशि में राशि में होंगे। चंद्र ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

चंद्रमा का प्रभाव और चंद्र ग्रहण में राशि के अनुसार मंत्र जाप

ग्रहण के दौरान चंद्रमा पीड़ित हो जाते हैं। ऐसे में चंद्रमा का पूरा प्रभाव नहीं पड़ता है। जिन लोगों की जन्म कुंडली में चंद्रमा कमजोर अवस्था है उन पर इसका अधिक प्रभाव देखा जाता है। इसलिए चंद्रमा को मजबूत बनाने के लिए सफेद वस्त्रों का दान करें, भगवान शिव की पूजा करें और पूर्णिमा को चंद्रमा को जल अर्पित करें। ऐसा करने से चंद्रमा की अशुभता कम होती है।

ग्रहण काल में अपने इष्टदेव के मंत्रों का जाप करना चाहिए। इसमें आप भगवान विष्णु के मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय, भगवान शिव के मंत्र ऊँ नम: शिवाय, भगवान गणेश के मंत्र श्री गणेशाय नम: का जाप कर सकते हैं।

मेष- ॐ आदित्याय नमः का जाप करें।

वृष- ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।

मिथुन- ॐ बृं बृहस्पतये नमः का जाप करें।

कर्क- ॐ ऐं गुरुवे नमः का जाप करें।

सिंह- आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें।

कन्या- ॐ बृं बृहस्पतये नमः का जाप करें।

तुला- ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।

वृश्चिक- ॐ रां राहवे नमः का जाप करें।

धनु- ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।

मकर- ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।

कुम्भ- ॐ ऐं गुरुवे नमः का जाप करें।

मीन- विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।

इस साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) 16 मई को लग रहा है। इस दिन वैशाख माह की पूर्णिमा और बुद्ध जयंती है। जिस दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है वह दिन सोमवार चंद्र देव को समर्पित है। अनुराधा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में लगने वाला चंद्र गहण कई मायनों में खास है। वेद पुराणों में वर्णित खगोलीय घटना चंद्र ग्रहण का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टि से चंद्र ग्रहण का अपना महत्व है। कुछ धर्मग्रंथों में ग्रहण का वर्णन और उस दौरान बहुत सी बातों को ना करने की मनाही भी है।

चंद्र ग्रहण का समय और सूतक काल

यह चंद्र ग्रहण 16 मई, 2022 के दिन सुबह 08 बजकर 59 मिनट से सुबह 10 बजकर 23 मिनट रहेगा। यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। 2022 का पहला चंद्र ग्रहण दक्षिण-पश्चिमी यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर में दिखाई देगा। इस ग्रहण में भी सूतक काल मान्य नहीं रहेगा। इसी दिन चांद का खूबसूरत नजारा ब्लड मून दिखेगा।


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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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