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Chandra Grahan Daan Ka Mahatva: सूर्य ग्रहण के 15 दिन बाद लग रहा चंद्र ग्रहण, जानिए इस दौरान किए गए दान का महत्व
Chandra Grahan Daan Ka Mahatva: 5 मई का चंद्र ग्रहण कई तरह की प्राकृतिक हलचल लेकर आएगा। वैशाख माह के बुद्ध पूर्णिमा के दिन दिखने वाला चंद्र ग्रहण में क्या करें और क्या न करें । साथ ही ग्रहण के बाद किन चीजों के दान का महत्व है जानिए
Chandra Grahan 2023: साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को है जिसके चलते ग्रहण के समय काम - काज करना वर्जित माना जाता है। अगर पुराणों की बात करें तो कहा जाता है राहु - केतु की छाया चंद्रमा पर पड़ती है जिसके कारण ग्रहण के दौरान कोई काम नहीं किया जाता है। आज भारत में एक उपछाया के रूप में चंद्र ग्रहण दिखाई देगा।
ग्रहण के दौरान सूतक भी लगता है इस वजह से भी कोई काम करना सही नहीं माना जाता है क्योंकि ग्रहण काल के समय नकारात्मक शक्तियां प्रबल होती हैं जिसका असर किसी भी काम पर पड़ जाता है। ग्रहण काल के दौरान खाना - पीना नहीं बनाना चाहिए।
साल का पहला चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) 5मई को लगने वाला है। पंचांग के अनुसार 5 मई की रात 08.45 पर लगने जा रहा है, इसकी समाप्ति 06 मई 2023 को प्रात: 1.00 बजे होगी। इस दिन नक्षत्र स्वाति 09:39 PM तक उपरांत विशाखा है, चन्द्रमा तुला राशि में रहेगा।यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस ग्रहण में भी सूतक काल मान्य नहीं रहेगा।
इस चंद्र ग्रहण को ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, पूर्वी एशिया और अमेरिका के कई क्षेत्रों में देखा जा सकेगा। इन जगहों पर पूर्ण चंद्र ग्रहण की तरह दिखेगा।
चंद्र ग्रहण में क्या न करें ?
चंद्र ग्रहण लगता है तो कई कामों को करना वर्जित माना गया है। तो जानते हैं इस ग्रहण के लगने पर कौन सा काम नहीं करना चाहिए।
- चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी तरह से शुभ काम न करें।
- ग्रहण के समय भोजन बनाने से बचे।
- भगवान की मूर्तियों को न छुएं और तुलसी के पत्तों को भी न छुएं।
- ग्रहण के समय वाद - विवाद होने से बचें।
- बालों में कंघी न करें।
- ग्रहण काल में गर्भवती महिलाएं घर से बाहर जाने से बचें।
- ग्रहण काम के समय शारीरिक संबंध न बनाए ।
- धारदार वस्तुओं का इस्तेमाल न करें।
चंद्र ग्रहण लगने पर क्या करें ?
- ग्रहण लगने से पहले खाने पीने की सभी चीजों में तुलसी की पत्ती डाल दें।
- ग्रहण लगने पर मन ही मन भगवान की प्रार्थना करें।
- ग्रहण खत्म होने के बाद आटा, दाल, चावल, चीनी आदि चीजों का सामान दान करें।
- ग्रहण के समय मंत्रोचारण करें इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है।
- ग्रहण की समाप्ति के बाद घर की सफाई करें और खुद भी स्नान कर लें।
चंद्र ग्रहण में मंत्रों का करें जाप
तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन ।
हेमताराप्रदानेन मम शांतिप्रदो भव।।
विधुंतुद नमस्तुभय्म सिंहिकानन्दनाच्युत।
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाअभ्यात ।।
चंद्र ग्रहण के बाद दान का महत्व
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, चंद्रग्रहण के दिन सफेद वस्तुओं का दान करना चाहिए। इसके पीछे मत यह है कि चंद्रमा का रंग भी सफेद है इसलिए इस रंग की वस्तुएं दान करने से चंद्र दोष से राहत मिलती है। ऐसे में चंद्रग्रहण के दिन चावल का दान जरूर करें। मान्यता है कि इसके दान से घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, अगर कोई हमेशा ही बीमार रहता हो। या फिर घर-परिवार का कोई सदस्य बीमारी से जूझ रहा हो तो ग्रहण के दिन चांदी का दान करें। इसके लिए ग्रहण के दिन एक बाउल लें और उसमें चांदी का सिक्का डाल दें। इसके बाद उसमें अपनी छाया देखकर किसी जरूरतमंद को दान कर दें। ध्यान रखें कि दान हमेशा जरूरतमंदों को ही करना चाहिए। तभी इसका फल मिलता है। मान्यता है कि चांदी के दान से बीमारी से राहत मिलती है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, अगर जीवन से परेशानियां खत्म होने का नाम ही न ले रही हों। कभी संपत्ति विवाद तो कभी कार्यक्षेत्र में धन संबंधी समस्याएं हों। तो ऐसे में राहत पाने के लिए ग्रहण के दिन तिल का दान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जातकों की संपत्ति और कार्यक्षेत्र में धन संबंधित सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।